Letter For Leave : भैंस के लिए उमड़ा सिपाही का प्रेम, पत्र सोशल मीडिया में वायरल
भोपाल। आप ने अब तक मां के दूध का कर्ज चुकाने के कई किस्से सुने होंगे। लेकिन, एक ताजा किस्सा इन दिनों मध्य प्रदेश (MP Constable News) में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पत्र एक बटालियन के सिपाही ने सेनानी को लिखा (Letter For Leave) है। इस पत्र में उसने भैंस (Bhains Ke Liye Patra) के दूध का कर्ज उतारने के लिए छुट्टी देने के लिए आवेदन किया था। हालांकि विभाग के फर्ज के सामने उसको अपने भैंस के प्रेम को तिलांजली देनी पड़ी। मामला यहां नहीं थमा और यह रोचक पत्र सोशल मीडिया (MP Ajab-Gajab News) में वायरल हो गया। इसके वायरल होते ही उस सिपाही की तलाश शुरु हो गई। अब अफसर और वह कर्मचारी आवेदन से ही मुकर रहे हैं।
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मां की तबीयत चल रही खराब
आवेदन 24 जून को सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इस आवेदन में छह दिन के लिए सिपाही ने सीएल (MP Constable Leave Letter Case) छुट्टी मांगी है। आवेदन बटालियन के सेनानी के नाम पर संबोधित है। जिसमें सिपाही ने लिखा है कि उसकी मां की तबीयत खराब चल रही है। घर पर एक भैंस (Buffalo Ke Liye Letter) भी है जिसकी देखरेख बीमारी की वजह से उसकी मां नहीं कर सकती है। इस आवेदन पर डिप्टी कमांडेंट ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया। इसकी वजह पूछी गई तो बताया गया कि वह छुट्टी से हाल ही में लौटा है।
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भैंस के लिए इतना लगाव
आवेदन में सिपाही ने लिखा है कि वह भैंस का दूध पीकर बढ़ा हुआ है। उसके कर्ज काफी है और अब वह चुकाने का समय है। आवेदन में सिपाही ने आगे लिखा है कि उसी भैंस के दूध को पीकर वह दौड़ में अव्वल आया और उसे पुलिस की नौकरी मिली। मां बीमार चल रही है और वह भैंस की देखरेख नहीं कर सकती। इसके अलावा भैंस ने कुछ दिन पहले बच्चे को भी जन्म दिया है। इसलिए फर्ज चुकाने के लिए उसका समय है।
संवेदना पर सियासत
मध्य प्रदेश में पुलिस विभाग की छुट्टी (MP Police Weekly Off) सियासत के केन्द्र में रही है। कांग्रेस पार्टी ने तो बकायदा अपने घोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था। पुलिस महकमा अनुशासन में होता है। इसलिए छुट्टी कई कर्मचारी बहाने बनाकर भी लेते हैं। हालांकि इस पत्र के दावों की हम पुष्टि नहीं करते हैं। द क्राइम इंफो के पास सिपाही का नाम और उससे जुड़ी पूरी जानकारी है। उसकी दुधारु पशु को लेकर इस संवेदना का दूसरे साथी मजाक न बनाए इसलिए नाम देने से बच रहे हैं।
साहब ने यह बोलकर किनारा किया
इस मामले में सेनानी आरएस मीणा (IPS RS Meena) से प्रतिक्रिया ली गई। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में दूसरे मीडिया हाउस से भी फोन आए थे। अवकाश के संबंध पर निर्णय डिप्टी कमांडेंट लेते है। उनके संज्ञान के बाद ही फैसला लिया जाता है। उन्होंने कहा कि पत्र ऐसा सामने आया तो था लेकिन सिपाही को अवकाश नहीं दिया गया है।
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