विधानसभा के गेट पर दिया धरना, जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा से मुलाकात के बाद संतुष्ट होने का किया दावा
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में माफिया के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। इस अभियान के तहत कई जगहों पर बुलडोजर चल रहे हैं। लेकिन, इस कार्रवाई से नाराज होकर उनकी ही पार्टी के ग्वालियर से विधायक मुन्ना लाल गोयल ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने दो पेज का पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को अपनी नाराजगी भी जताई। इसके अलावा उन्होंने बकायदा विधानसभा के सामने प्रदर्शन भी किया। इस पत्र के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद सरकार बैक फुट में आ गई। सरकार की तरफ से चाय डिप्लोमेसी की रणनीति अपनाकर विधायक को मनाया गया। हालांकि इससे पहले सरकार की जितनी किरकिरी होनी थी वह हो चुकी थी।
जानकारी के अनुसार यह सारा उस वक्त हुआ जब कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राजधानी के दौरे पर थे। सिंधिया ने शुक्रवार को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा समेत कई अन्य मंत्रियों से मुलाकात की थी। इसके अलावा शिवाजी नगर स्थित पीसीसी कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान वहां धक्कामुक्की भी हुई थी। इस धक्कामुक्की की खबरों के बीच दूसरी खबर राजनीतिक गलियारों में आ गई। यह खबर थी ग्वालियर पूर्व से विधायक मुन्नालाल गोयल की। उनका दो पेज का पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया। जिसके बाद पीसीसी का पूरा हंगामा विधायक की तरफ मुड़ गया। दरअसल, विधायक ने दो पेज का पत्र मुख्यमंत्री कमल नाथ को संबोधित करते हुए लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा कि पांच साल तक मैं आपके साथ खड़ा हूं लेकिन, क्षेत्र की जनता के लिए भी मैं गांधीवादी तरीके से लड़ाई लड़ता रहता हूं। उन्होंने पत्र में लिखा कि अपने क्षेत्र के भूमि हीन गरीबों को देखता हूं जिनके आशियाने कड़कड़ाती ठंड में बुलडोजर चलाकर तोड़े जा रहे हैं। प्रशासन के अधिकारियों से कांग्रेस कार्यकर्ता का अपमान देख रहा हूं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि गरीब परिवारों को पट्टे के लिए कई बार ध्यानाकर्षण के जरिए आप तक बात भी पहुंचा चुका हूं। जबकि कांग्रेस के वचन पत्र में पट्टे देने का वादा है। लेकिन, इस वचन को निभाने में देरी हो रही है। मुन्नालाल ने पत्र में यह भी लिखा है कि मुख्यमंत्री को विधायक की बात सुनने का समय ही नहीं हैं। उन्होंने पत्र के माध्यम से दो दिन के लिए बुलाए गए विशेष सत्र से बर्हिगमन करने का भी घोषणा की।
पांच बिंदुओं पर लिखे गए इस पत्र में उन्होंने पट्टे के लिए फिर से सर्वे कराने की मांग की है। इसके अलावा ग्वालियर एडीएम अनूप सिंह को हटाने की मांग की हैं। मुरार नदी के संरक्षण और रिंग रोड की मांग की। इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया कि एक पखवाड़े में हर संभाग के अनुसार विधायकों से विकास कार्यों की समीक्षा की जाए। इसके साथ ही विधायक मुन्नालाल गोयल ने इन मुद्दों को लेकर विधानसभा गेट तीन के सामने शनिवार को धरना देने की घोषणा की। इस घोषणा के अनुरुप उन्होंने धरना भी दिया। इससे पहले समाचार चारों तरफ फैल गया। जिसके बाद धरने से मुन्नालाल गोयल को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा के बंगले पर चाय के लिए बुलाया गया। चाय पीने के बाद विधायक ने कहा कि उनकी समस्याओं का निदान हो जाएगा। ऐसा आश्वासन मिला है। इसके अलावा मंत्री गोविंद सिंह ने बयान दिया कि जो भी आर्थिक मामलों को छोड़कर बाकी मांगे हैं वह जल्द पूरी कर ली जाएगी।
कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं
कांग्रेस में अलग—अलग धड़े हैं। एक धड़ा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का है। जबकि दूसरा धड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया का है। मुख्यमंत्री कमल नाथ सभी को एक साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, बीच—बीच में बगावत के सुर आने लगते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब मुख्यमंत्री कमल नाथ के लिए उनके ही किसी विधायक ने विरोध किया हो। इससे पहले भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद की एक पार्टी के बाद भी मामले ने तूल पकड़ा था। आरिफ मसूद ने अपने बंगले पर उन विधायकों को न्योता दिया था जो पहली बार चुनकर आए हैं। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि उसके बाद आरिफ मसूद ने कोई बयान देना ही बंद कर दिया।
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