स्पेशल कोर्ट से लाल सिंह आर्य को मिली राहत
भोपाल। Makhanlal Jatav Murder Case कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या (Congress MLA Makhanlal Jatav Murder Case) के मामले में पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता लाल सिंह आर्य (Lal Singh Arya) को बरी कर दिया गया है। भोपाल की एक विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में लाल सिंह आर्य को बरी कर दिया। माखनलाल जाटव की हत्या 2009 में भिंड के गोहद तहसील के छिरैंटा गांव में हुई थी। गोली मारकर कांग्रेस विधायक जाटव को मौत के घाट उतारा गया था। उस वक्त वे 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रचार कर रहे थे। जाटव के सरकारी सुरक्षा गार्ड शिवराज सिंह के बयान के आधार पर नारायण शर्मा, शेरा उर्फ शेर सिंह, पप्पू उर्फ मेवाराम, सेठी कौरव, गंधर्व सिंह, केदार सिंह, तेजनारायण शर्मा, रामरूप सिंह गुर्जर को आरोपी बनाया गया था।
11 साल पुराने मामले में माखनलाल जाटव के बेटे रणवीर सिंह के आवेदन पर भिंड की स्पेशल कोर्ट ने लाल सिंह आर्य को आरोपी बनाया था। जिसके बाद आर्य ने कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया था। लेकिन आर्य की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। जाटव के बेटे रणवीर सिंह का आरोप था कि 13 अप्रैल 2009 को रात 8 बजे लाल सिंह आर्य अपने चार साथियों के साथ छिरैंटा गांव में मौजूद थे। उन्होंने ही माखनलाल जाटव की हत्या कराई थी।
मामला विधायक से जुड़ा होने के कारण केस को भोपाल की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया। स्पेशल कोर्ट ने लाल सिंह आर्य के खिलाफ 6 बार जमानती वारंट जारी किया था। जिसके बाद आर्य कोर्ट में पेश हुए और 1 लाख रुपए के मुचलके पर उन्हें जमानत मिली थी। कोर्ट में माखनलाल जाटव के सुरक्षा गार्ड बालकृष्ण ढ़ोंगरा के भी बयान हुए थे। उसका कहना था कि अंधेरे की वजह से वो गोली चलाने वालों को देख नहीं पाया था।