AG-8 Ventures Scam: घर के सपने दिखाकर ठगे गए कई लोग ऐसे ही बिल्डर को रसूखदार नहीं कह रहे
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज एजी—8 वेंचरर्स स्कैम (AG-8 Ventures Scam) से जुड़ी है। इस कंपनी के खिलाफ 100 से अधिक परिवारों ने मोर्चा खोल रखा है। आरोप है कि बिल्डर ने एग्रीमेंट के अनुसार तय समय में मकान बनाकर नहीं दिया। जिसको लेकर 1 सितंबर को मिसरोद थाने में शिकायत की गई। यहां बिल्डर के खिलाफ हुई शिकायत पहली बार नहीं है। इससे पहले भी एक जालसाजी की एफआईआर में बिल्डर का नाम आया था। उस मामले को भी पुलिस ने जांच के नाम पर लटका रखा है।
यह था पूरा मामला
शाहपुरा थाने में 8 जून, 2021 की रात लगभग 10 बजे धारा 420/406/34 (जालसाजी, गबन और एक से अधिक आरोपी) का केस दर्ज किया गया था। जिसकी शिकायत ऐशबाग स्थित नवीन नगर निवासी बाबू खां पिता फत्तू खां ने दर्ज कराई थी। इस मामले में आरोपी तेजपाल पाटीदार (Tejpal Patidar), सलीम खान और अन्य बनाए गए थे। हालांकि इस प्रकरण में अब तक किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपियों में शामिल सलीम खान (Salim Khan) पीड़ित व्यक्ति का ही भाई है। इसी मामले में कई रसूखदारों के नाम सामने आए थे। जिन्हें पुलिस ने सीधे अब तक आरोपी नहीं बनाया। मामले को जांच में बताकर लटकाया जा रहा है। ऐसा बाबू खां ने द क्रइम इंफो से बातचीत में आरोप लगाया है।
रजिस्ट्री हो गई थी शून्य
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बाबू खां ने बताया कि उसके पिता फत्तू खां (Fattu Khan) के नाम पर करीब तीन एकड़ की जमीन थी। जिसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी 1997 में तेजपाल पाटीदार के साथ की थी। पिता का 2001 में निधन हो गया। इस कारण तेजपाल पाटीदार के साथ हुई पॉवर ऑफ अटॉर्नी नियमानुसार शून्य हो गई थी। इसके बावजूद भाई सलीम खान की मदद से तेजपाल पाटीदार ने सितंबर, 2002 में एक एकड़ जमीन मुख्तार आम बनाकर बेच दी। इस जमीन को अनवर मोहम्मद खान (Anvar Mohmmed Khan) को बेची गई थी। फिर अनवर मोहम्मद खान ने वह जमीन आकृति बिल्डर्स के मालिक हेमंत सोनी (Hemant Soni) को बेच दी गई। इस बात का प्रकरण बाबू खा की तरफ से भोपाल अदालत में लगाया गया। जिसमें अदालत ने रजिस्ट्री को शून्य घोषित करने का आदेश जारी किया।
ऐसा करके एफआईआर में नहीं आया नाम
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बाबू खां (Babu Khan) के पिता के नाम पर जमीन शाहपुरा इलाके में बावड़िया कला में हैं। जहां आकृति बिल्डर ने अपना प्रोजेक्ट खड़ा किया। बाबू खां का आरोप है कि जब पिता की मौत हो चुकी है तो उसके बावजूद करार किया गया। जबकि संपत्ति में अन्य भाईयों का भी हिस्सा था। जिसके संबंध में कोई सहमति नहीं ली गई। इन्हीं जमीन में से एक हिस्सा हंसराज कामदार (Hansraj Kamdar) ने भी 2006 में खरीदा था। हंसराज कामदार ने भी यह जमीन आकृति बिल्डर (AG-8 Ventures Scam) को बेची थी। बाबू खां का आरोप है कि जमीन बेचने के लिए जो पॉवर ऑफ अटॉर्नी बनाई गई वह जाली है। इसी एफआईआर में पुलिस ने आरोपियों में अन्य लिखकर रसूखदारों को बचा लिया।
दस्तावेजों को परीक्षण के लिए भेजा
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थाने में दर्ज प्रकरण को लेकर एएसपी राजेश सिंह भदौरिया (ASP Rajesh Singh Bhadouriya) ने कहा कि दोनों एक—दूसरे के खिलाफ शिकायतें कर रहे हैं। दोनों पक्षों के तथ्यों की पड़ताल की जा रही है। बाबू खान से दस्तावेज जब्त किया जाना बाकी है। जिसके संबंध में नोटिस दे दिया गया है। विवादित हस्ताक्षर वाले दस्तावेजों को पड़ताल के लिए भेजा गया है। इस संबंध बाबू खान के फिंगर प्रिंट लिए गए है। एएसपी ने बताया कि हंसराज कामदार का कहना है कि बाबू खान ने स्वयं एग्रीमेंट कराया था। अब वह मुकर रहा है। इन्हीं आरोपों को लेकर यह कवायद की जा रही है। आरोपियों की गिरफ्तारी फिलहाल नहीं हो सकी है।
विवादों में आए हंसराज बातचीत से बचते रहे
हंसराज कामदार सामने आकर बातचीत करने के लिए तैयार नहीं हुए। उनसे उनसे तीन बार अलग—अलग समय में बातचीत करने का प्रयास किया था। इस बातचीत के दौरान उनके बेटे नानक कामदार (Nanak Kamdar) ने फोन किया। उन्होंने कहा कि मैं पिता का कारोबार संभालता हूं, मुझसे बातचीत कीजिए। जब बताया गया कि उनके पिता पर संगीन आरोप हैं तो वे उसे फर्जी होने का दावा करने लगे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पुलिस अफसरों से बातचीत के बाद आने के लिए कहा। हमारी तरफ से अफसरों से भी प्रतिक्रिया ली गई। उसके बावजूद हंसराज कामदार बातचीत के लिए सामने नहीं आए।
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