ATM Fault News: भारतीय रिजर्व बैंक की चुप्पी का पलवल से आकर गिरोह ने ऐसे उठाया फायदा
भोपाल। भारतीय स्टेट बैंक कई जगहों पर अभी भी आउटडेटेड एटीएम (ATM Fault News) मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है। यह हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि इस बात का खुलासा पलवल (Palval) के एक गिरोह ने किया है। इस गिरोह को भोपाल सायबर क्राइम की टीम ने दबोचा है। रैकेट का सक्रिय सदस्य यह बात बखूबी जानता था। इसलिए उसने ऐसे एटीएम को टारगेट करने के लिए बकायदा एक औजार भी बनाया है। इसको फंसाने के बाद एटीएम में एरर डिस्प्ले होता था। लेकिन, गिरोह रकम निकाल लेता था। पुलिस का दावा है कि करीब 10 लाख रुपए इस तकनीक का इस्तेमाल करके गिरोह निकाल चुका है।
ऐसे मिला पुलिस को सुराग
भोपाल क्राइम ब्रांच ने 17 अक्टूबर को 280/21 धारा 380/451/427 (सादा चोरी, एटीएम में घुसकर और तोड़फोड करने) का मुकदमा दर्ज किया है। यह एफआईआर रविवार रात लगभग आठ बजे दर्ज की गई है। जिसकी शिकायत प्रेम प्रकाश रंगा पिता स्वर्गीय टेकराम रंगा उम्र 40 साल ने दर्ज कराई है। बागसेवनिया निवासी प्रेम प्रकाश रंगा (Prem Prakash Ranga) फायनेंशियल सॉफ्टवेयर एवं सिस्टम प्रायवेट लिमिटेड कंपनी में नौकरी करते हैं। इस कंपनी को पदमनाभ नगर के एसबीआई एटीएम में पैसा लोड करने का काम मिला है। इसी मामले की जांच केे बाद सायबर क्राइम को महत्वपूर्ण सुराग हासिल हुए थे। जिसके बाद हरियाणा (Haryana) के पलवल जिले में स्थित सापनकी इलाके से तीन आरोपियों को दबोचा है। पुलिस को इस मामले में गिरोह के चार अन्य साथियों की तलाश है।
यूट्यूब से सीखी तकनीक
भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस मामले में आरिफ (Arif Khan) को दबोचा गया है। वह दसवीं पास है और वह एटीएम के बाहर लोगों पर निगरानी रखता था। जबकि शाहरूख (Shahrukh) बारहवीं तक पढ़ा लिखा है। उसको एटीएम मशीन में छेड़छाड़ की तकनीक मालूम थी। वहीं मनीष एटीएम में छेड़छाड़ करते वक्त मदद करता था। शाहरुख ने यह तकनीक यूट्यूब से सीखी थी। यह गिरोह ए ग्रुप का है जबकि बी ग्रुप के चार साथी अभी फरार है। आरोपियों ने आठ थाना क्षेत्रों में करीब 100 वारदात करना कबूला है। आरोपी शाहरूख, मनीष (Manish) और आरिफ की मोटर सायकिल भोपाल रेलवे स्टेशन पर खडी रहती थी। जब वारदात के लिए भोपाल आते थे तब वह इसी बाइक का इस्तेमाल करते थे।
यह सामान हुआ जब्त
पुलिस को अभी शमीम (Shamim), इनाम, इक्लास, मुफरिद (Mufrid) की तलाश है। यह बी गिरोह है जिसमें इक्लास (Iqlas) भोपाल में 10 साल रह चुका है। इसलिए भोपाल की गलियों से वह वाकिफ है। स्टेशन पर निगरानी के लिए हनुमानगंज पुलिस की मदद से मुखबिर लगाया गया था। आरोपियों के कब्जे से काले रंग की बजाज पल्सर, मशीन में छेडछाड के लिए इस्तेमाल उपकरण, दो मोबाइल फोन, आरोपियों के आधारकार्ड के अलावा नौ एटीएम कार्ड भी जब्त किए गए। गिरोह के खुलासे में एसआई विवेक आर्य (SI Vivek Arya), कांस्टेबल 2025 अंकित मिश्रा, 4112 सुनील कुमार, 3117 आशीष मिश्रा, 3882 शुभम चौरसिया, 182 तेजराम और 3418 आदित्य साहू (Constable Aditya Sahu) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह भी पढ़ें: भोपाल के इस बिल्डर पर सिस्टम का ‘रियायती सैल्यूट’, परेशान हो रहे 100 से अधिक परिवार
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।