MP Political Gossip: दिल्ली और राज्य के बीच महारथियों के बीच चल रही नूराकुश्ती, मंत्री महोदय के चेहरे से उड़ने लगे रंग
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति (MP Political Gossip) में यह साल काफी चुनौती भरा है। क्योंकि इस साल विधानसभा चुनाव है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath) के बीच कौन पाएगा कुर्सी की नीति पर सवाल—जवाबों का सिलसिला जारी है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पटखनी दे रहे हैं। प्रदेश में भाजपा—कांग्रेस के साथ—साथ आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने भी कमर कस ली है। जिसके नतीजे दिखने भी लगे हैं। आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने बागडोर अपने हाथ ले ली है।
तोड़फोड़ से ज्यादा तिकड़म पर जोर
आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह (Pankaj Singh) हटा दिए गए हैं। हालांकि इससे पहले उन्होंने जो जमावट की थी उसे नजरअंदाज नहीं किया गया है। लेकिन, निर्णय केंद्रीय नेतृत्व ले रहा है जिसकी समीक्षा एक आईआईटीएन नेता कर रहे हैं। गुजरात की तर्ज पर यहां जादू बिखरने की योजना आप पार्टी की लगती है लेकिन, दिखती नहीं हैं। इसलिए यह अब तक साफ है कि चुनाव भाजपा—कांग्रेस के बीच आमने—सामने होगा। इधर, समाजवादी पार्टी ने भी तय कर लिया है कि वह विधानसभा घेराव के साथ अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। सपा उन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रही है जहां उनका राजनीतिक जनाधार है। इसके लिए कई वर्ग में क्षेत्रों का विभाजन किया गया है। यह दोनों पार्टियां सभी विधानसभा में उम्मीदवार उतारने का दावा कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री की गढ़ में किला
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मदिरा नीतियों को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। वहीं उनके पार्टी की फायरब्रांड कद्दावर नेता उमा भारती (Uma Bharti) ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में डेरा डाल रखा है। यहां से पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर (EX CM Babulal Gour) विधायक हुआ करते थे। अपनी तिरंगा यात्रा को लेकर होने वाली गिरफ्तारी के वक्त भी उमा भारती अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी बाबूलाल गौर को ही देकर गई थी। यह बात ओर है कि आने के बाद कुर्सी उन्हें नहीं मिली। वे लंबे अरसे से प्रदेश की शराब नीति को लेकर प्रखर और मुखर होकर विरोध कर रही है। उनकी इस मुहिम से सत्तारूढ़ सरकार की सांसे उपर—नीचे हो जरूर रही है। मीडिया में स्थान थोड़ा—बहुत मिल जा रहा है। लेकिन, राजनीतिक घटनाक्रम के लिहाज से काफी सुर्खियों में भीतर ही भीतर चल रहा है। उमा भारती नाराज हुई तो उसके फायदे किसको मिलेंगे। यदि वह खुश हुई तो मदिरा नीति आ सकेगी। यह बहुत जल्द साफ भी हो जाएगा। लेकिन, विपक्ष की इस उठापटक पर बहुत करीब से निगाह है।
आने वाला पल जो जाने वाला है
मध्यप्रदेश (MP Political Gossip) में इस साल विधानसभा चुनाव है। इसके पांच साल बाद फिर यानि 2028 में चुनाव होंगे। उसकी तैयारी एक नेता ने अभी से शुरू कर दी है। यह नेता कल के सपने देखकर आज से तैयारी कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगला विधानसभा होते तक राजधानी भोपाल में सीटें बढ़कर 10 होगी। जिसमें तीन सीटों में से एक सीट भाजपा का किला मानी जाती है उसमें से तैयार होगी। इसे पाने के लिए नेताजी अभी से भजन—कीर्तन, भंडारे से लेकर कंबल वितरण करा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने एक धार्मिक आयोजन के लिए लंबी रैली भी निकाली थी। जिसका मीडिया से कवरेज गायब था। क्योंकि उन्हें लगता था कि भविष्य की रणनीति से मीडिया थोड़े ही वाकिफ रहेगी। इस कारण नेताजी को गुप्त दरवाजे के रास्ते कई मीडिया हाउस में विज्ञापन देकर कार्यक्रम का कवरेज कराना पड़ा। बहरहाल, भविष्य के लिए बीज बो रहे नेता जी के रास्ते में कांटे कई आने वाले हैं। यह बात उन्हें बताने वाला उनके आस—पास नहीं हैं। क्योंकि वे जब भी बोलते हैं तब उनके सामने चश्मा पहनकर जाना होता है। इतना ही नहीं उस व्यक्ति को चश्में वाइपर लगाकर भी रखना पड़ता है।
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