Bhopal Suspicious Death: अनाथ हुआ चौदह साल का बच्चा, आवेदन देने के अगले दिन हुई थी पिता की मौत, अफसर कह रहे जांच कराएंगे
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Suspicious Death) में इन दिनों पुलिस की जांच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कोलार थाने में एक युवती के साथ हुई दरिंदगी का मामला सुर्खियों में हैं। इससे पहले भी एक मामला सामने आया था। मारपीट की एफआईआर में दो लोगों की मौत हो गई। लेकिन, पुलिस की जांच फिर भी नहीं बदली। उसने चायनीज खिलौने वाली गन से मौत पर राय लेकर मारपीट पर चार्जशीट दाखिल करके जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। हालांकि नवागत एसपी उत्तर भोपाल विजय खत्री ने नए सिरे से जांच कराने का भरोसा दिलाया है।
पीएम रिपोर्ट में दावा सदमे से हुई मौत
बैरागढ़ थाना क्षेत्र स्थित रेलवे क्रासिंग के पीछे रहने वाली दीपा नैनवानी पति अशोक नैनवानी की 30 दिसंबर की रात लगभग साढ़े नौ बजे हुई थी। परिवार ने सीधे मर्ग कायम नहीं कराया था। परिवार पहले दीपा नैनवानी (Deepa Nainwani Death News) को एलबीएस अस्पताल ले गया था। मर्ग की सूचना देवर पुरुषोत्तम नैनवानी (Puroshottam Nainwani) ने पुलिस को दी थी। मर्ग कायम करने का समय 31 दिसंबर की सुबह लगभग 8 बजे था। मर्ग कायमी से पहले दीपा नैनवानी के 14 वर्षीय बेटे का नजदीक रहने वाले वीरुमल आहूजा (Veerumal Ahuja) से विवाद हुआ था। इस विवाद को लेकर मारपीट की एफआईआर 30—31 दिसंबर की दरमियानी रात ढ़ाई बजे दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस मामले में धारा 294/323/506/34 (गाली गलौज, मारपीट, जान से मारने की धमकी और एक से अधिक आरोपी) का मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच एएसआई मोहन शर्मा (ASI Mohan Sharma) ने की थी।
चार्जशीट दाखिल हुई
इस मौत के बाद अशोक नैनवानी (Ashok Nainwani) को पता चला कि पुलिस जांच में लापरवाही बरत रही है। इसलिए वह 2 फरवरी को आवेदन लेकर पुलिस अफसरों के पास पहुंचा। लेकिन, उसके आवेदन पर जांच शुरु होती उससे पहले अगले दिन अशोक नैनवानी की भी मौत हो गई। अब माता—पिता की मौत को लेकर देवर पुरुषोत्तम और इकलौता बेटा संघर्ष कर रहा है। परिवार का आरोप है कि मौत चायनीज खिलौने वाली गन जिसको पुलिस होने का दावा कर रही है उससे मौत हुई है। फिर भी पुलिस ने धारा बेहद सामान्य लगाई है। परिवार का आरोप है कि मामले को जमानतीय बनाया गया है। इस एफआईआर में आरोपी वीरुमल आहूजा, उसके दामाद मनीष ओचानी (Manish Ochani) और बेटी सोनल ओचानी को बनाया था। विवार घर के सामने खड़ी कार को लेकर शुरु हुआ था।
यह कह रहे हैं अफसर
इस मामले में एसपी नार्थ भोपाल विजय खत्री (SP North Bhopal Vijay Khatri) ने बताया कि प्रकरण सामान्य मारपीट का था। जिसमें आरोपियों की जमानत हो गई है। चार्जशीट भी अदालत में दाखिल है। यदि धारा में कोई कमी होती तो अदालत उसमें जरुर संज्ञान लेती है। फिर भी यदि परिवार को लगता है कि उनके प्रकरण में न्याय नहीं हुआ है तो मामले की जांच राजपत्रित पुलिस अधिकारी से कराई जाएगी। इधर, परिवार कई बार पुलिस अफसरों के दरवाजे पर जाकर दस्तक दे चुका है। जिसमें एसपी का कहना है कि उन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है अभी उनके पास कोई आवेदन नहीं आया है।
परिजनों के यह भी आरोप
पुरूषोत्तम नैनवानी का दावा है कि पुलिस ने पहले ही दिन से घटना को दूसरा रुप देने की योजना बनाई थी। मीडिया रिपोर्ट में आ गया था कि चायनीज गन को देखकर दीपा नैनवानी की मौत हुई। जबकि पुलिस ने आरोपियों से गन 15 दिनों बाद जब्त की थी। इसके अलावा आरोपी परिवार के घर शस्त्र लायसेंस जारी है। यह जानकारी निकाली जा सकती थी। लेकिन, पुलिस ने ऐसा नहीं किया। इन आरोपों को लेकर आरोपी परिवार से संपर्क किया गया। उन्होंने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
खबर के लिए ऐसे जुड़े
हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 9425005378 पर संपर्क कर सकते हैं।