Migrant Worker Misery: लॉक डाउन में अपनों से बिछड़ रहे बच्चे

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एक महीने से एक ही कपड़ों में परिवार को तलाश रही बच्ची, भोपाल पुलिस की पहल से गौरवी संस्था पहुंचाई गई, दी गई जानकारी पर परिजनों की हो रही तलाश, नहीं मिला माता—पिता का सुराग

Migrant Worker Misery
सांंकेतिक चित्र

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) कोरोनावायरस ने पूरे विश्व में जहां मौतों का तांडव मचा रखा है। वहीं कई देशों की आर्थिक तंत्र को बर्बाद (Coronavirus Effect) कर चुका है। यह तबाही यहीं खत्म नहीं हुई। इस वैश्विक महामारी के कारण गरीब मजदूर वर्ग का तबका सर्वाधिक प्रभावित (Migrant Worker Pliged) हो गया है। इन मजदूरों को इस महामारी ने बेरोजगार के साथ—साथ बेघर (Miserable Worker) भी कर दिया है। इस बेघर लोगों की तस्वीरें और उनकी तंगहाली (MP Worker Report) के किस्से आप टीवी—चैनलों में भी देख रहे हैं। ऐसे ही एक मार्मिक कहानी (Bhopal Lock Down Human Story) सामने आई है। मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Hindi News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Hindi News) का है। पुलिस को बदहवास हालात में एक बालिका (Bhopal Missing Girl Report) मिली है। वह जहां से चली है उसका तो पता बता रही है लेकिन उसे जिस जगह पहुंचना था उसकी जानकारी नहीं है। उसकी किसी जगह गुमशुदगी भी दर्ज नहीं है। नतीजतन, भोपाल पुलिस ने उस बच्ची की पीड़ा को समझते हुए उसे सुरक्षा के लिए गौरवी संस्था पहुंचा दिया गया है।

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Crime News) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) से कई मजदूर पैदल गुजर रहे है। कई शहरों में मजदूरों का रैला देखकर किसी कुंभ जैसा लगता है। इस कुंभ के रैले को रोकने के लिए पुलिस के प्रयास भी जारी है। इसी प्रयास के तहत शहर में कोई प्रवेश न कर सके इसलिए बैरीकेडिंग करके चैकिंग की जा रही है। इसी चैकिंग के दौरान पुलिस को एक 14 साल की बच्ची मिली। उसकी हालत देखकर पुलिस को यकीन हो गया था कि वह परेशानी में है। वह भोपाल जाने का पता पूछ रही थी। पुलिस ने जानकारी तो दी लेकिन उससे पहले वजह जानी। उसने बताया कि वह छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के रायपुर से निकली थी। उसके साथ बहन थी जो उज्जैन (Ujjain Hindi News) शहर में बिछड़ गई। उसे जहां जाना है उसकी जगह वह नहीं जानती। वह बहन को तलाशते हुए एक महीने से भटक रही है। उसके पास कोई कपड़े भी नहीं थे। इसलिए एक ही कपड़ों पर वह चलते—चलते भोपाल पहुंच गई। पूछताछ में बालिका ने अपना नाम ज्योति नाथ बताया। उसने बताया कि वह रायपुर की रहने वाली थी। लॉक डाउन में रोजगार छीन जाने के बाद बहन के साथ निकली थी। पुलिस ने बच्ची की स्थिति को देखते हुए उसको गौरवी संस्था पहुंचा दिया। मामले की जांच कर रहे एएसआई ओमकार सिंह (ASI Omkar Singh) ने www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) को बताया कि भोपाल पुलिस ने रायपुर पुलिस से संपर्क किया है। वहां ज्योति नाथ (Jyoti Nath) नाम की कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं  है। पुलिस बालिका के संबंध में अन्य जिलों को भी सूचना प्रसारित कर रही है।

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अपील

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