Bhopal Property Fraud: बिलखिरिया की चार एकड़ जमीन के सौदे से जुड़ा है मामला, चार करोड़ रूपए में हुआ था करार, एडवांस लेने के बावजूद जमीन का एक हिस्सा दूसरे व्यक्ति को बेचा, होटल मालिक ने डीसीपी को दिया था आवेदन
भोपाल। होटल मालिक और भाजपा से जुड़े एक नेता जालसाजी के शिकार हो गए। मामला चार एकड़ जमीन की खरीद—बिक्री से जुड़ा है। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के अशोका गार्डन थाना क्षेत्र की है। होटल मालिक ने लगभग चार एकड़ जमीन खरीदने का सौदा किया था। यह करार लगभग चार करोड़ रूपए का था। जिसके एवज में उन्होंने 24 लाख रूपए का भुगतान कर दिया था। यह रकम जमीन मालिक के छह परिवारों को चार—चार लाख रूपए का चेक देकर किया था। लेकिन, रकम लेने के बावजूद जमीन का एक टुकड़ा किसान परिवार ने दूसरे को बेच दिया।
जमीन का इतना हिस्सा बेच दिया
अशोका गार्डन (Ashoka Garden) थाना पुलिस के अनुसार 28 जुलाई की दोपहर लगभग पौने बारह बजे 328/23 धारा 420/34 (जालसाजी और एक से अधिक आरोपी का प्रकरण) दर्ज किया है। जिसकी शिकायत चैत नारायण सिंह (Chait Narayan Singh) पिता बीएन सिंह ने दर्ज कराई है। घटना पंजाबी बाग (Punjabi Baag) में स्थित होटल पलक (Hotel Palak) में हुई। चैत नारायण सिंह ने पुलिस को बताया कि बिलखिरिया के बांसी गांव में चार एकड़ जमीन को लेकर उनके साथ 24 लाख रूपए की धोखाधड़ी हुई है। इस जमीन का सौदा पन्नालाल प्रजापति (Pannalal Prajapati) के जरिए हुआ था। जमीन नारायणी, उसकी बेटी काशी और तीन बेटे अवध नारायण (Awadh Narayan) , लक्ष्मी नारायण (Laxmi Narayan) , शिव नारायण (Shiv Narayan) और घनश्याम के नाम पर थी। जमीन खरीदने का करार होटल में ही मई, 2022 में हुआ था। सौदा तीन करोड़ 98 लाख रूपए में हुआ था। जिसमें आरोपियों के छह परिजनों के नाम पर चार—चार लाख रूपए के चैक से भुगतान किया गया था। करार होने के छह महीने बाद 60 लाख रूपए देना थे। लेकिन, उससे पहले आरोपियों ने जमीन का एक टुकड़ा लगभग साढ़े छह हजार स्क्वायर फीट बेच दिया।
इस कारण दर्ज किया गया मुकदमा
पुलिस ने बताया कि बेची गई जमीन किसी शांति देवी (Shanti Devi) को दी गई है। यह पता चलने पर चैत नारायण सिंह ने रकम वापस मांगी। आरोपी परिवार ने पैसा देने से इंकार कर दिया। पीड़ित को पता चला कि आरोपी परिवार ने अगस्त, 2022 में गुपचुप तरीके से जमीन बेच दी थी। जबकि अनुबंध पत्र के अनुसार वह ऐसा नहीं कर सकते थे। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए नोटिस देने की तैयारी शुरू कर दी है। ताकि उनका पक्ष जानने के बाद वह अगली कार्रवाई कर सके।
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