Fake Call: इस तरह से आवाज निकाल करता था एसपी और विधायक ​को परेशान

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एप्प ​की मदद से निकालता था रसूखदारों की आवाजें, थानेदार ने पकड़ा लंबे अरसे से चल रहा फर्जीवाड़ा

Fake Call App
सांकेतिक चित्र

धार। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के महू (Mhow Crime) जिले से एक रोचक (Shocked News) मामला सामने आया है। मामला एक इंजीनियरिंग छात्र से जुड़ा हुआ है। उसने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कोई कमाल (Fake Call App)  नहीं दिखाया है। छात्र ने कुछ ऐसा किया कि विधायक (BJP MLA) और जिले के एसपी (Dhar SP) तक परेशान हो गए। छात्र के इस बहरूपिए (Fraud) वाली कला से जब एक थानेदार का सामना हुआ तो उस​की पोल खुल गई। अब छात्र सलाखों के पीछे है और उसे अपने किए पर अफसोस हो रहा है।
पूरा मामला कुछ इस प्रकार है कि महू से इंजीनियरिंग कर रहा 22 वर्षीय राजपाल सिंह फोन ​कर कभी एसपी​ तो कभी विधायक बनता था। वह रसूखदार बनकर अपने घरेलू काम करवाता था। वह इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला (Ramesh Mendola) बनकर पीथमपुर नपा सीएमओ और एमपपीईबी के इंजीनियर को भी फोन कर चुका था। ऐसे ही कई अन्य राज उसके खुलते चले गए। उसकी कलई सबसे पहले 30 सितंबर को खुली। जब उसने सागौर थाना प्रभारी एसआई प्रतीक शर्मा के मोबाइल पर कॉल किया। एसआई के मोबाइल पर एसपी धार दिखाई दिया।
लेकिन, आवाज मेल नहीं खाती थी। उसने कहा कि पहले नाम पूछा फिर अपना नाम बताते हुए कहा कि इनका जो भी काम हो, फोन पर हो जाना चाहिए। थाना प्रभारी को आवाज में फर्क लगा तो उन्होंने युवक को योजनाबद्ध तरीके से धरदबोचा। आरोपी ​पिपरिया का रहने वाला है। आरोपी ​के पिता ठेकेदार (Contractor) का काम करते ​हैं। आरोपी राजपाल ने बताया मैं पिता के साथ कंस्ट्रक्शन (Construction) का काम करता हूं। सरकारी कार्यालयों में फाइल पास कराने में दिक्कत आती थी। इसलिए फेक कॉल एप्प (Fake Call App) की मदद से फर्जीवाड़ा करता था।
आप भी हो जाए अलर्ट
यह रोचक मामला जानने के बाद आप सब भी अलर्ट (Be Alert) ​हो जाए। टेक्नोलॉजी ( Social Media App Technology) ​की इस दुनियां में ​कई ऐसे एप्प सामने आ गए हैं जो फर्जीवाड़े (Technology Scam) के काम आ रहे हैं। इन एप्प का गलत कामों में इस्तेमाल किया जा रहा है। आपके पास भी इस तरह का कोई कॉल आए तो अपने बैंक अकाउंट या खाते की जानकारी कभी न दे। पहले सुनिश्चित कर लें कि जो व्यक्ति कॉल कर रहा है, वह सच में कोई अपना ही है या नहीं। यह फिर किसी फेक ऐप से ​कोई अपराधी ठग तो नहीं रहा।

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