Bhopal GRP News: जिस रेलवे स्टेशन का उदघाटन प्रधानमंत्री ने किया वहां सिक्योरिटी मानकों से खुलेआम हो रहा समझौता, वैटिंग लाउंज में हुई घटना से अव्यवस्था बेनकाब
Rani Kamlapati Station
भोपाल। मध्यप्रदेश का पहला निजीकरण में बना हाईटेक रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के भीतर सुरक्षा इंतजाम बेपटरी हो गए हैं। यह बात हम यूं ही नहीं कह रहे। दरअसल, राजधानी भोपाल (Bhopal GRP News) में बाहर से आए एक यात्री के साथ हुई वारदात के बाद वहां की पोल खुल गई। इस स्टेशन को बंसल कंस्ट्रक्शन ने बनाया है। बंसल कंपनी को ही भारतीय रेलवे ने अपने हिस्से की जमीन देकर इसका निर्माण कराया है। जिसके बदले में बंसल कंपनी ने यहां बड़े—बड़े कॉर्पोरेट भवन बना भी लिए हैं। लेकिन, जिस काम के बदले में उसे जमीन मिली उस तरफ उसका ध्यान ही नहीं हैं।
यह है वह घटना जो बताती है कि सबकुछ गड़बड़ है
पुलिस सूत्रों के अनुसार ग्वालियर (Gwalior) के रहने वाले योगेश वर्मा (Yogesh Verma) को अपने पासपोर्ट में पता बदलना था। जिसके लिए वह भोपाल एक्सप्रेस से आए थे। यहां रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamlapati Station) पर 03 अप्रैल की सुबह साढ़े छह बजे पहुंच गए। उनके पास हरा साइड बैग था और दो पिट्ठू बैग लेकर वे वैटिंग लाउंज में चले गए। यहां उन्हें नींद लग गई थी। उठे तो फिर शौचालय चले गए। वापस आए तो हरे रंग का साइड बैग (Bag) नहीं मिला। उसके भीतर दो स्मार्ट वॉच, एचएमटी वॉच के अलावा कई महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। लोगों से पूछा तो पता चला कि उनके पास एक व्यक्ति सो रहा था। यह पता चलते ही वह तुरंत जीआरपी थाने पहुंच गए। यहां से दो एएसआई के साथ वे सीसीटीवी फुटेज देखने के लिए पहुंचे। यहां बंसल कंपनी (Bansal Company) के निजी आउट सोर्स कर्मचारी निगरानी करते है। डेस्क पर सुपरवाइजर तो मिला जिसने एक कर्मचारी को फोन लगाया। उसने कहा कि वह नौ बजे आएगा तभी सीसीटीवी फुटेज देगा। योगेश वर्मा ने इस बात पर आपत्ति लेते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन पर चौबीस घंटे निगरानी का काम होता है। उन्होंने आपत्ति जताई और इस संबंध में शिकायत भी कर दी।
भगवान भरोसे भोपाल जंक्शन भी
योगेश वर्मा ने इस संबंध में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। स्टेशन प्रबंधन का काम देखने वाली बंसल कंपनी की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। योगेश वर्मा का कहना था कि आखिर कैसे वैटिंग लाउंज में कोई बाहरी व्यक्ति का वहां प्रवेश हो गया। इसी तरह मुकेश रायकवार (Mukesh Raikwar) का पिट्ठू बैग ओवरनाइट एक्सप्रेस के एस—2 बर्थ से चोरी चला गया। वह जबलपुर से इंदौर के बीच 30 मार्च को यात्रा कर रहा था। बैग में तीन हजार रुपए, नए खरीदे गए कपड़े के अलावा मोबाइल भी रखा था। पीड़ित ने रेलवे हेल्पलाइन में शिकायत की थी। जिसके बाद शुजालपुर स्टेशन पर आरपीएफ की तरफ से सहायत मिली। जबकि उसे चोरी होने की जानकारी भोपाल स्टेशन (Bhopal Station) पर ही पता चल गई थी। जीरो पर इंदौर जीआरपी (Indore GRP) ने प्रकरण दर्ज करके केस डायरी भोपाल को भेजी हैं।
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