पुलिस जांच में मिट्टी में बदल गई रेत, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान
पिपरिया। (Pipariya) एकतरफ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) मंच से माफियाओं को धमका रहे है। दूसरी तरफ रेत माफिया घर में घुसकर लोगों की हत्याएं कर रहे है। मामला होशंगाबाद जिले के पिपरिया (Pipariya) से आया है। जहां दिनदहाड़े रेत माफिया एक ग्रामीण के घर में घुस गए। लाठी-बल्लम लेकर घुसे माफियाओं ने परिवार के चार सदस्यों पर जानलेवा हमला किया। महिला और 12 साल के बच्चे को भी नहीं छोड़ा। प्राणघातक हमले के बाद इलाज के दौरान चंदन सिंह कटकवार नाम के शख्स की मौत हो गई। इस मामले में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि पिपरिया की घटना साबित कर रही है कि मुख्यमंत्री खोखली बातें करते है।
सुनिए सज्जन सिंह वर्मा को
ये है मामला
घटना पिपरिया के राईखेड़ी गांव की है। जहां रहने वाले चंदन सिंह कटकवार (Chandan Singh Katakwar) के भतीजे महेंद्र कटकवार का रेत माफियाओं से विवाद हुआ था। चूंकि अवैध रेत का उत्खनन करती ट्रैक्टर-ट्रालियां की वजह से ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है। लिहाजा महेंद्र का कहना था कि उसके घर के सामने और जमीन से ट्रैक्टर ट्रॉली न निकाली जाए। माफियाओं से बहस के बाद महेंद्र घर लौट गया। जिसके बाद माफियाओं की टोली उसके घर पहुंच गई। माफियाओं ने महेंद्र कटकवार, उसके चाचा चंदन सिंह कटकवार, सूरज कटकवार, गंगाबाई और 12 साल के बच्चे हल्के पर जानलेवा हमला कर दिया।
4 आरोपी गिरफ्तार
हमले में घायल चारों लोगों को पिपरिया के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। गंभीर चोटें होने की वजह से उन्हें होशंगाबाद रैफर कर दिया गया। दूसरी तरफ चंदन सिंह का बेटा दशरथ पिपरिया के स्टेशन रोड थाने पहुंचा। जहां आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए मिन्नतें करनी पड़ी। भगवान सिंह पटेल, कमलेश पटेल, सूरज पटेल, जनपद पटेल (राशन दुकान संचालक), आनंद पटेल, भरतजी पटेल, नाती पटेल, हल्के पटेल, शेखर पटेल के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया।
टीआई अजय तिवारी ने द क्राइम इन्फो को बताया कि सूरज गुर्जर, उसका भाई कमलेश पिता मदनलाल, रामकृष्ण और भरतजी पिता भगवान सिंह को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी भगवान सिंह राजपूत अस्पताल में एडमिट है। बाकि चार आरोपी आनंद, नाती, हल्के और एक अन्य फरार है। उनकी तलाश की जा रही है। टीआई अजय तिवारी ने ये भी बताया कि काउंटर मुकदमा दर्ज किया गया है। भगवान सिंह गुर्जर फरियादी है।
सड़क पर शव रखकर दिया धरना
हमला 24 दिसंबर सुबह 11 बजे हुआ था। जिसमें गंभीर रूप से घायल चंदन सिंह राजपूत को होशंगाबाद के निजी अस्पताल अपना नर्मदा में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 25 दिसंबर को तड़के 3 बजे उनकी मौत हो गई। जैसे ही ये खबर राईखेड़ी पहुंचे गांव में मातम छा गया और ग्रामीण आक्रोशित हो उठे। पोस्टमार्टम के बाद चंदन सिहं के शव को पिपरिया लाया गया। नाराज ग्रामीण मंगलवारा चौराहे पर पहुंच गए और सड़क पर शव रखकर धरना शुरु कर दिया। आरोपियों की गिरफ्तारी और रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर करीब 4 घंटे तक शहर के मुख्य चौराहे पर प्रदर्शन चला।
पिपरिया एसडीओपी शिवेंदु जोशी, तीनों थानों के टीआई, तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझाने की तमाम कोशिशें की। रेत माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का मौखिक आश्वासन भी दिया। घंटों चले आंदोलन के बाद देर शाम ग्रामीण मान गए। जिसके बाद चंदन सिहं के शव को गांव ले जाया गया। खबर है कि शनिवार सुबह उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
12 महीने होता है कि अवैध खनन
प्रदेश में रेत खदानों की नीलामी को लेकर बीते करीब ढ़ाई साल से तमाम कवायदे चल रही है। प्रदेश में कुछ जगहों पर वैध और कई जगहों पर अवैध खनन जारी है। इन्हीं जगहों में से एक है पिपरिया। जहां किसी भी रेत खदान का ठेका नहीं हुआ। रॉयल्टी किसी के पास नहीं है, लेकिन 12 महीने रेत खनन होता है। ताजा मामला कोरनी नदी से अवैध उत्खनन से जुड़ा हुआ है। मामले में जब एसडीएम नितिन टाले से बात की गई तो उन्होंने द क्राइम इन्फो को बताया कि वें लगातार कार्रवाई करते रहते है।
भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप
चंदन सिंह कटकवार की हत्या के मामले में भाजपा नेताओं पर गंभीर आरोप लगे है। विधायक प्रतिनिधि अर्जुन चौहान और मंडल अध्यक्ष बलराम ठाकुर के भाई सूरज ठाकुर का नाम सामने आया है। ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा नेताओं की शह पर ही रेत माफिया फल-फूल रहे है। ट्रैक्टर-ट्रालियों की अवैध कमाई थाने में जमा कराई जाती है। जिसके बाद उसकी बंदरबांट कर ली जाती है। राईखेड़ी समेत चार गांव के लोग कई बार प्रदर्शन कर चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि रेत के इस खेल में नेता, प्रशासन और पुलिस बराबरी के हिस्सेदार है।
मिट्टी में बदल गई रेत
राईखेड़ी के ग्रामीणों का कहना है कि चंदन सिंह की हत्या के पीछे की वजह रेत का अवैध उत्खनन है। लेकिन पुलिस की कहानी में मामला मिट्टी का है। टीआई अजय तिवारी ने द क्राइम इन्फो को बताया कि चंदन सिंह और भगवान की जमीन आस-पास है। भगवान सिंह के पक्ष के लोग मिट्टी खोद रहे थे। इसी बात को लेकर चंदन सिंह के पक्ष के लोगों का उनसे विवाद हुआ था। जिसके बाद मारपीट हो गई। वहीं भाजपा नेताओं के नाम सामने आने पर टीआई तिवारी का कहना है कि अर्जुन और सूरज का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।
सीएम की सभा में थे आरोपी
हत्या के इस मामले में जिन भाजपा नेताओं का नाम सामने आ रहा है वो सीएम की सभा में थे। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि जिस वक्त पिपरिया के चौराहे पर शव रखकर धरना चल रहा था। उस वक्त आरोपी भाजपाई बाबई में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा को सुन रहे थे। उसी सभा में जिसमें सीएम ने कहा है कि माफियाओं को 10 फीट जमीन में गाड़ दूंगा।
6 महीने से रच रहे थे साजिश
ये घटना अचानक नहीं हुई है। इसकी साजिश बीते 6 महीनों से रची जा रही थी। जिसकी पुष्टि इस ऑडियो में हो रही है। ऑडियो में आप रेत माफियाओं के बीच हुई बातचीत को साफ तौर पर सुन सकते है। रेत माफिया मृतक चंदन सिंह के भतीजे को एट्रोसिटी एक्ट में फंसाने की साजिश रच रहे थे। एक-दूसरे को छुरी मारकर झूठा मुकदमा दर्ज कराने की प्लानिंग कर रहे थे।
सुनिए माफियाओं की बात (बीच-बीच में गाली-गलौच होने की वजह से आवाज म्यूट की गई है)
आरक्षक का ‘आतंक’
पिपरिया के स्टेशन रोड थाने में पदस्थ आरक्षक शुभम दुबे चर्चाओं में बने रहते है। लोगों का कहना है कि रेत माफियाओं और शुभम दुबे की साठगांठ है। वसूली का काम शुभम ही करता है। इस संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। द क्राइम इन्फो ने ये वीडियो एसडीओपी शिवेंदु जोशी को भेज दिया है।
देखें वीडियो
पहले भी हो चुके हादसे
कोरनी नदी से हो रहे इस अवैध उत्खनन से राईखेड़ी, पाली, सर्रा, लांझी, नंदवाड़ा गांव के लोग परेशान है। रेत माफियाओं की ट्रैक्ट्रर ट्रालियों का कहर ग्रामीणों पर टूटता रहा है। 2 साल पहले नीलेश पटेल नाम के युवक को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। 4 मार्च को धर्मेंद्र पटेल नाम का युवक घायल अवस्था में मिला था। दूध बेचने वाले धर्मेंद्र को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी थी। अस्पताल ले जाने की बजाए माफियाओं ने उसे उठाकर झाड़ियों में फेंक दिया था। सुबह ग्रामीणों ने उसे अस्पताल पहुंचाया था। इन घटनाओं की रिकॉर्डिंग के लिए ग्रामीणों ने सीसीटीवी कैमरे लगा दिए थे। लेकिन उन्हें भी उखाड़कर फेंक दिया गया।
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