Bhopal CBI News: तीन साल तक महिला के कपड़े एफएसएल जांच के लिए ही भेजे नहीं गए
भोपाल। थाना स्टाफ को बचाने की एक साजिश का खुलासा हुआ है। यह खुलासा हाईकोर्ट के आदेश पर शुरु हुई सीबीआई जांच (Bhopal CBI News) से सामने आया है। मामला एक जाति विशेष की महिला की संदिग्ध मौत (Bhopal Pardhi Woman Suspicious Death) से जुड़ा है। डेढ़ महीने की जांच के बाद यह साफ हो गया है कि पुलिस के दो कर्मचारी महिला की मौत के मामले में सीधे शामिल थे। जबकि एक की भूमिका संदिग्ध है वहीं चौथे अफसर का नाम साफ नहीं होने के कारण उसको जांच का विषय बताया गया है। घटना मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime News) जिले में स्थित गांधी नगर थाना क्षेत्र की है।
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धरने और प्रदर्शन भी हुए थे
गांधी नगर थाना क्षेत्र स्थित 17 नवंबर, 2017 को इंदरमल उम्र 35 साल की महिला ने आग लगा ली थी। उसकी बेटी के आरोप थे कि दो पुलिसकर्मी 20 हजार रुपए के लिए उसको परेशान कर रहे थे। पैसा नहीं देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दे रहे थे। उस वक्त एएसपी समीर यादव (ASP Samir Yadav) थे जिन्होंने इंदरमल के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए स्वयं की मर्जी से आग लगाने की जानकारी दी थी। इस घटना के बाद समाज के कमजोर वर्ग के लिए काम करने वाली संस्था ने धरना—प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद एनजीओ ने परिवार की मदद से कोर्ट में याचिका लगाई थी।
अफसर का नाम ही बदला
इस मामले में इंदरमल बाई के कपड़ों की जांच के लिए उसको एफएसएल ही भेजा नहीं गया। जांच एसआई प्रवीण चौहान (SI Pravin Chouhan) कर रहे थे। जिन्होंने कपड़े नहीं भेजने का निर्णय लिया था। यह खुलासा सीबीआई की जांच में हुआ है। जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिए थे। जांच में पाया गया कि सिपाही गजराज की मोबाइल लोकेशन घटना वाले दिन घटनास्थल पर ही थी। उस क्षेत्र के बीट प्रभारी एएसआई रामेश्वर (ASi Rameshwar) थे। इन दोनों को सीबीआई ने दोषी पाया है। सीबीआई ने एसआई और एक सिपाही संदीप के खिलाफ विभागीय जांच की अनुशंसा की है। जांच में धीरज नाम सामने आया था। इस नाम का कर्मचारी गांधी नगर थाने में नहीं मिला।
सीबीआई ने यह साबित किया
एनजीओ में सामाजिक कार्यकर्ता सविता सोहित ने बताया कि सीबीआई ने 5 जून, 2020 को खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। मामले की जांच सीबीआई डीएसपी अतुल हजेला ने की थी। सीबीआई ने इस केस की चार्जशीट 30 दिसंबर बुधवार को इंदौर की अदालत में दाखिल की है। हालांकि सीबीआई ने धारा 120बी नहीं लगाया है। जबकि चार्जशीट में कहा गया है कि तीन साल तक इंदरमल के कपड़े जिसमें केरोसीन मिला था वह जांच के लिए एफएसएल नहीं भेजा गया।
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