एक सप्ताह के भीतर में तीसरा मामला, अपनो को बचाने जांच का सहारा, डीजीपी जारी कर चुके हैं गिरफ्तारी के वक्त एहतियात बरतने के निर्देश
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ सरकार को बने नौ महीने हुए हैं। इन्हीं नौ महीनों के भीतर पुलिस कस्टडी (Custodial Death) में मौत के तीन मामले हो चुके हैं। जबकि चौथा व्यक्ति मरणासन्न स्थिति में हैं। तीन मामले तो एक सप्ताह के भीतर ही सामने आ गए हैं। इसलिए अब कमलनाथ सरकार पर राजनीतिक आरोप भी लगने लगे हैं।
इन कारणों से घिर रही सरकार
मध्यप्रदेश पुलिस (MP Police) की वजह से सरकार पर यह दाग लग रहा है। पुलिस की लापरवाही के चलते नौ महीने के भीतर में तीन व्यक्ति की मौत हो गई है। यह तीनों मामले पुलिस गिरफ्तारी के बाद सामने आए हैं। पुलिस हिरासत में मौत के यह मामले भोपाल, शिवपुरी के बाद दतिया जिले का है। भोपाल में शिवम मिश्रा की मौत हुई थी। यह मामला जून, 2019 का है। शिवम की मौत का यह मामला बैरागढ़ थाने से जुड़ा है। इसमें पुलिस अफसरों ने सस्पेंड और लाइन अटैच की कार्रवाई करके प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सदन में होगी मुश्किल
भोपाल में बैरागढ़ का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि शिवपुरी में पुलिस कस्टडी में (Custodial Death) मौत की वजह से हंगामा हो गया। यह मामला 22 अगस्त को सामने आया। प्रकरण खनिया धाना थाना का था। इसमें शोभाराम लोधी को थाने लाया गया था। उसे छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में भी लाइन अटैच की कार्रवाई की गई थी। यह प्रकरण अभी शांत होता इधर, जबलपुर में एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में (Custodial Death) मौत हो गई। मामला पाटन के नुनसर इलाके का है। यहां पुलिस वारंट तामील कराने गई थी। तभी जुआ खेलने के आरोप में सुरेश को चौकी लाया गया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
जीने—मरने पर बन आई
भोपाल, शिवपुरी और जबलपुर का मामला अभी शांत ही नहीं हुआ कि उधर दतिया से खबर है। दतिया जिले के चिरूला थाना क्षेत्र के ग्राम तगा में जुए की कार्रवाई करने गई पुलिस ने चरण सिंह को हिरासत में ले लिया। परिवार का आरोप है कि उसे पुलिस ने बेरहमी से पीटा। जिस कारण उसे जिला अस्पताल ने गंभीर मामला मानते हुए ग्वालियर रैफर कर दिया। दतिया एसपी डी कल्याण चक्रवर्ती ने थाना प्रभारी दिनेश सिंह कुशवाहा और एएसपी सियाशरण केवट को सस्पेंड कर दिया है।
गृहमंत्री तो मुख्यमंत्री से आगे ही नहीं बढ़ते
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल बिगड़ चुकी है। पुलिस का व्यवहार भी जनता के प्रति संवेदनशील नहीं है। सरकार इस मोर्चे पर फैल हो गई है। गृहमंत्री से सवाल पूछो तो उनका रटारटाया जवाब होता है कि मुख्यमंत्री से इसमें चर्चा की जाएगी। इधर, गृहमंत्री से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। निजी स्टाफ से चर्चा हुई तो बताया गया कि वे दिल्ली गए हैं। संपर्क होने पर प्रतिक्रिया लेकर वे उपलब्ध करा देंगे। इस संबंध में डीजीपी वीके सिंह से चर्चा करने की कोशिश की गई। लेकिन, आवास से बताया गया कि वे अवकाश पर चल रहे हैं।