Bhopal Fraud News: भैंस खरीदने के नाम पर करीब दस लाख रुपए का किया फर्जीवाड़ा, पुलिस ने बैंकों से भुगतान रुकवाया, चौकी प्रभारी ने यह बोलकर पीड़ितों को निराश किया
भोपाल। हरियाणा के पशु विक्रेताओं के खिलाफ जालसाजी और गबन का आरोप लगा है। यह आरोप भोपाल (Bhopal Fraud News) शहर के दो डेयरी कारोबारियों ने लगाया है। पीड़ितों का कहना है कि उनसे दस भैंस देने के नाम पर करीब दस लाख रुपए ऐंठ लिए गए। यह सारी रकम यूपीआई और आन लाइन के जरिए की गई थी। फिलहाल पुलिस ने उन भुगतानों पर रोक लगा दी है।
यह बोलकर रेलवे स्टेशन पर बुलाया गया
इस मामले की शिकायत 24 मई को हुई थी। जिसमें एफआईआर सुमित यादव उर्फ गोलू (Sumit Yadav@Golu) पिता श्रवण लाल यादव उम्र 28 साल ने दर्ज कराई है। वह शाहजहांनाबाद (Shahjahanabad) थाना क्षेत्र स्थित मजदूर नगर नाले के पास रहता है। इस मामले के आरोपी पाला जाट (Pala Laat) पिता परसाला जाट, प्रदीप जाट (Pradeep Jaat) पिता बेदीराम जाट, नरेश जाट (Naresh Jaat) पिता बेदीराम जाट और सतीश जाट (Satish Jaat) पिता पाला जाट हैं। पुलिस ने आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए मौका दिया था। लेकिन, वे जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए। पीड़ित के अलावा आरोपी के खिलाफ उमेश गुर्जर, जितेंद्र शर्मा, ऋषि यादव ने भी सबूत पेश किए। पुलिस ने पीड़ितों के बयानों के आधार पर आरोपियों पाला जाट, प्रदीप जाट, नरेश जाट और सतीश जाट के खिलाफ 374/24 धारा 406/420 (गबन और जालसाजी का प्रकरण) दर्ज कर लिया है। आरोपियों में शामिल पिता—पुत्र और भाई है। आरोपियों ने भैस (Buffalo) दिलाने के नाम पर करीब नौ लाख 85 हजार रुपए से अधिक का फर्जीवाड़ा किया। सुमित यादव डेयरी (Sumit Yadav Dairy) का बिजनेस करता है। उसकी शाहजहांनाबाद स्थित रेजीमेंट रोड पर श्रीकृष्ण डेयरी (Shri Krishna Dairy) नाम से दुकान है। उसके पास जितेंद्र शर्मा भैंसों का व्यापारी पाला जाट को लेकर आया। जितेंद्र शर्मा (Jitendra Sharma) भी डेयरी चलाता है। जालसाज ने कहा कि एक गाड़ी पर वह दस भैंस दिलवा देगा। पहली खेप मिलने के बाद बाकी रकम देने का सौंदा तय हुआ। पहली किस्त के रुप में दस लाख रुपए देना थे। उसने 14 मई को पाताल कोट ट्रेन से जाने का बोलकर रेलवे स्टेशन पर बुलाया।
चौकी प्रभारी ने भोपाल जाकर एफआईआर दर्ज करने की दी सलाह
जितेंद्र शर्मा ने अपनी दुकान पर काम करने वाले ऋषि और सुमित यादव एक साथ चले गए। उन्हें लेकर वह हरियाणा (Haryana) के गांव किठाना पाला जाट के साथ चे गए। जिंद में उसने प्रदीप जाट से तीन भैसे दिलवाई। उसके बाद अगले दिन 17 मई को चार भैंसे दिलवाई। पाला जाट के साथ उस वक्त प्रदीप जाट भी था। उस वक्त प्रदीप जाट के कहने पर उसके भाई नरेश जाट के खाते में तीन लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। यह रकम जितेंद्र शर्मा के खाते से भेजे गए थे। इसके अलावा यूपीआई से 50 हजार रुपए और नकदी 95 हजार रुपए दिए गए। सुमित यादव ने 18 मई को फिर 50 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा बाकी रकम किस्त में दे दी गई। लेकिन, आरोपियों ने भैस ले जाने देने से मना कर दिया। पाला जाट से बातचीत के लिए बोला गया तो उसका कहना था कि वह भैंस भी नहीं देंगे और रकम भी वापस नहीं करेंगे। इसके बाद वहां स्थानीय पुलिस से शिकायत की तो कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहां के चौकी प्रभारी नफे सिंह ने भोपाल में जाकर मुकदमा दर्ज करने की सलाह दे दी। जिसके बाद पीड़ितों ने भोपाल में आकर आवेदन दिया था।
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