Bhopal News: एफआईआर में पुलिस ने कर दिया खेल, निजी अस्पतालों का एसोसिएशन भड़का

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Bhopal News: पुलिस कमिश्नर से मिलेगा प्रतिनिधि मंडल, चौबीस घंटे में नामजद एफआईआर नहीं हुई तो सोमवार से राजधानी के 250 से अधिक निजी अस्पताल और क्लीनिक डॉक्टर करेंगे बंद, सिटी अस्पताल के सामने शव रखकर किया गया प्रदर्शन, पैसा लेने के बाद इलाज करने का लगाया गया आरोप, कार चलाने वाले नाबालिग को संप्रेक्षण गृह पुलिस ने भेजा, पिता को भी डीबी मॉल में स्थित होटल कोर्टयार्ड के एकाउंटेट की हिट एंड रन से हुई मौत के मामले में दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाया

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गोविंदपुरा थाना, जिला भोपाल — फाइल फोटो

भोपाल। सड़क दुर्घटना में जख्मी होने के बाद सिटी अस्पताल में इलाज को लेकर हुए हंगामे ने शनिवार को बड़े कानून—व्यवस्था का रुप ले लिया। हादसे में बाइक सवार की मौत हुई थी। उसे कार चला रहे नाबालिग ने टक्कर मारकर उड़ा दिया था। यह घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र में हुई थी। इसी मामले में दिनभर एक के बाद एक दो बड़े घटनाक्रम होने से पुलिस और प्रशासन पर दबाव पड़ने लगा है। मौत के बाद नाराज परिजनों ने सिटी अस्पताल के सामने शव रखकर जमकर प्रदर्शन किया। वहीं राजधानी भोपाल में संचालित निजी अस्पतालों के संचालकों की बैठक के बाद फैसला लिया गया है। एसोसिएशन ने कहा है कि पुलिस ने डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस ने तुरंत एक्शन नहीं लिया तो वह सोमवार से अस्पताल और क्लीनिक बंद कर देंगे। यदि ऐसा हुआ तो मरीज की जान के साथ ही नहीं प्रदेश सरकार के राजस्व को भी करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंच सकता है।

यह है पूरा मामला जिस कारण शनिवार को दिनभर बवाल मचा रहा

सड़क दुर्घटना में राकेश चौधरी (Rakesh Chaudhry) पिता इमरत चौधरी उम्र 20 साल की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह गोविंदपुरा (Govindpura) थाना क्षेत्र स्थित विकास नगर (Vikas Nagar) बस्ती में रहता था। राकेश चौधरी डीबी मॉल (DB Mall) में स्थित कोर्टयार्ट मैरियट होटल (Courtyard Marriot Hotel) में एकाउंटेंट की जॉब करता था। वह बाइक (Bike) से अपने घर की तरफ जा रहा था। तभी 30 अगस्त की शाम लगभग सात बजे शांति निकेतन (Shanti Niketan) के सामने उसे तेज रफ्तार कार (Car) ने टक्कर मार दी थी। यह कार नेक्सोन एमपी—04—सीबी—3159 थी जिसको नाबालिग चला रहा था। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया है। वह बाइक को टक्कर मारने के बाद करीब दस मीटर तक घिसटकर ले गया था। गोविंदपुरा पुलिस मर्ग 47/24 कायम कर मामले की जांच कर रही थी। इस जांच के बाद पुलिस ने 558/24 में मुकदमा दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी अवधेश सिंह तोमर (TI Awadhesh Singh Tomar) ने बताया कि इस मामले में नाबालिग के पिता को भी आरोपी बनाया गया है। उनके खिलाफ मोटर यान अधिनियम की तीन धाराओं में सह आरोपी बनाया गया है। मामले की जांच हवलदार संदीप सिंह (HC Sandeep Singh) कर रहे हैं। पुलिस ने राकेश चौधरी का पोस्टमार्टम के बाद शव सौंप दिया। इसके बाद नाराज परिजन उसके शव को लेकर सिटी अस्पताल (City Hospital) के सामने प्रदर्शन करने लगे। परिजनों का आरोप था कि डॉक्टर ने उसका इलाज किया होता तो जान बच जाती।

पुलिस ने आरोपी एक—दो नहीं बल्कि 50 बनाए लेकिन एक का भी नाम नहीं

मौत होने के बाद सिटी अस्पताल में जमकर गदर मचा था। अस्पताल में तोड़फोड़ हुई थी। उस दौरान दूसरे मरीज भी थे जो हंगामे के चलते घबरा गए थे। इसी हंगामे के दौरान सिटी अस्पताल के संचालक डॉक्टर सव्यसांची गुप्ता (Dr Savyasanchi Gupta) के बेटे डॉक्टर उज्जवल गुप्ता (Dr Ujjawal Gupta) ने लायसेंसी रिवॉल्वर (Gun) से फायर कर दिए। इस विवाद (Bhopal News)  के कई वीडियो शनिवार को सामने आए। इससे पहले पुलिस ने गोली चलने के मामले में प्रकरण दर्ज नहीं किया। जबकि 32 वर्षीय डॉक्टर उज्जवल गुप्ता की शिकायत पर बलवा समेत कई अन्य धाराओं में आज्ञात 50—60 लोगों के खिलाफ प्रकरण 559/24 दर्ज कर लिया। पुलिस ने उनके अलावा राजेंद्र तिवारी (Rajendra Tiwari) और अंजु गुप्ता (Anju Gupta) का जेपी अस्पताल (JP Hospital) में मेडिकल भी कराया। डॉक्टर राहुल ठाकुर (Dr Rahul Thakur) ने बताया कि रात पौने आठ बजे ई रिक्शा पर राकेश चौधरी को लाया गया था। उसकी मौत हो चुकी थी। शव हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) पहुंचा दिया गया था। लेकिन, एक घंटे बाद भीड़ ने आकर जमकर गदर मचाया। अस्पताल में खड़े वाहनों में भी त़ोड़फोड़ की गई। इससे करीब पांच लाख रुपए का नुकसान हुआ। डॉक्टर उज्जवल गुप्ता घर के भीतर गए। वहां पत्नी सपना गुप्ता (Sapna Gupta) और छोटा भाई प्रबल गुप्ता (Prabal Gupta) थे। भीड़ घर में घुस गई। मुझे घर से बाहर निकलने के लिए बोला जाने लगा। इसके बाद भीड़ के बीच मां फंस गई जिन्हें बचाने के लिए रिवॉल्वर जिसमें नकली राउंड थे वह चलाए गए थे। इसके बाद भीड़ तितर बितर हो गई। पथराव करने की वजह से सिर में चोट आई है।

निजी अस्पताल संचालक पुलिस के रवैये से नाराज, यह बोलकर दी चेतावनी

इस घटना के बाद राजधानी के सभी निजी अस्पताल संचालकों की एक आपात बैठक बुलाई गई। यह बैठक मप्र नर्सिंग होम एसोसिएशन, यूनाइटेड डॉक्टर फेडरेशन और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने बुलाई थी। बैठक 31 अगस्त की शाम चार बजे हुई। सभी ने सिटी अस्पताल मैं हुई तोड़फोड़ और चिकित्सा कर्मियों के साथ हुई मारपीट पर विरोध जाहिर किया। संगठनों ने इस घटना  की भर्त्सना करते हुए आरोपियों के पर उचित धाराओं व डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर त्वरित कार्यवाही करने की मांग की है। इसके अलावा कार्यवाही न होने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। डॉक्टर उज्जवल शुक्ला ने कहा कि लगभग आधा घंटा उत्पात मचता रहा। इसके बावजूद पुलिस जो अस्पताल से एक किलोमीटर दूर खड़ी होकर वाहन चैकिंग करती है वह नहीं आई। बैठक में डॉ अनूप हजेला (Dr Anup Hajela), डॉ राहुल खरे(Dr Rahul Khare) , डॉ संजय गुप्ता, डॉ दीपक शाह, डॉ राकेश मालवीय, डॉ संजीव गुलाटी(Dr Sanjeev Gulati) , डॉ उमेश शारदा और डॉ प्रद्युम्न पांडेय मौजूद थे। बैठक में तय किया गया है कि पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र (CP Harinarayan Chari Mishra) से एक प्रतिनिधि मंडल मिलेगा। थाना पुलिस ने एफआईआर में 50 लोगों की संख्या लिखी है। जबकि उन्हें नामजद आरोपी दिए गए थे। यदि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया तो सोमवार से राजधानी के 250 से अधिक नर्सिग होम बंद कर दिए जाएंगे। इधर, निजी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन में लोगों ने सिटी अस्पताल के संचालक पर आरोप लगाया कि यहां इलाज से पूर्व पैसा मांगा जाता है। उसके बाद ही मरीज को भर्ती किया जाता है। इस आचरण के चलते कई बार अस्पताल में विवाद की स्थिति बन चुकी है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)

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