MP Railway Officer: दोस्त की बर्थडे पार्टी में जिस महिला से हुई थी मुलाकात उसने झूठे प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर ऐंठ लिए छह लाख, प्रोटेस्ट नाम की बीमारी के रेलवे अधिकारी हुए शिकार, पांच महीना पुरानी जांच के बाद दोस्त और उसकी महिला मित्र को पुलिस ने बनाया आरोपी, डेढ़ साल के भीतर भोपाल डीआरएम का यह दूसरा मामला
भोपाल। रेलवे विभाग के एक राजपत्रित अधिकारी हनी के मोह में फंस गए। उनका दावा है कि वे ट्रैप नहीं हुए थे। लेकिन, उन्हें बलात्कार के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। इस घटना की एफआईआर भोपाल (MP Railway Officer) शहर के गोविंदपुरा थाने में दर्ज हुई है। हालांकि उसकी शुरूआत कमला नगर इलाके से हुई थी। मामला ताजा नहीं है लेकिन पांच महीने से गुपचुप जांच की जा रही थी। अब जांच के बाद प्रकरण में फंसाने की धमकी देने वाली महिला और भोपाल डीआरएम कार्यालय में तैनात एक अन्य अधिकारी को पुलिस ने आरोपी बनाया है। पुलिस का दावा है कि इस मामले में उसके पर्याप्त सबूत मिले हैं। जिसके बाद यह एफआईआर दर्ज की गई है।
ब्लैक लिस्ट में डाला नंबर तो मामला बिगड़ा
गोविंदपुरा (Govindpura) थाना पुलिस के अनुसार इस मामले की शिकायत अप्रैल, 2023 में की गई थी। पीड़ित भोपाल डीआरएम कार्यालय (DRM Office) में तैनात सीनियर अधिकारी है। जिनका निवास शक्ति नगर (Shakti Nagar) इलाके में आता है। इसलिए उन्होंने आवेदन गोविंदपुरा थाना पुलिस को दिया था। पुलिस ने इस मामले में 6 सितंबर को 508/23 धारा 389/120—बी (दस वर्ष से अधिक सजा वाले अपराध में फंसाने की धमकी देकर ब्लैकमेल करना और साजिश के तहत प्रकरण) दर्ज किया गया ह। जिसमें आरोपी काजल परमार और नृपेंद्र सिंह गंगवार को बनाया गया है। पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि काजल परमार (Kajal Parmar) उसके भोपाल डीआरएम कार्यालय में तैनात नृपेंद्र सिंह गंगवार (Nrapendra Singh Gangwar) की महिला मित्र हैं। उससे पहचान अपने कार्यालय में सहयोगी गंगवार के जन्मदिन पार्टी वाले दिन हुई थी। इस पार्टी में शामिल होने वे 30 दिसंबर, 2021 को गए थे। नृपेंद्र सिंह गंगवार नेहरू नगर (Nehru Nagar) इलाके में रहता है जो कि कमला नगर थाना क्षेत्र में आता है। आरोपी काजल परमार पहले एक हजार तो कभी दो हजार रूपए मांगती रही। कुछ टाईम उन्होंने उसका सहयोग भी किया। जब वह ज्यादा रकम मांगने लगी तो उसका नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया।
दोनों आरोपियों से कई चरणों में थाने में हो चुकी पूछताछ
यह पता चलने पर आरोपी काजल परमार आग—बबूला हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह तब महिला थाने के सामने जाकर खड़ी हो गई। उसने वीडियो कॉल के जरिए नृपेंद्र सिंह गंगवार के मोबाइल के जरिए उससे बातचीत भी कराई। इसके बाद पीड़ित रेलवे अधिकारी ने अपनी पत्नी को पूरा माजरा बता दिया। जिसके बाद परिवार पुलिस अधिकारियों से मिला और घटनाक्रम बताया। पीड़ित रेलवे अधिकारी ने दावा किया है कि वह काजल परमार की धमकियों से परेशान होकर प्रोटेस्ट नाम की बीमारी से घिर गया है। आरोपी काजल परमार उसे 24 फरवरी, 2022 से लगातार परेशान कर रही थी। पुलिस ने उसके और पीड़ित के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड खंगाले। जिसके बाद संदेहियों को थाने में बुलाकर कई बार उनका भी पक्ष लिया। अब पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी रेलवे के एक बड़े अधिकारी को उनके ही महिला स्टाफ ने बलात्कार के मामले में फंसाया था। जिसके बाद उनका तबादला हो गया था। हालांकि इस प्रकरण में वे अब अदालत से बरी हो चुके हैं।
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