Bhopal Property Fraud: कंपनी की रकम निजी खाते में डलवाई 

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Bhopal Property Fraud: एक दर्जन से अधिक प्लॉट मालिकों से करीब एक करोड़ रूपए लेकर किया गया फर्जीवाड़ा

Bhopal Property Fraud
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। कृषि भूमि को लेकर उसमें कॉलोनी काटकर बेचने वाली कंपनी के साथ धोखाधड़ी की गई। कंपनी के संचालकों ने प्लॉट बेचने के लिए जिस व्यक्ति को अधिकृृत किया उसने यह घोटाला किया। यह घटना भोपाल (Bhopal Property Fraud) शहर के कोलार रोड़ थाना क्षेत्र की है। फर्जीवाड़ा करीब एक करोड़ रूपए का है। जिसमें कंपनी की तरफ से थाना पुलिस को आवेदन दिया गया था। ​जांच के बाद पुलिस ने दो व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

कंपनी ने यह दी थी जिम्मेदारी

कोलार रोड (Kolar Road) थाना पुलिस के अनुसार फर्जीवाड़े की घटना जून, 2019 से सितंबर, 2020 के बीच अंजाम दी गई। जिसमें जांच केे बाद 20 अप्रैल की रात लगभग आठ बजे प्रकरण दर्ज किया गया। पुलिस ने इस मामले में 283/23 धारा 420/34 (जालसाजी और एक से अधिक आरोपी का प्रकरण) दर्ज किया गया। मामले की जांच एसआई शैलेन्द्र सिंह कुशवाह (SI Shailendra Singh Kushwah) ने की थी। उन्होंने बताया कि पीजेड (PZ) नाम की एक कंपनी है। जिसके संचालक प्रदीप शर्मा (Pradeep Sharma) और जफर खान (Zafar Khan) है। दोनों गोविंदपुरा इलाके में रहते हैं। यह कंपनी जमीन को आवासीय विकसित कर प्लाट बेचने का काम करती है। कंपनी ने हिनोतिया आलम (Hinotiya AAlam) में करीब सवा दो हेक्टेयर जमीन को आवासीय बनाया। फिर उसे बेचने का काम किया जा रहा था। इस जिम्मेदारी के लिए पॉवर ऑफ अटॉनी मनीष मोटवानी (Manish Motwani) को दी थी। वह गांधी नगर स्थित एयरपोर्ट रोड पर रहता है।

ऐसे कर रहा था फर्जीवाड़ा

जांच में पता चला कि आरोपी मनीष मोटवानी ने प्लॉट बेचे। लेकिन, चेक कंपनी के नाम से लेने की बजाय अपने निजी खाते पर ले लिए। जबकि पॉवर आफ अटॉनी (Bhopal Property Fraud) यह बोलकर दी गई थी कि कंपनी के खाते में रकम जमा करने के बाद कमीशन कंपनी उसको देगी। मनीष मोटवानी ने इस फर्जीवाड़ा करने के लिए अपने साथी राहुल जोहरी (Rahul Johri) से भी मदद ली। इस मामले में वह दूसरा आरोपी बनाया गया है। वह मालवीय नगर (Malviya Nagar) इलाके में रहता है। पीजेड कंपनी के करीब 15 प्लॉट 28 जून 2019 से लेकर 28 सितंबर 2020 के बीच आरोपियों ने पावर ऑफ अटॉर्नी से रजिस्ट्री कर बेचे। जब उनके विक्रय की राशि कंपनी के खाते में नहीं आई तो मालिकों ने रकम मांगी। इसके बाद कंपनी ने पॉवर आफ अटॉनी को निरस्त कराया। प्रदीप शर्मा और जफर खान को विक्रय किये गए 15 प्लॉटों के 97 लाख रुपए नहीं मिलने पर कोलार रोड थाने में शिकायत की गई थी।

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