Bhopal News: तीन हजार स्क्वायर फीट के प्लॉट को लेकर चल रहा था विवाद, दूरसंचार कॉलोनी के कई प्लॉट पर अभी भी विवाद की स्थिति बरकरार
भोपाल। संपत्ति विवाद को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता के साथ गाली—गलौज और धमकाने का मामला सामने आया है। यह घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के शाहपुरा थाना क्षेत्र की है। घटना दूरसंचार कॉलोनी में हुई है। इस कॉलोनी में कई अन्य प्लॉट पर भी अवैध तरीके से कब्जे हैं। जिसको लेकर दर्जनों शिकायत जिला प्रशासन और निगम के पास कार्रवाई की बांट जोह रही है।
जमीन मालिक ने दिया था मुख्तारनामा
पुलिस के अनुसार दूरसंचार कॉलोनी (दूरसंचार कॉलोनी) में तीन हजार स्क्वायर फीट का एक प्लॉट है। इस प्लॉट के वास्तविक मालिक अनिल पोद्दार (Anil Poddar) हैं। उन्होंने प्लॉट का मुख्तारनामा हीरेंद्र सिंह शेखावत (Hirendra Singh Shaikhawat) पिता स्वर्गीय गुमान सिंह शेखावत उम्र 64 साल के साथ किया है। वे चूना भट्टी (Chuna Bhatti) थाना क्षेत्र स्थित विंडसर कॉलोनी (Windsor Colony) में रहते हैं। हीरेंद्र सिंह शेखावत सामाजिक कार्यकर्ता भी है। उन्होंने बताया कि दूरसंचार कॉलोनी में दो प्लॉट है। जिस पर जबरिया कब्जा किया गया था। इसे 12 अप्रैल, 2023 को मुक्त कराया गया था। अब इस प्लॉट पर सुरक्षा के लिए फेंसिंग कराने वे 30 अगस्त को पहुंचे थे। यहां उन्हें राजेंद्र सिंह राजपूत (Rajendra Singh Rajput) , उसका भाई मनोज राजपूत (Manoj Rajput) , बेटा रौनक राजपूत (Raunak Rajput) और राहुल राजपूत (Rahul Rajput) आए। वह उनसे गाली—गलौज करते हुए धमकाने लगे। पुलिस ने इस मामले में प्रकरण 271/24 दर्ज कर लिया है।
कमर्शियल एक्टिविटी के लिए कई अन्य जगह भी कब्जे
शाहपुरा थाना क्षेत्र स्थित ईश्वर नगर के पास दूरसंचार विभाग, बीडीए समेत अन्य विभागों की कॉलोनियां काटी गई है। इनमें कई भूखंडों पर कब्जा किया गया है। यहां दूरसंचार कॉलोनी और बीडीए की कॉलोनी (BDA Colony) को लेकर अपनी सीमांकन को लेकर कई साल तक मामला कोर्ट में भी चला। इसका फायदा उठाकर करीब डेढ़ हजार स्क्वायर फीट में पवन सिंह राजपूत (Pawan Singh Rajput) और सियाबाई ने कब्जा कर रखा है। इसमें बिल्डिंग मटैरियल का सामान बेचा जा रहा है। इस संबंध में कोलार तहसील कार्यालय ने 8 अगस्त को दोनों लोगों को कब्जा छोड़ने के लिए नोटिस भी दिया था। इस संबंध में 13 अगस्त तक की मोहलत दी गई थी। पीड़ित परिवार कई साल से यह कार्रवाई करने के लिए सरकारी महकमे के चक्कर काट रहा है। बीडीए कब्जे वाली जमीन को अपनी नहीं बताता है। वहीं दूरसंचार कॉलोनी भी उस हिस्से को अपनी जमीन नहीं मानती थी। नतीजतन, तहसील कार्यालय में यह प्रकरण कई साल से लंबित चल रहा था। ऐसे ही दर्जनों मामले दूरसंचार कॉलोनी और उसके आस—पास अभी भी बरकरार है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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