Bhopal News: मौत के सात महीने बाद साधारण दुर्घटना का प्रकरण दर्ज, एफआईआर में एक तरफ पुलिस कह रही है कि जेके अस्पताल ने थाने को सूचना नहीं दी फिर उसी एफआईआर में सारे नियमों के तहत कार्रवाई करने का हवाला देकर प्रबंधन को दे दिया क्लीनचिट
भोपाल। सड़क दुर्घटना के एक मामले को पुलिस की एफआईआर ने विवादास्पद बना दिया है। यह घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के कोलार रोड थाना क्षेत्र की है। इसमें एक कार की टक्कर से वृद्ध जख्मी हो गया था। उसका जेके अस्पताल में लगभग एक सप्ताह इलाज भी चला। लेकिन, आपरेशन थियटर में वृद्ध की मौत हो गई। अब इस पूरे प्रकरण में करीब सात महीने बाद लापरवाही से वाहन चलाकर टक्कर मारने का प्रकरण दर्ज किया गया है। जिसमें आरोपी वाहन चालक कार सवार को बनाया गया है।
यह है वह घटनाक्रम जो पुलिस थाने में उसी दिन पहुंच गया था
पुलिस सूत्रों के अनुसार सड़क दुर्घटना 01 मई, 2024 को अपरान्ह चार बजे हुई थी। हादसा मंदाकिनी चौराहे के पास जिम के नजदीक वाले सड़क पर हुआ था। हादसे में प्रकाश चंद्र तिवारी (Prakash Chandra Tiwari) पिता द्वारिका प्रसाद तिवारी उम्र 64 साल और भोजराज दुबे (Bhojraj Dubey) पिता एलपी दुबे उम्र 63 साल जख्मी हो गए थे। दोनों रिश्तेदार हैं और जूपिटर मोपेड एमपी—04—एसयू—5473 पर सवार थे। प्रकाश चंद्र तिवारी कोलार रोड स्थित दानिश कुंज शिवालय परिसर (Danish Kunj Shivalaya Parisar) में रहते थे। जबकि भोजराज दुबे नर्मदापुरम जिले में रेवा भगवती नगर (Rewa Bhagwati Nagar) के पास शारदा कॉलोनी (Sharda Colony) में रहते हैं। दोनों रिवेरा हिल्स व्यू बंगलों में चल रहे निर्माण कार्य को देखकर लौट रहे थे। मोपेड पर कार (Car) एमपी—09—सीपी—4586 के चालक ने टक्कर मार दी थी। इसमें भोजराज दुबे को सामान्य चोट आई थी। लेकिन, दुर्घटना के बाद गिरने से प्रकाश चंद्र तिवारी का पैर मोपेड में दब गया था। उन्हें जख्मी हालत में आरोपी वाहन चालक ही जेके अस्पताल (JK Hospital) लेकर पहुंचा था। इस दुर्घटना की जानकारी 01 मई को जेके अस्पताल से डॉक्टर रितु ने दे दी थी। पुलिस जब पहुंची तो वे अपना ट्रीटमेंट कराकर घर चले गए थे।
पुलिस ने एफआईआर में यह बातें बताई है जो उसे कठघरे में खड़ा कर रही है
घटना वाले दिन प्रकाश चंद्र तिवारी की बेटी प्रिया तिवारी (Priya Tiwari) भी अस्पताल पहुंची थी। पुलिस का कहना है कि इसके बाद प्रकाश चंद्र तिवारी के बयान दर्ज नहीं हुए। वे डॉक्टरों की सलाह पर अपना इलाज पुलिस थाने को बिना सूचना दिए कराते रहे। उनके लिगामेंट दो स्थानों से टूट गया था। जिसके लिए डॉक्टरों ने आपरेशन के लिए बोला। आपरेशन के लिए 7 मई को भर्ती कराया गया। जेके अस्पताल के ओटी में ले जाकर बेहोशी के लिए दवा दी तो प्रकाश चंद्र तिवारी की मौत हो गई। यह बात अस्पताल ने परिजनों को तुरंत नहीं बताई थी। इससे पहले अस्पताल ने परिजनों से बिल भराया। इसके बाद ओटी में ले जाने वाले फॉर्म में हस्ताक्षर कराए थे। पुलिस को मौत की सूचना 8 मई को दी थी। जिस पर कोलार रोड पुलिस मर्ग 44/24 दर्ज कर शव पीएम के लिए भेजा गया। पीएम रिपोर्ट में हार्ट अटैक की बात सामने आई। मामले की जांच एसआई सुमेर सिंह (SI Sumer Singh) कर रहे थे। पुलिस ने जेके अस्पताल में हुए ट्रीटमेंट को क्लीनचिट देते हुए बताया कि इस घटना के लिए कार चालक लापरवाह है। यदि उसने टक्कर नहीं मारी होती तो यह अवस्था ही नहीं बनती। इसलिए कोलार रोड थाना पुलिस ने 30 दिसंबर को प्रकरण 917/24 दर्ज कर लिया। जिसमें आरोपी वाहन चालक को बनाया गया है। (सुधि पाठकों से अपील, हम पूर्व में धाराओं की व्याख्याओं के साथ समाचार देते रहे हैं। इसको कुछ अवधि के लिए विराम दिया गया है। आपको जल्द नए कानूनों की व्याख्या के साथ उसकी जानकारी दी जाएगी। जिसके लिए हमारी टीम नए कानूनों को लेकर अध्ययन कर रही हैं।)
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