Bhopal News: सोशल मीडिया एप के जरिए पुलिस को मिला था सुराग, तीन राज्यों के बीच पसरी नाबालिग लड़की और दो बच्चों के लापता पिता की रोचक कहानी, एमपी पुलिस ने मशक्कत के बाद सुलझाया लव—जिहाद के आरोपों का राज
भोपाल। इंटरनेट ने दुनिया को किस तरह से मुट्ठी में ला दिया है यह आपको इस स्टोरी से पता चलेगा। कहानी कई मोड़ पर काफी दिलचस्प हुई। मामले की जांच शुरू तो नाबालिग लड़की के गुम होने से हुई थी। लेकिन, जब उसकी तह में अधिकारी सुराग तलाशते हुए उतरे तो वह हैरान करने वाली बन गई। घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र में हैं। जिसकी जांच नौ महीने पहले शुरू हुई थी। उस वक्त लापता नाबालिग ने अपनी सहेली को मैसेज किया था। जिसमें कहा था कि वह नर्मदा नदी में डूबकर आत्महत्या करने जा रही है।
ऐसे बदलते गए जांच अधिकारी अब सभी सामने आने लगे
लापता लड़की मध्यप्रदेश पुलिस सेवा के एक रिटायर्ड अधिकारी के रिश्तेदार की बेटी है। यह अधिकारी इन दिनों अपना एक निजी स्कूल भी चला रहे हैं। लड़की की मां पति से अलग रह रही थी। जिसकी परवरिश को लेकर वह अपने प्रोफेसर की नौकरी भी छोड़ चुकी थी। उसकी जांच के लिए तीन अधिकारी बदले गए थे। इसके बावजूद मां पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं थी। वह अपने स्तर पर ही बेटी का पता लगा रही थी। उसे पता चला कि वह किसी मुस्लिम लड़के के संपर्क में थी। वह लड़का खंडवा में रहता था। जिसके संबंध में मां ने हिंदू संगठनों से भी मदद मांगी थी। आरोप लगाया गया था कि प्रकरण लव जिहाद का है। इस बात को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से भी शिकायत की गई थी। इन्हीं आरोप—प्रत्यारोपों के चलते तीन जांच अधिकारी बदले जा चुके थे।
यहां से कहानी में आता गया नया मोड़
गोविंदपुरा थाना क्षेत्र के बरखेड़ा पठानी इलाके से 16 साल की नाबालिग 1 जून, 2022 से लापता थी। चौथे जांच अधिकारी एसआई गजराज सिंह (SI Gajraj Singh) को बनाया गया। इससे पहले मैसेज के आधार पर पुलिस की पार्टी इटारसी और होशंगाबाद से निराश होकर आ चुकी थी। एसीपी गोविंदपुरा संभाग आदित्य तिवारी (ACP Aditya Tiwari) ने सायबर क्राइम की तकनीकी टीम से मदद मांगी थी। लापता नाबालिग कक्षा दसवीं की छात्रा थीं। पुलिस को नाबालिग के मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल से महत्वपूर्ण सुराग मिला। जिसमें पता चला कि वह सोशल मीडिया एप स्टार मेकर (App Star Maker) से जुड़ी हुई थी। इस एप के जरिए वॉईस चैट की जाती है। इसी चैट की पड़ताल में पुलिस को सुराग मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। इसी स्टार मेकर एप के जरिए लिंक की खोजबीन में पुलिस को असम में उसके तार मिले। उस लिंक पर बारीकी से निगाह रखी जाने लगी। जब तस्दीक हुई कि भोपाल से लापता नाबालिग ही वहां ठहरी हैं तो टीम रवाना करने का निर्णय लिया गया।
ऐसा करके मंदिर में की थी नकली शादी
असम में लोकेशन की तस्दीक होने के बाद एसआई गजराज सिंह, महिला प्रआ सोनिया पटेल (HC Soniya Patel) , प्रधान आरक्षक कुबेर सिंह (HC Kuber Singh) को भोपाल से रवाना किया गया। नाबालिग को गुवाहाटी 25—ए स्थित थाना फटासील अंबारी से बरामद किया गया। उसके साथ वहां पर मनीष तिवारी (Manish Tiwari) पिता गोपाल तिवारी उम्र 28 साल भी बरामद हुआ। यहां नाबालिग ने बताया कि उसके साथ आरोपी ने कई बार शारीरिक संबंध बनाए थे। ऐसा करने से पहले उसने मंदिर में ले जाकर शादी भी की थी। लेकिन, वहां न उसका रिश्तेदार था और न लड़की की उम्र उस दायरे में आती थी। आरोपी ने पंडित भी नहीं बुलाया था। सिर्फ चुनरी और मांग भरकर उसने शादी कर ली थी। नाबालिग के यह बयान देने के बाद गोविंदपुरा थाना पुलिस ने पूर्व में दर्ज प्रकरण 290/22 धारा 363 में धारा बढ़ाने का निर्णय लिया। इस संबंध में आला अधिकारियों और अभियोजन से राय ली गई थी। जिसके बाद पुलिस की तरफ से धारा 366—क/376—2—एन/5एल/6 बढ़ाई गई।
नाबालिग और उस व्यक्ति को गुवाहाटी स्थित न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी कामरूप मेट्रो डिस्ट्रिक्ट न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत किया गया। यहां से दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर भोपाल (Bhopal News) लाया गया। नाबालिग को भोपाल में लाने के बाद सीडब्ल्यूसी के आदेश से गौरवी संस्था में रखा गया। दरअसल, वह अपने घर नहीं जाना चाहती थी। इसी नाराजगी के चलते वह परिजनों से भी नहीं मिलना चाहती थी। उसको गौरवी संस्था के अलावा दूसरे दिन उर्जा महिला हेल्प डेस्क (Urja mahila Help Desk) की तरफ से आरोपी मनीष तिवारी के बारे में जानकारी दी गई। वह पहले से शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी हैं। यह बात उसने नाबालिग से छुपाई थी। यह जानकारी जब नाबालिग को पता चली तो उसने खुलकर पुलिस का भी साथ दिया। वह परिजनों के साथ रहने को भी राजी हो गई।
आरोपी भी घर से था गायब
इस मामले में आरोपी मनीष तिवारी को भोपाल जिला अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। पुलिस ने उसके मोबाइल को भी जांच के लिए जब्त कर लिया है। पुलिस की टीम आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड को भी खंगाल रही है। आरोपी 32 वर्षीय मनीष तिवारी है। जिसकी गुमशुदगी उसके पिता गोपाल तिवारी ने दर्ज कराई थी। वह 30 मई, 2022 से लापता था। वह लैपटॉप, मोबाइल फोन और शैक्षणिक प्रमाण पत्र लेकर निकला था। आरोपी मूलत: उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद की बेल्थरा रोड थाना उभॉव का रहने वाला है। जिस दिन वह घर से निकला था तब वह वाराणसी जाने का बोलकर निकला था। इस मामले में यूपी पुलिस ने 31 मई, 2022 की दोपहर डेढ़ बजे गुमशुदगी 07/22 दर्ज की गई थी।
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