JK Hospital Update News: रेमडेसिविर इंजेक्शन काला बाजारी करने के मामले में चल रहा है एक सप्ताह से फरार
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज पुलिस विभाग से मिल रही है। वह विभाग जो लॉक डाउन तोड़ने वालों से उठक—बैठक लगवा रहा है। वहीं कई जगहों पर लाठी बरसाकर सख्ती बरतने का दावा कर रहा है। उस पुलिस महकमे के लिए आकाश दुबे अवसर है या आफत इसको लेकर चर्चा चल पड़ी है। दरअसल, आकाश दुबे जेके अस्पताल (JK Hospital Update News) का आईटी मैनेजर है। वह अस्पताल को सरकारी कोटे में मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में आरोपी है। आरोपी को पुलिस एक सप्ताह बाद भी पकड़ नहीं पाई है। हालांकि उसका दावा है कि वह दिन—रात उसको दबाचने के लिए दबिश दे रही है।
राजनीति करने का दिया है अवसर
जेके अस्पताल में आकाश दुबे का काफी रसूख है। उसके पिता उमाशंकर दुबे (EX DSP Umashankar Dubey) रिटायर्ड डीएसपी है। आकाश दुबे कोलार स्थित शालीमार पार्क कॉलोनी में रहता है। वह 13 मई से पुलिस के रिकॉर्ड में फरार चल रहा है। उसने प्रदेश में विपक्ष के नेताओं को भी राजनीति करने का अवसर दिया है। दरअसल, पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former CM Digvijay Singh) ने आकाश दुबे के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर भी ट्वीट की थी। जिसके बाद ही पुलिस की सरगर्मी हवा होने लगी। इस बीच आरोपी ने अदालत में जमानत लेने के लिए अग्रिम याचिका भी लगाई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार यदि आकाश दुबे हत्थे लगा तो जेके अस्पताल के कई राज उजागर हो जाएंगे।
दो टीमें एक सप्ताह से मजाक बना रहा
इसलिए एक लॉबी उसको बचाने के लिए हर तरह का दांव पेंच अपना रही है। उसके समर्थन में अस्पताल के कई रसूखदार व्यक्ति पहुंच का इस्तेमाल कर रहे है।आकाश दुबे कोई पेशेवर अपराधी नहीं है। उसने फरारी के दौरान ही अपना सोशल अकाउंट भी बंद किया है। इसके अलावा उसके एक ठिकाने की जानकारी पुलिस को लग गई थी। लेकिन, वहां से वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही गायब हो गया था। आकाश दुबे के केस की निगरानी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और एएसपी अंकित जायसवाल (IPS Ankit Jaisawal) देख रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनका दावा है कि दो टीमें उसकी गिरफ्तारी के लिए लगी हुई है। इसके बावजूद एक सप्ताह से आकाश दुबे पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। पुलिस के अफसर उसकी गिरफ्तारी के संबंध में इनाम के ऐलान से लेकर दूसरे अन्य काम भी नहीं कर सके हैं।
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क्यों है तलाश
आकाश दुबे का नाम 13 मई को गिरफ्तार आकर्ष सक्सेना, दिलप्रीत सलूजा (Dilprit Saluja) और अंकित सलूजा (Ankit Saluja) की गिरफ्तारी के बाद सामने आया था। आरोपियों के कब्जे से रेमडेसिविर के पांच इंजेक्शन बरामद हुए थे। अंकित सलूजा ने बताया था कि एक महीने में उससे करीब 15 इंजेक्शन खरीदे गए थे। इससे पहले कोलार थाना पुलिस ने ही जेके अस्पताल की नर्स शालिनी वर्मा और वहां काम करने वाले कर्मचारी झलकन सिंह मीणा को भी रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने कबूला था कि वे मरीजों को आवंटित इंजेक्शन की जगह उन्हें स्लाइन लगाकर उसको कालाबाजारी के जरिए बेचने का काम कर रहे थे।