Bhopal News: शिवाय अस्पताल में हार्ट अटैक के बाद पहुंचे मरीज की मौत 

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Bhopal News: एम्स अस्पताल में नहीं था पलंग तो परिजन ले गए थे दूसरे अस्पताल, भाई बोले कुछ घंटे वहां रखना मुझे शंका पैदा करता है, अस्पताल प्रबंधन बोला परिजनों के आरोप बेबुनियाद

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ग्राफिक डिजाईन टीसीआई

भोपाल। एमपी नगर स्थित डीबी मॉल में काम करने वाले एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। यह घटना भोपाल (Bhopal News) शहर के अवधपुरी थाना क्षेत्र की है। उसे सीने में दर्द की शिकायत के बाद परिजन अस्पताल ले गए थे। मौत के इस मामले में परिजन निजी अस्पताल की भूमिका पर असंतोष जता रहे हैं। वहीं अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों को लेकर अपनी स्थिति साफ कर दी है। इधर, पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद वह जांच के बिंदु तय करेगी।

मौत के मामले में थाना प्रभारी ने फोन ही रिसीव नहीं किया

अवधपुरी (Awadhpuri) थाना पुलिस के अनुसार अभिषेक चौबे (Abhishek Chaubey) पिता बीबी चौबे उम्र 32 साल की मौत हो गई। वह एमपी नगर स्थित डीबी मॉल (DB Mall) की एक फर्म में जॉब करता था। उसे दफ्तर में ही घबराहट हुई तो वह अवधपुरी स्थित 80 फीट रोड के पास आराधना नगर (Aradhna Nagar) में स्थित घर आ गया। घर में उसने मां को अपनी समस्या बताई। जिसके बाद अभिषेक चौबे को लेकर उसकी मां भोपाल एम्स अस्पताल (AIIMS Hospital) पहुंची। मृतक के भाई राजेश चौबे (Rajesh Chaubey) ने बातचीत में द क्राइम इंफो को बताया कि अस्पताल में स्थान का अभाव था। इसलिए भोपाल एम्स ने भर्ती करने से इंकार कर दिया। इस कारण परिजन एम्स अस्पताल के नजदीक ही शिवाय अस्पताल (Shivay Hospital) ले गए। यहां कुछ घंटे उसका इलाज चलता रहा। फिर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजेश चौबे का कहना था कि भोपाल एम्स अस्पताल में ही चिकित्सक समझ चुके थे कि उसकी मौत हो गई है। इसके बावजूद शिवाय अस्पताल में उसके इलाज को लेकर उन्होंने शंका जाहिर की। इस मामले में अवधपुरी थाना प्रभारी रोशनलाल भारती (TI Roshanlal Bharti) से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया गया। उन्होंने बातचीत के लिए फोन ही रिसीव नहीं किया। हालांकि थाना पुलिस की तरफ से बताया गया कि जांच एएसआई राजेंद्र सिंह (ASI Rajendra Singh) कर रहे हैं। अवधपुरी पुलिस मर्ग 26/24 दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

आरोपों पर शिवाय अस्पताल प्रबंधन ने यह दी सफाई

इन शंकाओं पर शिवाय अस्पताल प्रबंधन से चर्चा की गई। बातचीत में डॉक्टर आयुषी दुबे (Dr Ayushi Dubey) ने बताया कि हमारे पास अभिषेक चौबे को शाम लगभग साढ़े पांच बजे लाया गया था। उसको चैक करने के बाद उसे तुरंत ही आईसीयू में ले जाया गया था। उसे सीसीआर के अलावा सीनियर कंसल्टेंट को परिजनों के कहने पर तुरंत ही बुला लिया गया था। उन्हें मायो कार्डियक अरेस्ट आया था जिसे चिकित्सीय क्षेत्र में एमआई कहा जाता है। उस वक्त अस्पताल में अभिषेक चौबे के दो भाई जितेंद्र चौबे (Jitendra Chaubey) और राजेश चौबे भी मौजूद थे। निधन होने के बाद अस्पताल ने ही पुलिस को मौत होने की सूचना दी थी। पुलिस ने आकर विधि अनुसार कार्रवाई की है। परिजनों के आरोपों पर उनका कहना था कि हमने इस पूरी कवायद के बदले में महज तीन हजार रुपए लिए थे। हमारा मकसद मरीज की जान बचाना था। परिजनों का आरोप निराधार है यदि वह चाहे तो दी हुई राशि भी ले सकते हैं। बहरहाल मौत के इस मामले में किस तरह की रिपोर्ट थाना पुलिस ने पीएम में मांगी है यह साफ अभी नहीं हो सका है।
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