Bhopal News: कार के भीतर मिली लाश के मामले में रसूखदारों के नाम 

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Bhopal News: जहां कार मिली उसके ही नजदीक मंत्रियों और प्रशासनिक अफसरों के बंगले, सवाल आखिर आत्महत्या करने वाला राधेश्याम वहां क्या कर रहा था, किससे मुलाकात करने गया था, खुदकुशी से पूर्व सोशल मीडिया में वायरल वीडियो को देखिए जिसमें हैं शराब कारोबारियों के नाम

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वह कार जिसकी पिछली सीट में राधेश्याम सेन की लाश पुलिस को मिली थी। चित्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।

भोपाल। कार के भीतर मिली लाश के मामले में पुलिस अभी तक कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। वहीं इस प्रकरण में राजधानी भोपाल के कई हाई—प्रोफाइल लोगों के नाम सामने आने लगे। जिसके बाद भोपाल (Bhopal News) शहर के टीटी नगर थाने में तैनात प्रभारी और निरीक्षक अशोक गौतम ने अपने सरकारी सीयूजी नंबर को बंद कर लिया। इधर, पीएम के लिए शव भेज दिया गया है। पुलिस ने वीडियो और सुसाइड नोट को जांच का आधार बनाकर जांच शुरु कर दी है। जिसमें वीडियो में सामने आए रसूखदारों को पुलिस की तरफ से नोटिस देकर बयान दर्ज कराए जाएंगे।

कारोबारी रिकॉर्ड को खंगालने की तैयारी में पुलिस

पुलिस सूत्रों के अनुसार राधेश्याम सेन (Radheshyam Sen)  पिता भोलाराम सेन उम्र 52 साल की मौत के मामले में वह सीसीटीवी खंगालने का काम कर रही है। वह रातीबड़ स्थित नीलबड़ (Neelbad) के नजदीक विशाल नगर (Vishal Nagar) में रहता था। पुलिस की एक टीम राधेश्याम सेन के ट्रैक रिकॉर्ड को खंगाल रही है। दरअसल, उसकी लाश शिव नगर (Shiv Nagar) बस्ती के पास कार (Car) एमपी—04— के भीतर मिली थी। पुलिस यह पता लगा रही है कि घर से निकलने के बाद वह कहां—कहां गया और इस दौरान उसने किन व्यक्तियों से बातचीत की थी। दरअसल, जहां लाश मिली उसके नजदीक मंत्रियों और प्रशासनिक अफसरों के बंगले हैं। राधेश्याम सेन टीटी नगर इलाके में किसके पास आया था यह पता लगाया जा रहा है। पुलिस को कार के भीतर से चार पेज का सुसाइड नोट ​भी मिला है। जिसमें नया ही मामला सामने आया है। इसे पुलिस के अधिकारी अभी उजागर करने से बच रहे हैं। उसने आत्महत्या से पूर्व एक वीडियो बनाया था। वह वीडियो उसने पत्नी को भेजा था। उसमें जो तथ्य आए है वह सुसाइड नोट से मेल नहीं खाते हैं। इसलिए जांच की कौन सी दिशा तय की जाए यह तय किया जा रहा है। जिसके लिए पुलिस ने सुसाइड नोट को हैंड राईटिंग एक्सपर्ट यानि क्यूडी सेल को भेजने का निर्णय लिया है।

थाने में दर्ज थी गुमशुदगी फिर अज्ञात में मामला दर्ज

राधेश्याम सेन की लाश फोर्ड कंपनी की कार एमपी—04—सीएच—1800 में मिली थी। कार ईदगाह  हिल्स (Idgah Hills) निवासी सचिन केसवानी (Sachin Keswani) के नाम पर थी। उससे पुलिस ने संपर्क किया तो पता चला कि तीन साल पहले उसे राधेश्याम सेन को बेच दिया गया था। कार को उसने अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं कराया था। इस मामले में एसीपी टीटी नगर संभाग चंद्रशेखर पांडे (ACP Chandrashekhar Pandey)  बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में ​जिन—जिन व्यक्तियों के नाम लिए गए हैं उन्हें नोटिस देकर बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले रातीबड़ थाने में राधेश्याम सेन के बेटे आदित्य कुमार सेन (Aditya Kumar Sen) ने गुमशुदगी की रिपोर्ट 49/24 दर्ज कराई थी। यह रिपोर्ट उसने 10 मई की दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे दर्ज कराई थी। वह एक मीडिया हाउस में जॉब करता है। उसी रिपोर्ट के बाद शिव नगर इलाके में 10 मई की शाम लगभग साढ़े चार बजे लाश मिली। जिस पर टीटी नगर पुलिस मर्ग 20/24 दर्ज किया गया। यह मर्ग अज्ञात बताकर पुलिस ने दर्ज किया था।
वीडियो में सुनिए राधेश्याम सेन की पीड़ा जिसको पुलिस ने जांच का हवाला देकर तत्काल में अभी कोई एफआईआर न करने के निर्णय को टालने से संबंधित बयान दिया है

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