Bhopal Property Fraud: बीडीए ने मृत समझकर संपत्ति का नामांतरण कर दिया

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Bhopal Property Fraud: रजिस्ट्री कार्यालय में उस मृत व्यक्ति ने जीवित होकर मुख्तारनामा बना लिया, पुलिस को दो बार शिकायत की तो दर्ज हुई अब जालसाजी की एफआईआर

Bhopal Property Fraud
सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। राजधानी भोपाल के विकास के लिए बने भोपाल विकास प्राधिकरण में चल रहे बंदरबाट की एक सनसनीखेज कहानी सामने आई है। इसमें कई कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं जिन्होंने दलालों को मदद पहुंचाने करोड़ों रुपए की संपत्ति को लेकर फर्जीवाड़ा किया। इस घटना की एफआईआर भोपाल (Bhopal Property Fraud) सिटी के कोहेफिजा थाने में दर्ज की गई है। इसमें महिला का नाम सामने आया है। जिसको पीड़ित परिवार पहचानता नहीं हैं।

पीड़ित ने किया स्टिंग आपरेशन

इस मामले की शिकायत भगवान प्रसाद वर्मा पिता जगन्नाथ प्रसाद वर्मा उम्र 84 साल ने दर्ज कराई है। वे जवाहर चौक स्थित एमएलए क्वाटर्स में रहते हैं। यहां उनके बेटे डॉक्टर आलोक वर्मा (Dr Alok Verma) अपना निजी क्लीनिक भी चलाते हैं। भगवान प्रसाद वर्मा भेल स्थित महात्मा गांधी स्कूल के सेवानिवृत्त प्रिंसीपल हैं। उनकी कोहेफिजा स्थित बीडीए कॉलोनी में मकान है। इस मकान में कई समय से ताला लगा है। उन्हें पिछले दिनों पड़ोसियों की मदद से पता चला था कि कोई व्यक्ति उनकी संपत्ति को बेचना चाह रहा है। जिसके लिए ग्राहक कई बार यहां आते—जाते रहते हैं। यह पता चलने के बाद भगवान प्रसाद वर्मा को शक हुआ। उन्होंने बेटे डॉक्टर आलोक वर्मा को यह बातें बताई। जिसके बाद वे स्वयं स्टिंग करते हुए दलाल के पास संपत्ति खरीदने के लिए दस्तावेज लेने पहुंच गए। जिसमें पता चला कि भगवान प्रसाद वर्मा को मृत बताकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। इसकी शिकायत परिवार ने अगस्त, 2021 और जनवरी, 2022 में पुलिस से बता दी थी। पुलिस ने इन आवेदनों पर बकायदा जांच भी की थी।

पुलिस जांच कर रही थी आरोपी दस्तावेज बना रहे थे

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कोहेफिजा थाना, जिला भोपाल—फाइल फोटो

भगवान प्रसाद वर्मा (Bhagvan Prasad Verma) की बीडीए कॉलोनी के मकान की लीज जमा करनी थी। जिसको जमा करने पर पता चला कि वह तो कर दी गई है। उन दस्तावेजों से पता चला कि लीज जमा करने से पहले भगवान प्रसाद वर्मा (Bhopal Property Fraud) को मृत बता दिया गया था। इसके बाद उन्हें रजिस्ट्री कार्यालय जाने की सलाह दी गई। इस दौरान पता चला कि उसी संपत्ति को बेचने के लिए फर्जी मुख्तारनामा बनाया गया है। इसके लिए बकायदा स्टाप ड्यूटी भी जमा की गई थी। यह भगवान प्रसाद वर्मा के नाम से जमा हुई। जबकि भोपाल विकास प्राधिकरण (Bhopal Development Authority News) के रिकॉर्ड में वह मृत थे। कोहेफिजा पुलिस ने इस मामले में 17 जून की शाम लगभग साढ़े सात बजे 396/22 धारा 420/467/468/471/120—बी (जालसाजी, दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल, छल के लिए कूटरचित दस्तावेज बनाना और साजिश) के तहत प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में फिलहाल मुख्य आरोपी किरण पवार (Kiran Pavar) बताई जा रही है। पीड़ित परिवार का कहना है कि वह इस महिला को नहीं जानता है। जबकि महिला से पुलिस शिकायत की जांच के दौरान दो बार पूछताछ कर चुकी है। इसी पूछताछ के वक्त आरोपियों ने बीडीए में फर्जीवाड़ा किया। जिसके प्रमाण पुलिस को दिए गए हैं।

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