Fisheries Company Scam: गुरुग्राम की इस कंपनी ने मध्य प्रदेश के सैंकड़ों किसानों के साथ की धोखाधड़ी, भोपाल में चौथा मुकदमा दर्ज
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज फिश फॉरच्यून कंपनी के घोटाले (Fisheries Company Scam) से जुड़ी है। कंपनी के खिलाफ कोहेफिजा थाने में प्रकरण दर्ज हुआ है। हालांकि यह कंपनी के खिलाफ चौथा मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसमें अब तक किसी भी मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जबकि इस माफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से लेकर कई अफसरों से शिकायत की जा चुकी है। फर्जीवाड़े की शिकार भाजपा की विधायक भी हुई है। द क्राइम इंफो ने इस कंपनी के खिलाफ मुहिम भी चलाई थी।
पहले भी दर्ज है मुकदमा
कोहेफिजा थाना पुलिस के अनुसार 3 सितंबर की रात लगभग नौ बजे धारा 420/409/34 (जालसाजी, गबन और एक से अधिक आरोपी) का केस दर्ज किया गया है। घटना की शुरुआत दिसंबर, 2020 से शुरु हुई थी। मामला फिश फार्मिंग के नाम पर फर्जीवाड़े का है। जिसका दफ्तर हलालपुरा स्थित सिटी बाग में था। शिकायत गीतांजली काम्पलेक्स निवासी निधि चौरसिया (Nidhi Chaurasia) ने दर्ज कराई है। इस मामले में आरोपी प्रहलाद शर्मा, राजेन्द्र सिंह राजपूत, विजेन्द्र कश्यप और विनय शर्मा (Vinay Sharma) हैं। आरोपियों ने किस्त में मछली पालन के नाम पर अनुबंध करके 23 लाख 36 हजार रुपए ऐंठ लिए। मामले की जांच एसआई आरपी सिंह (SI RP Singh) ने की है। जिन्होंने बताया कि अभी आरोपी फरार चल रहे हैं। जिनकी धरपकड़ के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
दर्जनों हैं पीड़ित
जांच अधिकारी के अनुसार फिश फॉरच्यून नाम से कंपनी कारोबार करती थी। इसका सीएमडी विजेन्द्र कश्यप (Vijendra Kashyap) है जो गुरुग्राम का रहने वाला है। कंपनी के सीईओ विनय शर्मा हैं। एमपी का मुख्यालय यहां मॉल में खोला गया था। जिसके प्रभारी प्रहलाद शर्मा (Prahlad Sharma) थे। कंपनी के ग्रुप लीडर राजेन्द्र सिंह राजपूत (Rajendra Singh Rajput) थे। वे एजेंटों से रकम लेने का काम करते थे। कंपनी अलग—अलग योजना बताकर मछली उत्पादन में निवेश करने पर दुगना फायदा दिलाने का झांसा देते थे। एक प्लॉन में साढ़े पांच लाख तो दूसरे प्लॉन में 11 लाख रुपए वे ग्रामीणों से जमा कराते थे। पुलिस के पास अब तक तीन पीड़ित पहुंचे हैं। इनकी संख्या बढ़ने की संभावना पुलिस ने जताई है।
पुलिस पर राजनीतिक दबाव का आरोप
इस मामले में दो अन्य पीड़ित जिंसी जहांगीराबाद निवासी फुरकान खान (Furkan Khan) और कोहेफिजा निवासी दानिश उल्ला फारुखी (Danish Ullah Faruqi) भी है। तीनों पीड़ितों से आरोपियों ने 23 लाख रुपए से अधिक का फर्जीवाड़ा किया है। फिश फॉरच्यून कंपनी ने विदिशा (Vidisha) से भाजपा की विधायक राजश्री सिंह (MLA Rajshri Singh) के साथ भी फर्जीवाड़ा किया था। जिसको लेकर कई जगहों पर शिकायत हुई थी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया था। फिश फॉरच्यून कंपनी के इस घोटाले में पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। अगर ऐसा न होता तो आधा दर्जन से अधिक दर्ज किसी एक मुकदमे में आरोपी की गिरफ्तारी हो जाती।
पत्रकारिता हम पूछकर नहीं करते
द क्राइम इंफो को इस संबंध में फरवरी, 2021 को सूचना मिली थी। जिसके बाद चार किस्त में मुहिम चलाकर इस फर्जीवाड़े (Fisheries Company Scam) का खुलासा किया गया था। फिश फॉरच्यून की तर्ज पर भोपाल में भी कई कंपनी खुल गई थी। फिश फॉरच्यून कंपनी के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले क्राइम ब्रांच में प्रकरण दर्ज हुआ था। यह प्रकरण जुलाई, 2021 में दर्ज हुआ था। यह प्रकरण अभी भी ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। इसमें नौ लोगों ने शिकायत की थी। एमपी नगर थाने में भी मछली पालन के नाम पर हुए फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी एडीसी के खिलाफ हमारी मुहिम के बाद दर्ज किया गया। अभी ऐसे कई पीड़ित न्याय के लिए अभी भी भटक रहे हैं।
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