एडीजी इंटेलीजेंस ने बुलाई बैठक, रैली—सभा से पहले अनुमति लेना किया अनिवार्य, पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द
भोपाल। नागरिक संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) का असर मध्यप्रदेश (#Madhya Pradesh) में भी दिखने लगा है। इंटेलीजेंस (MP Intelligence Report) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस मुद्दे पर भोपाल (#Bhopal) समेत 10 जिलों में कभी भी तनाव हो सकता है। इसको देखते हुए मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय (#MP Police Head Quarter) ने सतर्कता (MP Alert) बरतने के आदेश सभी रेंज आईजी के अलावा जिलों के एसपी को भेज दिए हैं। इसके अलावा इंटेलीजेंस एडीजी एसडब्ल्यू नकवी (ADG SW Naqvi) ने संवेदनशील जिलों के आईजी और एसपी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तैयारी की रिपोर्ट मांग ली।
जानकारी के अनुसार मुख्यालय ने कहा है कि कैब (CAB) को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद हैं। वह हर संस्थाओं की हो रही गतिविधियों पर निगरानी रख रही है। बुधवार को सुरक्षा इंतजाम को लेकर जिलों के एसपी से चर्चा एडीजी इंटेलीजेंस ने चर्चा की। कई जिलों ने फोर्स की मांग की है जिसको पूरा करने के लिए बटालियन भेजने का निर्णय लिया है। इधर, भोपाल जिले को विधानसभा तैयारियों के चलते पहले ही अतिरिक्त बल मुहैया करा दिया गया है। नकवी ने सारे आईजी और एसपी से कहा है कि वे हर संभाग और ग्रामीण अंचलों की रिपोर्ट लेते रहे। इन रिपोर्ट को पुलिस मुख्यालय की गुप्तवार्ता, सीआईडी के अलावा एडीजी स्तर के अफसरों से जरूर साझा करे। किसी भी विपरीत परिस्थितियों में निर्णय लेने में देरी न की जाए।
नकवी ने जिलों के एसपी से यह भी कहा कि ऐसे सामाजिक, धार्मिक संगठन जो कैब या एनआरसी को लेकर विरोध करना चाहते हैं तो उनसे चर्चा के बाद अनुमति दे। ताकि भीड़ और कार्यक्रम की रूपरेखा से अफसर पहले वाकिफ रहे और तैयारियों के साथ तैनात रहे। ऐसे संगठनों से संवाद बनाकर कार्यक्रम को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए कहा गया है। पुलिस अधिकारियों से यह भी कहा है कि संगठनों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए। यह सतर्कता 24 घंटे बरती जाए।
यह जिले संवेदनशील
पुलिस मुख्यालय ने भाजपा (BJP Office) और आरएसएस कार्यालय (RSS Office) की निगरानी बढ़ाने के लिए भी निर्देश दिए हैं। हालांकि यह लिखित में जारी नहीं किए गए हैं। जानकारी के अनुसार कैब को लेकर पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट पहुंची है। इस रिपोर्ट में प्रदेश के 10 जिलों को सर्वाधिक संवेदनशील माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार इसमें प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, दमोह, सिवनी और अशोक नगर शामिल है। इन जिलों के लिए पुलिस मुख्यालय ने अलग रणनीति बनाई है।
भोपाल में दूसरी रैली
कैब को लेकर भोपाल में असर दिखने लगा है। इसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश रद्द कर दिए हैं। इधर, भोपाल में बुधवार को दूसरी बार सबसे बड़ी रैली हुई। इस रैली को भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद ने आयोजित किया था। रैली में सैंकड़ों लोग शामिल हुए थे। यह सारे लोग सफेट पट्टी सिर में बांधकर नो कैब और नो एनआरसी लिखकर विरोध जता रहे थे। रैली को संबोधित करने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी पहुंचे थे। इससे पहले रैली भोपाल में ही इकबाल मैदान में दो दिन पहले हो चुकी है।