MP Cop Gossip: भर्ती के बाद भूख और अव्यवस्थाओं को लेकर युवाओं का दल भड़का, वैकल्पिक इंतजाम किया गया
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विशाल है। जिसके भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। ऐसे ही समाचारों का साप्ताहिक नियमित कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसमें उन बातों को सार्वजनिक किया जाता है जो मीडिया की नजरों से बच जाती है। हमारा मकसद किसी व्यवस्था, व्यक्ति या पोस्ट को छोटा—बड़ा दिखाना नहीं होता। हम कोशिश यह करते हैं कि संबंधित तक विषय पहुंच जाए ताकि अहसास हो कि मामला संवेदनशील और गंभीर हैं।
जनवरी में जमकर होगी जमघट
तीन एसीपी के सुर.., ..स्वरूप और ..दीप
राजधानी की सड़कों के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। दो रूट की लो फ्लोर बसें यदि सटकर चल दे तो ट्रैफिक जाम के हालत बन जाते हैं। सड़कों पर अतिक्रमण जिसको हटाने का काम निगम के पास हैं। वह कुछ कर नहीं पाता, क्योंकि दुकानदार से स्थानीय नेताओं के हित जुड़े हैं। असल वजह जानने के बावजूद पुलिस सीटी बजाती रह जाती है। इन सबके बीच तीन कर्मचारी जिनकी बाज की नजर से कोई वाहन नहीं बच पाता है। उन्हें भीड़ में भी महीना और हफ्ता नजर आ जाता है। यह तीनों शहर के आधा दर्जन से अधिक अफसरों के आंखों के तारे बने हुए हैं। एक—एक तारा तीन—तीन अफसरों की हर तिमारदारी को मेंटन करे हुए हैं। तीनों अब अति भी कर रहे हैं। वे बैटरी को भी नहीं बख्श रहे। भई, देखना किसी दिन बैटरी लीक हो गई न मतलब स्टिंग वाला वीडियो तो उस दिन पूरे महकमे को जवाब देते नहीं बनेगा।
आधे इधर जाओ…आधे उधर जाओ…बाकी
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