Bhopal News: दो दिन से लापता बच्ची को तलाशने का दावा करने वाली पुलिस की पोल खुली, जिस क्षेत्र से लापता हुई थी वहां प्रदेश प्रभारी डॉक्टर महेंद्र सिंह सदस्यता अभियान के तहत भाजपा पार्टी की सदस्यता दिला रहे थे, जिनकी सुरक्षा में पुलिस का भारी अमला तैनात था, यूपी के हाथरस जैसा भोपाल पुलिस ने किया परिजनों के साथ सलूक, शक न हो इसलिए बैंक की वैन बुलाकर परिजनों को उसमें बैठाकर अंत्येष्टि वाली जगह पर पहुंचाया
भोपाल। मध्यप्रदेश में स्थित राजधानी पुलिस की संवेदनशीलता गुरुवार को बेनकाब हो गई। दरअसल, भोपाल (Bhopal News) शहर के शाहजहांनाबाद स्थित बाजपेयी नगर मल्टी से पांच साल की मासूम मंगलवार दोपहर से लापता थी। उसकी तलाश करने के लिए पुलिस ने तमाम दावे पेश किए थे। जिसमें ड्रोन से छानबीन, डॉग स्क्वायड के जरिए खोजबीन से लेकर पुलिस बटालियन की एक कंपनी तैनात करने का दावा किया गया था। हालांकि हकीकत यह है कि वह भाजपा पार्टी की सदस्यता अभियान में पहुंचे वीआईपी नेताओं की सुरक्षा बंदोबस्त में तैनात थी। इतना ही नहीं जिस इलाके से बच्ची लापता हुई थी वहां प्रदेश के प्रभारी डॉक्टर महेंद्र सिंह (Dr Mahendra Singh) लोगों को पार्टी की सदस्यता दिला रहे थे। इतना ही नहीं परिजन और लोग विरोध न कर सके शव को पीएम के बाद घर ही लाने नहीं दिया गया। यह सबकुछ भोपाल डीसीपी जोन—3 रियाज इकबाल (DCP Riyaz Iqbal) की असंवेदनशीलता के चलते भी हुआ। यदि वे इस घटना की जानकारी भाजपा नेताओं को देते तो लालघाटी में स्थित हुआ सदस्यता कार्यक्रम भी सीएम डॉक्टर मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) टाल देते। यह क्षेत्र भी जोन—3 में ही आता है।
शाम छह बजे तक अधिकारियों के आधिकारिक बयान नहीं आए
गुपचुप तरीके से लाश को छोला विश्रामघाट ले जाया गया
शव मिलने के तुरंत बाद बाजपेयी नगर मल्टी को छावनी में तब्दील कर दिया गया। इसके अलावा भोपाल एम्स में भी भारी सुरक्षा बल को तैनात किया गया। जहां लाश मिली वह किराए पर दिया गया था। जबकि सरकारी नियम के अनुसार वह गरीबों को आवंटित मकान थे। इसके बावजूद वह किराए पर चल रहा था। पुलिस ने मकान मालिक को भी हिरासत में ले रखा है। इसके बाद दोपहर पौने चार बजे इंदौर, उज्जैन, नीमच के बीच चलने वाली यात्री बस में नाबालिग के परिजनों को बैठाया गया। पुलिस उन्हें सीधे छोला विश्रामघाट ले गई। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) जिले में भी नाबालिग के साथ ज्यादती के बाद पुलिस ने यही तरीका अपनाया था। शव को घर लाने नहीं दिया गया था। इधर, भोपाल एम्स में पीएम कराने के पीछे कोई ठोस वजह भी सामने नहीं आ सकी है। इसके अलावा इस मामले में आधिकारिक प्रतिक्रिया भोपाल पुलिस की तरफ से किसी भी अधिकारी ने नहीं दिया। डीसीपी जोन—3 रियाज इकबाल का सरकारी फोन नंबर बंद आ रहा था। जबकि निजी नंबर को वे उठा नहीं रहे थे। पुलिस कमिश्नर कार्यालय लगाया गया तो बताया गया कि वे बैठक में व्यस्त हैं।
यह है वह संदेही परिवार जिनकी गतिविधियां संदिग्ध थी
किरकिरी से बचने मीडिया से बनाई दूरी
पुलिस के प्रति जनता में काफी आक्रोश था। इसलिए शाहजहांनाबाद (Shahjahanabad) स्थित बाजपेयी नगर मल्टी (Bajpai Nagar Multi) की कमान दूसरे थानों की पुलिस को दे रखी गई थी। यहां टीटी नगर संभाग के सीएसपी, बागसेवनिया और टीटी नगर थाने के प्रभारी मोर्चा संभाले हुए थे। शाहजहांनाबाद (Bhopal News) थाने के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया था। थाने के बाहर जमकर लोगों की भीड़ थी। इस कारण एसीपी शाहजहांनाबाद निहित उपाध्याय (ACP Nihit Upadhyay) के सारे विभागीय कार्य लंबित किए गए। पुलिस के अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाकर रखी। वह पीएम के बाद शॉर्ट पीएम से लेकर अन्य जांच के बिंदुओं को मीडिया से साझा करने तैयार नहीं दिखी। बहरहाल इस मामले ने पुलिस की साख पर बहुत जमकर बट्टा लगाया है। मासूम की लाश को लेकर पुलिस जिस तरह से दौड़ रही थी वह उसकी हताशा को बयां कर रही थी। वहीं लोगों ने बताया कि शाहजहांनाबाद स्थित बाजपेयी नगर मल्टी से ही पांच साल का एक बालक लापता हुआ था। उसे बाइक से आए दो लोग जन्माष्टमी में कृष्ण बनाने का बोलकर ले गए थे। उस बालक को आज तक पुलिस नहीं तलाश पाई है। वहीं भाजपा के सोशल मीडिया से जारी गुरुनानक मंडल (Gurunank Mandal) की तरफ से आयोजित सदस्यता कार्यक्रम की तस्वीरें लाश मिलने के बाद वायरल होने लगी। जिसके बाद डीसीपी जोन—3 के सारे अधिकारी बैकफुट पर आ गए। कार्यक्रम में सांसद प्रतिनिधि राकेश कुकरेजा (Rakesh Kukreja) भी दिखाई दे रहे हैं।
कांग्रेस ने भी मौका देखकर कोसना शुरु किया
इधर, कांग्रेस प्रवक्ता मुकेश नायक (Mukesh Nayak) ने शाजापुर (Shajapur) जिले के मक्सी में हुए सांप्रदायिक तनाव को लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि भाजपा (BJP) सदस्यता अभियान के दौरान यह विवाद हुआ। जिसे पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि गृह विभाग मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के पास हैं। वे इस विभाग को नहीं संभाल पा रहे हैं। प्रदेश में कानून—व्यवस्था की बिगड़ती स्थित यह बता भी रही है। इसलिए गृह विभाग किसी योग्य नेताओं को दे देना चाहिए। वहीं मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद (MLA Arif Masood) ने कहा कि यह जिला प्रशासन की लापरवाही है। यदि वह गंभीरता से मामले को लेता तो बच्ची की लाश नहीं मिलती। वहीं सपा प्रवक्ता यश भारतीय (Yash Bhartiya) ने कहा कि घटना पुलिस, प्रशासन और भजपा सरकार की नाकामी का नतीजा है। शहर में एक के बाद एक घटनाएं हो रही हैं। इसी मामले में विधायक आतिफ अकील (MLA Atif Akeel) ने कहा कि बाजपेयी नगर मल्टी में खुलेआम अफीम, गांजा और नशे का वहां अड्डा बन चुका है। जिसके लिए सरकार ही दोषी है।
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