तीन लोगों की जान जाते—जाते बची, प्रशासन के इंतजामों पर गंभीरता की चौबीस घंटे के भीतर खुली कलई
भोपाल। राजधानी के खटलापुरा घाट (Khatlapura Ghat) पर फिर नाव पलट गई। यह हादसा (Accident in Bhopal) शनिवार दोपहर हुआ। जिसका पता चलने पर वहां आला अधिकारी पहुंच गए। लेकिन, लापरवाही को छिपाने के लिए बड़े गर्व के साथ अफसरों ने मीडिया को गुमराह कर दिया। जब सवाल पूछे गए तो अफसर इधर—उधर होने लगे।
जानकारी के अनुसार भोपाल के खटलापुरा घाट (Khatlapura Ghat) पर गुरुवार—शुक्रवार तड़के साढ़े चार बजे दो नाव पलट गई थी। इस नाव में 19 लोग सवार थे। इसमें से 11 युवकों की डूबने से मौत (Accident in Bhopal) हो गई थी। यह सभी गणेश विसर्जन के लिए घाट पर आए थे। मरने वाले अधिकांश युवक पिपलानी थाना क्षेत्र के 100 क्वार्टर झुग्गी बस्ती के रहने वाले थे। इन युवकों का शुक्रवार को दाह संस्कार किया गया। लापरवाही के इस मामले में सरकार ने डिप्टी सिटी इंजीनियर आरक सक्सेना और फायर ब्रिगेड के अफसर साजिद खान को सस्पेंड कर दिया। सक्सेना खटलापुरा घाट के नोडल अधिकारी थे और साजिद खान सहायक की भूमिका पर थे। लेकिन, जब यह हादसा हुआ उस वक्त दोनों अफसर मौके पर नहीं थे।
किसने किया गुमराह
खटलापुरा घाट में हुए हादसे में (Accident in Bhopal) परवेज पिता सईद खान उम्र 15 साल, रोहित मौर्य पिता नंदू मौर्य उम्र 22 साल, करण पिता सोनी कुमार उम्र 18 साल, हर्ष हरी पिता राम बहादुर उम्र 22 साल, सन्नी ठाकरे पिता नारायण ठाकरे उम्र 22 साल, राहुल वर्मा पिता मुन्ना वर्मा उम्र 20 साल, विक्की पिता रामनाथ उम्र 19 साल, विशाल पिता राजू उम्र 23 साल, अर्जुन शर्मा पिता योगेन्द्र उम्र 18 साल, राहुल मिश्रा पिता सुनील मिश्रा उम्र 18 साल, करण पिता पन्नालाल उम्र 26 साल मारे गए थे। शनिवार को सोशल मीडिया में लोगों को जब मालूम हुआ कि खटलापुरा घाट पर फिर तीन युवक डूब गए हैं। उन्हें निकाल लिया गया है और वे चले गए हैं। समाचार मिलने के बाद मीडिया और पुलिस के अफसर भी मौके पर पहुंचे। यहां एएसपी अखिल पटेल ने मीडिया को बताया कि तीनों युवक छोटे तालाब में मछली ठेकेदार के कर्मचारी थे। यह कर्मचारी मछलियों को दाना डाल रहे थे। ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं हुई हैं तीनों सकुशल है। ठेकेदार को चेतावनी देकर जाने दिया गया है। हालांकि यह पूरी कहानी झूठी थी।
यह है वह बयान जिसको लेकर मांझी समाज भी आवेश में आया
कैसे पूरे मामले को बदला
एएसपी अखिल पटेल के बयानों की तस्दीक के लिए मांझी समाज के पदाधिकारी सुभाष रैकवार से बातचीत की गई तो उन्होंने आरोपों का खंडन किया। रैकवार ने कहा कि यह सही है कि मांझी समाज को तालाब में मछली पकड़ने के ठेके मिलते हैं। लेकिन, खटलापुरा हादसे (Accident in Bhopal) के बाद वहां नाव के संचालन पर कलेक्टर ने प्रतिबंध लगा दिया है। जिस नाव से हादसा हुआ वह नगर निगम की नाव थी। उस नाव से मांझी समाज का कोई लेना—देना नहीं हैं। निगम की नाव वहां उन मूर्तियों को किनारे कर रही थी जो विसर्जन के बाद यहां—वहां जमा हो गई थी। ऐसा वह हर साल करती है। यह तो समाज को बदनाम करने के लिए पुलिस के अफसर ऐसा कह रहे हैं।
सोमवार को प्रदर्शन
खटलापुरा में हुए हादसे (Accident in Bhopal) को लेकर जहांगीराबाद थाना पुलिस ने धारा 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में आरोपी भोईपुरा बुधवारा निवासी आकाश पिता गोपाल बाथम उम्र 25 साल, चंगु पिता राकेश बाथम उम्र 18 साल, शुभम पिता राकेश बाथम उम्र 24 साल और अभिषेक पिता राजेश बाथम उम्र 23 साल को आरोपी बनाया है। आरोपी बनाने को लेकर मांझी समाज सरकार के खिलाफ हो गया है। समाज का दावा है कि वह ड्यूटी कर रहा था। नाव पर मूर्तियों को चढ़ाने अथवा अन्य निर्णय का अधिकार निगम अफसरों के पास था। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। मांझी समाज रविवार दोपहर इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन (Protest Against Madhya Pradesh Government) सौंपने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए रविवार सुबह 11 बजे से काली मंदिर से पैदल मार्च शुरू किया जाएगा। यह मार्च मोती मस्जिद, कमला पार्क होते हुए मुख्यमंत्री निवास पहुंचेगा। समाज ने नारेबाजी की बजाय मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।