माखनलाल चतुर्वेदी के पूर्व कुलपति की अग्रिम जमानत याचिका को न्यायाधीश ने किया खारिज
भोपाल। माखनलाल (MCU Scam) के पूर्व कुलपति बृज किशोर कुठियाला का आखिरी पैंतरा भी चल नहीं पाया। उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी शनिवार को जिला अदालत ने खारिज कर दी। हालांकि उनके पास अब हाईकोर्ट जाने का एक ओर रास्ता बचा है। लेकिन, मामले की जांच कर रही एजेंसी आर्थिक प्रकोष्ठ विंग (EOW) की तैयारियों को देखते हुए राहत मिलना आसान नहीं दिख रहा।
जानकारी के अनुसार (MCU Scam) बीके कुठियाला ने भोपाल जिला अदालत में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी लगाई थी। यह अर्जी ईओडब्ल्यू के विशेष न्यायाधीश संजीव पांडेय की अदालत में लगी थी। जिसमें शुक्रवार को दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें सुनी गई। जिसके बाद फैसले के लिए शनिवार का दिन सुरक्षित रख लिया गया। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामला गंभीर प्रवृत्ति का है इसको देखते हुए आरोपी को (MCU Scam) अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने नोटिस भेजकर 8 जून को हाजिर होने के लिए कुठियाला को नोटिस भेजा था। यह नोटिस 7 जून मिलने का बताकर माखनलाल के (MCU Scam) पूर्व कुलपति ने मोहलत मांगी थी। ईओडब्ल्यू ने तीन दिन की मोहलत देते हुए आवेदन स्वीकार किया था। लेकिन, कुठियाला नहीं पहुंचे तो ईओडब्ल्यू ने अंतिम अवसर देते हुए चेतावनी पत्र जारी कर दिया था। इस पत्र के जवाब में कुठियाला ने चंडीगढ़ के सिविल अस्पताल में भर्ती होने का पर्चा देते हुए 27 जून की तारीख मांगी थी। इसी दौरान (MCU Scam) कुठियाला ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी थी। ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने बताया कि पूर्व कुलपति जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनके खिलाफ विभागीय दस्तावेज है जिसमें उनका पक्ष जानना बाकी है।
चाय-बिस्कुट के बिल में फंसे कुठियाला
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा के समर्थित (MCU Scam) प्रोफेसर बीके कुठियाला फिलहाल हरियाणा सरकार की तरफ से एक शिक्षण संस्थान में तैनात हैं। ईओडब्ल्यू ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय एवं संचार केन्द्र में हुई गड़बड़ी के मामले में अप्रैल, 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। इसमें 20 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की थी। कुठियाला पर आरोप है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की मद से (MCU Scam) चाय-बिस्कुट और शराब की बोतलों का भुगतान कराया। ईओडब्ल्यू वित्तीय अनियमित्तओं के अलावा फर्जी तरीके से हुई नियुक्ति की जांच कर रही है। इसी मामले में पूर्व कुलपति (MCU Scam) बृजकिशोर कुठियाला, डॉक्टर अनुराग सीठा, डॉक्टर पी शशिकला, डॉक्टर पवित्र श्रीवास्तव, डॉक्टर अविनाश बाजपेयी, डॉक्टर अरूण कुमार भगत, प्रोफेसर संजय द्विवेदी, डॉक्टर मोनिका वर्मा, डॉक्टर कंचन भाटिया, डॉक्टर मनोज कुमार पचारिया, डॉक्टर आरती सारंग, डॉक्टर रंजन सिंह, सुरेन्द्र पाल, डॉक्टर सौरभ मालवीय, सूर्य प्रकाश, प्रदीप कुमार डहेरिया, उसका भाई सत्येन्द्र कुमार डहेरिया, गजेन्द्र सिंह, डॉक्टर कपिल राज चंदौरिया और रजनी नागपाल समेत अन्य आरोपी है। इसमें आरती सारंग प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग की बहन हैं। वहीं प्रोफेसर संजय द्विवेदी बघेलखंड के एक कद्दावर नेता के रिश्तेदार हैं।