MP BJP News: सीहोर में आयोजित पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रशिक्षण वर्ग में बोले प्रदेश अध्यक्ष
सीहोर। देश की आजादी के बाद पिछड़ा वर्ग के विकास के लिए काम करने की जरूरत थी। लेकिन, कांग्रेस की सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया। काका कालेलकर समिति की रिपोर्ट को दबाकर बैठी रहीं। कांग्रेस की सरकारें भी पिछड़ा वर्ग के लोगों को छलती रहीं। देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (MP BJP News) की सरकार बनने के बाद पिछड़ा वर्ग के लोगों के विकास के प्रयास शुरू हुए, योजनाएं लागू की गईं। यह बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (State President Vishnu Dutt Sharma) ने व्यक्त किए। वे पिछड़ा वर्ग मोर्चा की तरफ से आयोजित प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रहे थे।
दो निशान, दो विधान का विरोध
प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण ने मोर्चा के प्रदेश स्तरीय प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित संगठन है। इस कारण आज पूरी दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। प्रत्येक कार्यकर्ता को गर्व होना चाहिए कि आज भारत के 70 प्रतिशत भू भाग पर भाजपा स्वच्छ प्रशासन दे रही है। उन्होंने कहा कि डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में धारा 370 और दो विधान, दो निशान, दो प्रधान वाली व्यवस्था का विरोध किया। उन्होंने 1951 में जनसंघ की स्थापना की और कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के लिए अपना बलिदान दे दिया। ऐसे समय में जबकि दुनिया में पूंजीवाद और साम्यवाद असफल हो रहे थे। हमारे नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानव दर्शन दिया। अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए अंत्योदय की अवधारणा दी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई। उस समय हमारे लोकसभा में दो ही सदस्य थे, लेकिन हमारे विचार और कार्यकर्ताओं की बदौलत आज हमारी पूर्ण बहुमत वाली सरकार है।
राजीव गांधी ने किया था विरोध
पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण (Dr K Laxman) ने द्वितीय सत्र में ‘हमारी कार्यपद्धति और संगठन संरचना में हमारी भूमिका’ विषय पर संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद डॉ.अंबेडकर जी ने पिछड़ा वर्ग हित को लेकर सुझाव दिये। लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ। काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट को 17 साल तक प्रधानमंत्री नेहरू ने तवज्जो नहीं दी। मोरारजी देसाई की सरकार (MP BJP News) में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी मंत्रीमंडल में शामिल थे। उस वक्त मंडल कमीशन का गठन हुआ। जिसको 1980 से 1993 तक ग़ैर भाजपा सरकारों ने कोई पहल नहीं की। जब भाजपा के समर्थन वाली बीपी सिंह सरकार ने मंडल आयोग पर बातचीत शुरू की, तो स्वर्गीय राजीव गांधी ने ऑन रिकॉर्ड जाति आधारित आरक्षण का विरोध किया था। इतना ही नहीं 2004 से 2014 तक यूपीए गवर्नमेंट ने भी इस मामले में कुछ नहीं किया।
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