Bhopal Loan Fraud : कांस्टेबल के नाम पर बाइक फायनेंस, रिकवरी वाले पहुंचे तो उजागर हुआ फर्जीवाड़ा

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कांस्टेबल के दस्तावेज की मदद से फायनेंस करा ली थी बाइक, जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश हुई शुरु

Bhopal Cheating
सांकेतिक चित्र

भोपाल। यदि आप दस्तावेज की सुरक्षा को लेकर लापरवाह हैं तो समाचार आपके लिए हैं। मामला मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh Crime) की राजधानी भोपाल (Bhopal Crime) के हनुमानगंज थाना क्षेत्र में दर्ज हुआ है। यह मामला दस्तावेज के दुरपयोग से जुड़ा है जो कि मध्यप्रदेश पुलिस में तैनात कांस्टेबल (Madhya Pradesh Police Constable Cheating Victim) का था। कांस्टेबल को अपनी गलती का अहसास ही नहीं था। उसे तो तब सुध आई जब बैंक से रिकवरी वाले उसके घर पहुंच गए। उसे बताया गया कि उसने बाइक फायनेंस कराई है जिसकी किस्त वह जमा नहीं कर रहा है। यह पता चलने के बाद वह अफसरों के पास पहुंचा और थाने में जालसाजी (Bhopal Bike Loan Fraud) का मामला दर्ज कराया।

जानकारी के अनुसार शिकायत टीलाखेड़ी निवासी 25 वर्षीय संतोष वर्मा (Santosh Verma) पिता शंकरलाल वर्मा ने दर्ज कराई है। वह रायसेन (Raisen) पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उसने पुलिस को बताया कि कांस्टेबल के घर पर फायनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट (Finance Recovery Agent) पहुंचे थे। एजेंटों ने कहा उनके नाम पर चार बाइक फायनेंस कराई गई है। जिसकी किस्त जमा नहीं की जा रही है। यह सुनते साथ कांस्टेबल के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने पहले तो फायनेंस कंपनी के दफ्तर जाकर दस्तावेज खंगाले तो वह उसे देखकर हैरान रह गया। जिन दस्तावेजों पर बाइक फायनेंस हुई उसमें उसकी तस्वीरें भी लगी थी। उसे मामला समझते देर नहीं लगी। वह तुरंत अफसरों के पास पहुंचा और पूरा घटनाक्रम बताया। जिसके बाद उसे मामले में शिकायत करने की सलाह दी गई।
हनुमानगंज पुलिस ने बताया कि इस फर्जीवाड़े में फायनेंस कर्मचारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में फायनेंस कंपनी के एजेंट राहिल, खालिद फारूखी, खालिद और रियाज के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मामला हनुमानगंज थाना क्षेत्र में स्थित एस सुजुकी शोरूम का था। इसलिए जालसाजी का प्रकरण दर्ज किया गया। आरोपियों ने इस शोरुम से एक 77 हजार रुपए कीमत की बाइक फायनेंस कराई थी। पुलिस ने शोरूम कर्मचारियों व अधिकारियोें से पूछताछ शुरू कर दी है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा
संतोष वर्मा ने हनुमानगंज थाना पुलिस को बताया कि उसके दस्तावेज चोरी हो गए थे। उसने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। पुलिस के मुताबिक संतोष का पर्स 23 अक्टूबर, 2018 को चोरी हो गया था। इसमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, फोटो एटीएम कार्ड और अन्य दस्तावेज रखे हुए थे। जिसकी शिकायत उन्होंने थाने में दर्ज करवाई थी। इस मामले की उन्होंने कभी दोबारा सुध नहीं ली। उन्हें फर्जीवाड़े में फंसने पर दस्तावेज को लेकर उसकी अहमियत का अहसास हुआ।

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