Drug Smuggling Network: भोपाल ड्रग का सेंटर जोन बना

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Drug Smuggling Network: पुलिस कमिश्नर मीडिया के सामने देरी से आए और फिर जल्दी चले गए, किए गए दावों से पैदा हुए सवालों की झड़ी लगती उससे पहले चलते बने, जानिए क्यों

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पत्रकारों को जानकारी देने आए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र मध्य में। पुलिस कमिशनर के दाहिनी तरफ डीसीपी क्राइम श्रुतकीर्ति सोमवंशी, बाएं तरफ एडीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान। पीछे रैकेट के भंड़ाफोड़ में शामिल क्राइम ब्रांच की टीम। चित्र भोपाल पुलिस की तरफ से जारी।

भोपाल। मध्यप्रदेश के युवाओं को टारगेट किया जा रहा है। इसलिए विदेशों से बड़ी मात्रा में चरस की सप्लाई हो रही है। हमारी तरफ से इसकी रोकथाम के सारे प्रयास किए जा रहे हैं। इसी प्रयास में क्राइम ब्रांच (Drug Smuggling Network) को साढ़े बारह करोड़ रुपए की चरस बरामद हुई है। यह दावा करते हुए भोपाल पुलिस ​कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने मीडिया को क्राइम ब्रांच के संबंध में जानकारी दी। दरअसल, भोपाल क्राइम ब्रांच ने बिहार के रहने वाले दो युवकों को पकड़ा है। उनके कब्जे से 36 किलो से अधिक चरस भी बरामद हुई हैं। यह बरामद चरस नेपाल के रास्ते कई हाथों के जरिए भोपाल में पहुंची थी। नेपाल से लेकर भोपाल के कनेक्शन को लेकर सवाल उठते उससे पहले पुलिस कमिश्नर मीडिया के सामने से चले गए।

विधानसभा चुनाव से पहले चलाया था अभियान

पुलिस कमिश्नर ने सभागार में दोपहर डेढ़ बजे मीडिया को टाइम दिया था। हालांकि वे पंद्रह मिनट देरी से वहां पहुंचे। आते साथ उन्होंने युवाओं के भविष्य पर चिंता जताते हुए कहा कि चुनाव पूर्व अंकुश हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया था। जिसमें भोपाल पुलिस को काफी सफलता चुनाव पूर्व भी मिली थी। उस वक्त भी नेपाल (Nepal) के रास्ते भोपाल में सप्लाई होने आई कई चरस बरामद की गई थी। उसकी ही जांच में कुछ चेहरे सामने आए थे। जिनके खिलाफ क्राइम ब्रांच की तरफ से रैकी और भौतिक सबूत जुटाने के काम किए जा रहे थे। ऐसा करने के दौरान भोपाल क्राइम ब्रांच (Bhopal Crime Branch) को बेहद सटीक जानकारी मिली थी। जिसके बाद अयोध्या बायपास में स्थित कोच फैक्ट्री के नजदीक जंगल से दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में लिए गए आरोपी हरकेश चौधरी (Harkesh Chaudhry) पिता सुदामा चौधरी उम्र 35 साल और विजय शंकर यादव (Vijay Shankar Yadav) पिता हजारी यादव उम्र 33 साल है। दोनों आरोपी बिहार जिले के गोपालगंज (Gopalganj) स्थित उचायकोट थाना क्षेत्र के ग्राम शीतल और ग्राम हेम बरदाहा के रहने वाले हैं।

सब्जी बेचते—बेचते नेटवर्क में हो गया शामिल

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि इस रैकेट के खुलासे में शामिल सभी क्राइम ब्रांच के मैदानी अधिकारियों को पुरस्कार दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार आरोपी विजय शंकर यादव देवास (Dewas) जिले में सब्जी का ठेला लगाता है। वह तीन—चार महीने के बीच में चरस की खेप लाता था। खेप देने वाला व्यक्ति (Drug Smuggling Network) हर बार अलग—अलग नंबर से संपर्क करता था। आरोपी बिहार से ट्रेन के जरिए चरस (Charas) लेकर आते थे। इस काम में मुनाफा होने पर उसने हरकेश चौधरी को भी शामिल कर लिया था। नेटवर्क नेपाल से संचालित है जिसकी जानकारी भोपाल पुलिस ने दूसरी एजेंसियों से भी साझा की है। इन गिरोहों के अन्य लोगों की भोपाल और इंदौर में भी तलाश है। पुलिस कमिशनर हरिनारायण चारी मिश्र (Police Commissioner Harinarayan Chari Mishra) ने कहा कि एमपी के इतिहास में चरस जब्त की यह सबसे बडी कार्रवाई की गई है। आरोपियों से करीब 36 किलो चरस बरामद हुई है। जिसकी अन्तराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 12 करोड़ 50 लाख रूपये है।हालांकि वे नारकोटिक्स विंग और इंटरनेशनल रैकेट पर अन्य जांच एजेसियों की भूमिका के सवाल पूछे जाते उससे पहले पत्रकार वार्ता समाप्त करके चल दिए।
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