सीआरपीएफ ने चुनाव आयोग से की शिकायत, मीडिया रिपोर्ट और वीडियो फुटेज के साथ सबूत सौंपे, सीएस से मांगी जाएगी रिपोर्ट
भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के ओएसडी प्रवीण कक्कड़, निज सहायक आरके मिगलानी समेत उनसे जुड़े लोगों पर हुई कार्रवाई के मामले में मध्यप्रदेश पुलिस पार्टी बन गई है। इस मामले में सीआरपीएफ ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी है। आयोग के समक्ष इस पूरी घटना के मामले में तथ्य और मीडिया रिपोर्ट पेश कर दिए गए हैं। छापे के दौरान बाधा पहुंचाने के इस मामले में बुधवार दोपहर तक निर्णय चुनाव आयोग ले सकता है। चुनाव आयोग प्रदेश के सीएस एसआर मोहंती से रिपोर्ट मांगने जा रहा है। सीएस इस मामले में डीजीपी वीके सिंह से रिपोर्ट तलब कर सकते हैं।
आयोग के आदेश पर छापे
सूत्रों के अनुसार इस छापामार कार्रवाई की खबर चुनाव आयोग को थी। आयकर विभाग ने पिछले दिनों जबलपुर में छापे मारे थे। इस मामले में आयकर विभाग को महत्वपूर्ण सुराग मिले थे। यह सुराग हवाला कारोबार से जुड़ा था। इधर, चुनाव आयोग ने प्रचार और मतदाताओं को लुभाने के लिए काले धन के मामले में आयकर विभाग को कार्रवाई करने के लिए कहा था। आयकर विभाग को पहले से ही शक था कि कार्रवाई के दौरान विवाद की स्थिति बनेगी। इसलिए बकायदा पूरी कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग बनाई गई। इसके अलावा सीआरपीएफ ने मीडिया रिकॉर्डिंग भी हासिल की है।
ब्यूरोक्रेसी हलाकान
छापे की यह कार्रवाई प्रवीण कक्कड़, अश्विनी शर्मा, रकुल पुरी, राजेन्द्र मिगलानी के यहां की गई। कक्कड़ मध्यप्रदेश पुलिस के अफसर थे जो कमलनाथ सरकार बनने के बाद नौकरी छोड़कर कमलनाथ के ओएसडी बन गए थे। अश्विनी शर्मा एनजीओ संचालक होने के साथ-साथ कई रसूखदारों के संपर्क में था। सू़त्रों ने बताया कि उसके आवास से एक सूची मिली है। जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा से जुड़े कई अफसरों के नाम मिले है। यह नाम वहां होने के विषय को लेकर आयकर यूनिट पड़ताल कर रही है। इस कारण प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के कई अफसर इस वक्त हैरान और परेशान चल रहे हैं।
क्हां-कहां केे अफसरों को देना होगा जवाब
सूत्रों ने बताया कि आयोग इस मामले में भोपाल-इंदौर जिला पुलिस के आला अफसरों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी में है। वह अफसरों को हटाने के लिए नामों का पैनल बुला सकता है। इधर, चर्चा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा इस मुद्दे को भुनाने के लिए आयोग की शरण में जा सकती है।
कक्कड़ के बयान में सीए बचाव करने आए
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़।
छापे के बाद प्रवीण कक्कड़ के सीए ने बचाव किया। उन्होंने कहा कि मेरे पास आयकर अफसरों के फोन आए थे। उन्होंने कहा कि जो भी सामान बरामद हुआ है वह घोषित आय है। इधर, पता चला है कि अश्विनी शर्मा ने कई एनजीओ को दो नम्बर के रास्ते फंडिग की है। जिसकी जानकारी जुटाई जा रही है।