दो समुदाय के दो दर्जन से अधिक लोगों के बीच हुआ संघर्ष
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जातिगत हिंसा (Bhopal Riot And Murder Case) का खूनी खेल सामने आया है। विवाद एक जाति की तरफ से चौराहे के नामकरण (Bhopal Name Dispute Case) से शुरु हुआ था। इसको लेकर दूसरी जाति के लोगों को आपत्ति थी। यह विवाद लंबे अरसे से चल रहा था। जिसकी भनक जिला प्रशासन को भी थी। लेकिन, उसका निराकरण नहीं हुआ तो दूसरा गुट बुधवार रात फैसला करने मैदान पर आ डटा। यहां दोनों गुटों की तरफ से खुलकर लायसेंसी बंदूक से फायर (Bhopal Shot Case) किए गए। वहीं चाकू, तलवार और डंडो से दोनों पक्षों ने एक—दूसरे पर हमला किया। इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। वहीं आधा दर्जन से अधिक गंभीर रुप से जख्मी है।
मीणा और पाल समाज का था विवाद
ईटखेड़ी थाना पुलिस ने बताया कि संतोष मीणा पिता भागीरथ उम्र 45 साल निवासी डोबरा का रहने वाला है। संतोष (Santosh Meena) खेती किसानी करता है। उसने बताया बायपास से लगा हुआ वह गांव है। उसी चौराहे पर पाल समाज के लोगों ने एक बोर्ड लगा दिया था। उस बोर्ड पर पाल चौराहा लिखकर उसका नामकरण कर दिया था। जब इस बोर्ड पर मीणा समाज के लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने आपत्ति (Pal-Meena Community Dispute) जताई थी। इसकी शिकायत बकायदा थाने में दर्ज भी कराई गई थी। यह प्रकरण प्रशासन के पास भी गया था।
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दिन में हुई थी बहस
ईटखेड़ी थाना प्रभारी करण सिंह (Karan Singh) ने बताया मीणा समाज के लोगों ने इस बात की शिकवा शिकायत की थी। प्राथमिक जांच में उस बोर्ड पर चौराहे के दिए नाम को पुतवा दिया गया था। दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही थी। दोनों पक्ष मान भी गए थे। वहीं घटना वाले दिन मीणा समाज ने बोला जब बोर्ड पुतवा दिया है तो उस बोर्ड को वहां से हटाया जाए। इसी बात को लेकर दोपहर में मीणा समाज के लोगों ने विवाद किया था।
ऐसे हुआ खूनी संघर्ष
भोपाल डीआईजी सिटी इरशाद वली (Bhopal DIG City Irshad Wali) ने मीडिया को बताया कि दिन में हुए विवाद को शांत करा दिया था। वहीं रात साढ़े नौ बजे पाल समाज के लोग पूरी तैयारी से आ गए। वहीं मीणा समाज के 18 लोगों ने ताबड़तोड़ हमला कर दिया। जिनमें आरोपी संजय पाल (Sanjay Pal), निर्मल पाल, प्रदीप, नरेश, शुभम, झनक सिंह (Jhanak Singh), बद्री प्रसाद, मल्लू, सौदान सिंह (Saudan Singh), राजेश, नर्मदा प्रसाद, लखन, विनोद, सोहन लाल (Sohan Lal) और बंतीबाई का भी नाम सामने आया है। पुलिस ने इस घटना में काउंटर (Bhopal Riot Counter Case) मुकदमा भी दर्ज किया है।
पुलिस फोर्स तैनात
पुलिस ने बताया घायलों को कट्टा— कारतूस, तलवार, बंदूक, डंडे से हमला किया था। हमले में शुभम मीणा (Shubham Meena) पिता जगदीश मीणा उम्र 24 साल को बाएं कंधे में गोली लगी है। उसकी इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। डोबरा गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई हैं। जिसको देखते हुए गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। यहां पुलिस के अलावा जिला प्रशासन के अफसर ग्रामीणों से बातचीत कर रहे हैं। डीआईजी सिटी ने बताया कि तहसीलदार और पटवारी समस्या का समाधान कर रहे हैं।
चौराहे का पहले से है नामकरण
दोनों गुटों में विवाद इतना ज्यादा हुआ था कि कई लोग इस हमले में जख्मी है। घायलों में अक्षय मीणा (Akshay Meena), आनंद, कोमल, अजय, रमेश और करण मीणा (Karan Meena) हैं। वहीं दूसरे पक्ष के घायलों में निर्मल और शुभम पाल (Shubham Pal) है। घायलों में कुछ की हालत नाजुक बताई जा रही है। किसी को डंड़ो से तो किसी को गोली लगी है। वहीं पीड़ित पक्ष से छह लोग और आरोपी पक्ष से दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। जिस चौराहे का नाम बदला जा रहा था उसका नाम पहले से तय था। उस जगह को हरसिद्धि चौराहा नाम से जाना जाता था। इसके बावजूद दोनों गुट वर्चस्व के लिए नया नाम रख रहे थे।
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