भोपाल पुलिस को नहीं थी भनक, सरगना समेत 7 आरोपी गिरफ्तार, थाने में बताए फर्जी नाम, मकान मालिक को लेकर पुलिस के अफसरों ने साधी चुप्पी
भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चल रहे एक देह व्यापार (Bhopal Sex Racket) के अड्डे पर मंगलवार दोपहर छापा मारा गया। इस छापामार कार्रवाई के दौरान सुपर विजन अफसरों की कई चूक सामने आई है। जिसकी वजह से थाना पुलिस देर रात जूझती रही। समन्वय के अभाव में हुई गड़बड़ियों पर जब अफसरों से सवाल पूछा गया तो वे सवालों को लैटर हेड पर भेजने के लिए कहने लगे। अड्डे से पांच महिला और दो पुरुष गिरफ्तार आरोपियोंं को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह सारे आपत्तिजनक हालत (Bhopal Piplani Police Ne Pakda Sex Recket) में थे। कार्रवाई के दौरान एक व्यक्ति पुलिस की चंगुल से छूटकर भी भाग गया है। तीन पुरुषों के साथ चार युवतियों के आपत्तिजनक (Madhya Pradesh Sex Recket) हालत में होने का दावा पुलिस के अधिकारी कर रहे हैं। हालांकि मामला अदालत में पुलिस अफसरों को ही साबित करना होगा।
पिपलानी थाने से मिली जानकारी के अनुसार यह देह व्यापार का अड्डा छत्रसाल नगर के फेज—2 (Bhopal Face 2 Sex Recket Bust) में चल रहा था। यहां एक मकान दिसंबर, 2019 से किराए पर लिया गया था। यह मकान देह व्यापार चलाने वाली युवती ने ही लिया था। यह युवती आरोपी मिथुन (Mithun Ka Sex Recket) की मदद से कारोबार चला रही थी। पूरे लॉक डाउन में भी यह देह व्यापार का अड्डा चलता रहा। जिसकी भनक किसी को भी नहीं लग सकी। आरोपी कार से ग्राहकों को लाने और ले जाने का काम करता था। यह पूरा नेटवर्क व्हाट्स एप्प के जरिए चलता था। पुलिस का दावा है कि मौके से भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री के अलावा पर्स, मोबाइल और नकदी बरामद की गई है।
यह लोग हुए गिरफ्तार
मुख्य सरगना भोपाल के ही गौतम नगर इलाके (Goutam Nagar ka Mamla) की रहने वाली है। उसको रिमांड पर लेने की तैयारी पुलिस के अधिकारी कर रहे हैं। गिरफ्तार आरोपियों में पांच महिलाओं के अलावा दो पुरुष मिथुन और अजय सिंह (Ajay Singh) को हिरासत में लिया गया है। एक फरार आरोपी प्रशांत गौतम उर्फ विजय की तलाश की जा रही है। पुलिस इस नाम के खुलासे के संबंध में भी कोई जानकारी नहीं दे सकी है। आरोपियों ने कोलार में रहने वाले व्यक्ति से मकान किराए पर लिया था। इसकी जानकारी थाने में दी अथवा नहीं इस सवाल पर भी पुलिस के अफसर खामोश हो गए।
नाम किसी का बदनाम दूसरा
भोपाल पुलिस की तरफ से जानकारी दी गई है कि टीम का नेतृत्व सीएसपी अंकित जायसवाल (Csp Ankit Jaiswal) ने किया था। अंकित जायसवाल भारतीय पुलिस सेवा केे अफसर हैं और गोविंदपुरा संभाग उनके अधीन है। लेकिन, तैयारी की कलई तब खुली जब आरोपी युवतियों को थाने लाया गया। सभी गिरफ्तार आरोपियों ने अपने झूठे नाम पुलिस अफसरों को बताए। यह बात देर रात को दस्तावेज हाथ लगने के बाद पता चली। जिसके बाद पुलिस के अधिकारियों को उर्फ वाले नाम के साथ उनके असली नाम एफआईआर में लिखने पढ़े। गोविंदपुरा सीएसपी मकान मालिक से संबंधित जानकारी भी नहीं दे सके। जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कानूनी कार्रवाई के चलते उसको उजागर नहीं किया जा सकता है। जबकि पुलिस विभाग की तरफ से परिवर्तित नाम बताकर आरोपी युवतियों के नाम का खुलासा किया गया है। इधर, पुलिस के अधिकारी मकान मालिक का असली नाम बताने से बचते रहे।
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