Bhopal Cop Fitness Workshop: पुलिस लाइन में केवल परेड नहीं, अब कई बदलाव के साथ मैदान में फीट होकर दूसरे पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को मिलेगी प्रेरणा
भोपाल। आत्म संवर्धन एवं क्षमता विकास विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला (Bhopal Cop Fitness Workshop) का शुक्रवार को समापन हो गया। यह कार्यक्रम पुलिस आयुक्त कार्यालय में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के तौतर पर पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर ने संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में संकेत दिए कि अब पुलिस लाइन सजा के तौर पर नहीं पहचानी जाएगी। बल्कि यहां होने वाले अभ्यासों से मैदानी कर्मचारियों की बौद्धिक क्षमता में विकास होगा। पुलिस लाइन की पहचान अब केवल परेड के रुप में नहीं होगी। बल्कि यहां आने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्किंग कल्चर और फिटनेस के बीच तालमेल बनाने के तरीके मालूम हो सकेंगे।
यह बोले पुलिस कमिश्नर
भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊसकर ने कहा कि कार्यशाला से सभी के जीवन मे कुछ न कुछ सकारात्मकता जरुर आएगी। यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सफलता होगी। इसके लिए हम सबका प्रयास होना चाहिए कि कैसे हमें अपनी दिनचर्या को बेहतर बनाकर स्वास्थ्य को ठीक रखते हुए अपने कर्तव्यों एवं सेहत के प्रति जवाबदेह बन सकें। इसके लिए जरुरी है हमें अनुशासित बना जाये। जिसकी जड़ परेड है, लेकिन परेड की व्यवस्था बदली जाए। परेड के मायने व तरीके बदल गए हैं। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि तीन दिवसीय सत्र के दौरान हमें बहुत सी नई चीजें सीखने को मिली। कार्यशाला में फिट रहने, तनावमुक्त रहने एवं डाइटिंग व दिनचर्या के सम्बंध में योग आदि महत्वपूर्ण चीजे बताई गई।
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