Bhopal News: नाबालिग की हरकतों को भांपकर रैन बसेरा के केयर टेकर की मदद से उसको संकट में फंसने से बचाया, जिद कर रही बच्ची के महिला डेस्क में जाने के बाद बदले सुर
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भोपाल। आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन यह मैदानी हकीकत है। एक सशक्त प्रशिक्षण प्राप्त सामान्य दिखने वाला कांस्टेबल क्या कुछ नहीं कर सकता। घटना भोपाल (Bhopal News) सिटी के गोविंदपुरा थाना क्षेत्र की है। इस उपलब्धि भरी कहानी के पीछे सिपाही की संवेदनशीलता और सही समय पर लिया गया कुशल निर्णय एक नाबालिग को संकट से बचाने में कामयाब होने वाली यह कहानी है। सिपाही जिसका बैच नंबर दस है। वह ड्यूटी पर तैनात था तभी उसे एक नाबालिग की हरकतों से वह भांप गया कि कोई बात है जो कि वह छुपा रही है। उसने बिना देरी किए रैन बसेरा के केयर टेकर और महिला हेल्प डेस्क की मदद लेकर मामले को कुछ घंटे में सुलझा लिया। थोड़ी भी देरी होती तो नाबालिग को तलाश पाना पुलिस के लिए चुनौती से भरा नहीं होता।
पिता के मौत की दी भ्रामक जानकारी
जेब से रकम निकालकर पहुंची
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गोविंदपुरा ऊर्जा महिला डेस्क प्रभारी एएसआई रामकुंवर धुर्वे और लिंक अधिकारी हवलदार सोनिया पटेल तुरंत आईएसबीटी पहुंची। इसके बाद सिपाही सुनील राठौर और केयर टेकर चंद्र प्रकाश पांडे के साथ मौजूद नाबालिग को लेकर परामर्श केंद्र लेकर आ गईं। नाबालिग से हुई प्राथमिक पूछताछ के बाद उससे जुड़ी जानकारी (Bhopal News) टीआई लोकेंद्र सिंह ठाकुर (TI Lokendra Singh Thakur)को दी। उन्होंने एसीपी गोविंदपुरा संभाग राकेश श्रीवास्तव (ACP Rakesh Shrivastav) को संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराया। अधिकारियों के निर्देशन में नाबालिग से उसके माता—पिता का नंबर हासिल करके कॉल लगाया गया। फोन पिता ने उठाया तो उन्होंने बताया कि परिवार बुधवार सुबह साढ़े दस बजे उसे तलाश रहा है। नाबालिग के पिता जीवित थे और उन्होंने भोपाल के निशातपुरा में रहने वाले दो चाचा का नंबर उन्हें मुहैया कराया। कुछ देर बाद दोनों चाचा गोविंदपुरा ऊर्जा महिला डेस्क पहुंच गए। एएसआई रामकुंवर धुर्वे और हवलदार सोनिया पटेल से नाबालिग ने कहा कि वह चाचा की जेब से पांच सौ रुपए निकालकर भोपाल रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां से ट्रेन में सवार होकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamlapati Railway Station) उतरी थी। इसके बाद वह नासिक जाने के लिए बस पकड़ने के लिए आईएसबीटी आई थी। तभी वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने उसे देख लिया।
घर जाने नहीं थी तैयार
माला पहनाकर परिजनों ने पुलिस का किया सम्मान
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निशातपुरा स्थित एक निजी कॉलेज में काम करने वाले नाबालिग के चाचा ने बताया कि वह कुछ दिन पहले ही भिंड से भोपाल आई है। उसकी देखरेख की जिम्मेदारी उन पर थी। उसके गायब होने के बाद पूरा परिवार काफी परेशान हो गया था। परिवार भी बस स्टेंड पर नाबालिग को तलाश रहा था। दोनों चाचा का कहना था कि उन्हें इस बात की आत्मग्लानि हो रही थी कि वह नाबालिग के पिता को क्या जवाब देंगे। लेकिन, उसको सकुशल पाकर पूरे परिवार ने राहत की सांस ली। इतना ही नहीं परिजनों ने माला बुलाकर इस सराहनीय कार्य को अंजाम देने वाली पूरी टीम को माला पहनाकर गोविंदपुरा ऊर्जा महिला डेस्क में सम्मान भी किया। नाबालिग भी खुशी—खुशी एएसआई रामकुंवर धुर्वे और हवलदार सोनिया पटेल की समझाईश से प्रसन्न थी। उसको भी अहसास हुआ कि वह गलत कर रही थी। जिसकी वजह से उसके माता—पिता को ठेस पहुंचती।
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