Bhopal Crime : शिवराज के धरने से पहले परिवार के आरोपों की सफाई देने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल

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शिवम के घर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री का फाइल फोटो

बैरागढ़ थाने में प्रॉपर्टी डीलर की संदिग्ध मौत के मामले में जारी राजनीति, कांग्रेस ने पत्रकार वार्ता करके भाजपा के पंद्रह साल के कार्यकाल में हुई कस्टोडियल डेथ पर सवाल खड़े किए

भोपाल। प्रदेश की राजधानी (Bhopal Crime) के बैरागढ़ थाने में हुई प्रॉपर्टी डीलर शिवम मिश्रा की कथित संदिग्ध मौत के मामले में एक वीडियो सोशल मीडिया में शुक्रवार सुबह वायरल हुआ। यह वीडियो उस वक्त वायरल हुआ जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवम के परिजनों के साथ धरना देने जा रहे थे। वीडियो में चैन, पर्स समेत अन्य सामान परिजन लेते हुए दिख रहे हैं। हालांकि इस वीडियो के (Bhopal Crime) सत्यता की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है। लेकिन, जो वीडियो बना रहा था वह पुलिस के लिए सहयोग का काम करता है। इधर, कस्टोडियल डेथ पर राजनीति करने का आरोप लगाकर कांग्रेस ने भी सरकार का बचाव किया।

पैसे लेकर पोस्टिंग होगी तो रिकवरी डंडों के दम पर : शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शिवम मिश्रा के पिता सुरेश मिश्रा, मां संगीता मिश्रा समेत अन्य परिजनों के साथ धरने पर बैठे थे। यह धरना (Bhopal Crime) राजधानी के डिपो चौराहे के नजदीक भारत माता चौराहे पर आयोजित था। धरने में पूर्व गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता, पूर्व विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह, विधायक रामेश्वर शर्मा समेत अन्य भाजपा नेता शामिल थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब राजधानी (Bhopal Crime) में यह हालात है तो क्या बोल सकते हैं। यहां मुख्यमंत्री, मंत्री, डीजीपी और सीएस से लेकर तमाम आला अधिकारी बैठते हैं। बदमाशों को खुली छूट दी जा रही है और शिवम जैसे बेटे जो बूढ़े और विकलांग माता-पिता की लाठी थे उससे बर्बरता करते हुए छीना जा रहा है। अपराधी बेटियों की आबरू लूट रहे हैं बेटे सुरक्षित नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने दरिंदे और नरपिशाच बोलते वह पुलिसकर्मी (Bhopal Crime) जो इस मामले में संदेही है कहा कि उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए। पुलिसकर्मी जिन्होंने पर्स, चैन निकाल लिया उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए। उन्होंने कमलनाथ सरकार को घेरते हुए कहा कि बिना पैसों की पोस्टिंग नहीं होती। जब ऐसा चलेगा तो रिकवरी डंडे के दम पर होगी। उन्होंने मंच से मुख्यमंत्री कमलनाथ और गृहमंत्री बाला बच्चन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मौत पर लीपापोती नहीं चलेगी। इस मामले को भाजपा जनसंघर्ष बनाकर सरकार से लडऩे के लिए तैयार हैं।

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देखिए वह वीडियो जिसने भाजपा के पूरे धरने की हवा निकाल दी। परिवार ने ही लूटपाट का आरोप लगाया था जो इस वीडियो के बाद झूठा साबित हुआ

YouTube video

अचानक वीडियो आने से बदली कहानी
शिवम के मामा हृदयेश भार्गव ने एक दिन पहले पुलिस पर (Bhopal Crime) लूटपाट का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि शिवम की पहनी हुई चेन, कड़ा और पर्स पुलिस ने परिजनों को नहीं सौंपा। भार्गव पुलिस पर बर्बरता करने का आरोप भी लगा रहे थे। इन आरोपों की हवा उस वक्त निकल गई जब सोशल मीडिया पर शुक्रवार सुबह अचानक वीडियो वायरल हो गया। इस वीडियो में (Bhopal Crime) चैन, कड़ा और बाकी सामान निकालते हुए लोग दिख रहे हैं। इस दौरान आवाज भी आ रही है जो पुलिसकर्मी की प्रतीत होती है। हालांकि द क्राइम इन्फो इस वीडियो के सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। वीडियो सामने आने के बाद मामा भार्गव आरोपों से मुकर गए। उन्होंने कहा कि एसआई राजेश तिवारी ने चैन का आधा टुकड़ा दिया था। बाकी वीडियो की सत्यता पर उन्होंने कहा कि यह उनके परिजन ज्यादा बेहतर तरीके से बता सकते हैं।

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केन्द्रीय मंत्री के बेटे की बर्बरता पर क्यों खामोश
इधर, शिवराज सिंह चौहान के प्रदर्शन के बाद कांग्रेस, सरकार (Bhopal Crime) के बचाव में आई। मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि कमलनाथ सरकार इस मामले में बेहद संवेदनशील है। मजिस्ट्रीयल जांच भी चल रही है और पीडि़तों को भरोसा भी दिलाया गया है कि सरकार दोषियों को नहीं बख्शेगी। उन्होंने शिवराज के धरने को ओछी राजनीति कहते हुए कहा कि जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं उसके लिए उन्हें नरसिंहपुर (Bhopal Crime) के गोटेगांव जाना चाहिए। वहां केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के बेटे प्रबल ने गोलियां चलाई। पीसीसी मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि शिवराज के कार्यकाल में 284 कस्टोडियल डैथ हुई थी। तब उन्होंने इतनी संवेदनशीलता क्यों नहीं दिखाई।

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सरकार सख्त, बर्खास्तगी होना तय
इधर, पुलिस महकमे ने भीतर ही भीतर शिवम मिश्रा की मौत के मामले में कार्रवाई पूरी कर ली है। इस मामले में कमलनाथ सरकार सख्त (Bhopal Crime) कदम उठाकर अपना नजरिया साफ करने की तैयारी में हैं। यह कवायद विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले की जा रही है। ताकि विपक्ष इस मुद्दे पर ज्यादा घेराव नहीं कर सके। बताया जाता है कि सरकार शिवम मिश्रा की मौत के मामले में रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों की बर्खास्तगी का निर्णय लेने जा रही है। इसके लिए (Bhopal Crime) विधिक राय भी ली जा रही है। हालांकि इस मामले में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आ सका है। सूत्रों ने बताया कि इस प्रकरण में कुछ राजपत्रित पुलिस अधिकारियों को भी नोटिस दिया जा सकता है। दरअसल, इन अफसरों ने आला अधिकारियों को सही तरीके से रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की। शिवम को बैरागढ़ से पहले कोहेफिजा की लालघाटी चौकी लाया गया था। जिसके बाद वहां से उसे बैरागढ़ थाने का मामला बताकर भेजा गया।

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