Bhopal GRP News: लैपटॉप, मोबाइल, सोने—चांदी के जेवरात समेत पांच लाख रुपए का माल बरामद, तीन अन्य साथियों की तलाश, पहले से दर्ज है कई मुकदमे
भोपाल। रेलवे स्टेशन से पूर्व आउटर पर सिग्नल के कारण रुकने वाली ट्रेनों में वारदात करने वाले एक सक्रिय गिरोह का एक व्यक्ति पुलिस के हत्थे लग गया है। यह धरपकड़ भोपाल जीआरपी (Bhopal GRP News) ने की है। आरोपी से अभी तक पांच लाख रुपए का माल बरामद किया जा चुका है। पुलिस को इस गिरोह से जुड़े तीन साथियों की तलाश है। यह सभी आदतन बदमाश है और पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं।
लैपटॉप वाला बैग लेकर लौटी तो चोरी जा चुकी थी ट्रॉली
भोपाल जीआरपी (Bhopal GRP) की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आसिफ अली (Asif Ali) पिता अहमद अली उम्र 32 साल को गिरफ्तार किया गया है। वह निशातपुरा (Nishatpura) स्थित नारियल खेड़ा शारदा नगर (Sharda Nagar) में रहता है। आसिफ अली की 08 दिसंबर को दर्ज चोरी के एक मामले में तलाश थी। उसके साथ तीन अन्य साथी फैजान काला (Faizan Kala) , उमर खान ( Umar Khan) और फैजान बच्चा (Faizan Bachcha) भी थे। अभी यह तीनों पुलिस को नहीं मिल सके हैं। आसिफ अली की निशानदेही पर उसके कब्जे से अलग—अलग कंपनियों के आठ मोबाईल, छह लैपटॉप, चार ट्रॉली बैग भी मिली है। इसके अलावा उसके पास से वारदात में इस्तेमाल की गई बाइक भी जब्त की गई है। इन सभी आरोपियों ने सोमनाथ एक्सप्रेस (Somnath Express) के एसी कोच से दो ट्रॉली बैग चोरी कर लिए थे। यह बैग भोपाल शहर के मीनाल रेसीडेंसी (Minal Residency) में रहने वाली आकांक्षा शर्मा (Akansha Sharma) के थे। वह सोमनाथ एक्सप्रेस के एसी कोच में यात्रा कर रही थी। ट्रेन (Train) जब भोपाल जंक्शन पहुंचने वाली थी तब आउटर पर उसे सिग्नल नहीं मिलने के कारण धीमे चल रही थी। तभी आकांक्षा शर्मा ट्रॉली बैग कोच के गेट में रखकर लैपटॉप वाला बैग उठाने चली गई। वापस लौटी तो दोनों ट्रॉली बैग गायब थे। यह दोनों ट्रॉली बैग को बाइक में उठाकर आरोपी ले गए थे। बैग में तीन सोने की अंगूठी, दो कीमती घड़ी और कपड़े के अलावा अन्य इस्तेमाली सामान था। जिसकी कीमत एक लाख रुपए थी।
आरोपियों ने बांट लिया था सामान
आरोपी आसिफ अली के खिलाफ भोपाल जीआरपी के अलावा विदिशा जीआरपी (Vidisha GRP) में चार मामले दर्ज हैं। जीआरपी थाना प्रभारी जहीर खान (TI Zahir Khan) के मुताबिक आसिफ खां पहले हम्माली का काम करता था। लंबे समय से उसे काम मिलना बंद हो गया। इस कारण वह आउटर से पहले रुकने वाली ट्रेनों में चढ़कर चोरी करने लगा थाा। इस दौरान पुलिस की पकड़ में नहीं आया तो उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर गिरोह बना लिया था। आरोपी रात में आउटर से पहले रुकने वाली तय ट्रेनों में चोरी की वारदातें करते थे। आसिफ के साथी इस वारदात के दौरान बाइक से रेल पटरी के किनारे पहुंचते थे। आसिफ ट्रेन की बोगी से सामना चुराने के बाद नीचे फेंकता था। उसके बाद बाइक सवार उसके साथी सामान लेकर फरार हो जाते थे। बाद में सामान का आपस में बंटवारा कर लेते थे।
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