Bhopal Gas Tragedy: गैस कांड में हुई मौत के आंकड़ों को लेकर घमासान

Share

Bhopal Gas Tragedy: पांच अशासकीय संस्थाओं ने केंद्र और राज्य सरकार को स्थिति साफ करने का दिया अल्टीमेटम, अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में होनी है महत्वपूर्ण सुनवाई

Bhopal Gas Tragedy New
गैस पीड़ित संगठन के नेता पत्रकार वार्ता में 38 साल में सरकारों के रवैये को उजागर करते हुए। File Photo

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 38 साल पहले हुए भीषण गैस कांड (Bhopal Gas Tragedy) में हुई मौत की संख्या को लेकर अब तक स्थिति साफ नहीं हो सकी है। इन मामलों में जनता की तरफ से सरकार से लड़ाई करने वाले पांच संगठनों का दावा है कि यह संख्या 15 हजार से पार थी। जिसको गैस राहत संचालनालय के अफसर भी मान रहे हैं। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट में अगले महीने होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने अब तक कोई स्थिति साफ नहीं की है। संगठनों ने दावा किया है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो शांतिपूर्वक तरीके पांचों संगठन सड़क पर उतरकर संग्राम करेगा।

बारह साल बाद हो रही सुनवाई

इसी संबंध में पांचों संगठन भोपाल गैस पीड़ित स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन और डाव-कार्बाइड के खिलाफ बच्चे ने पत्रकार वार्ता आयोजित की। जिसमें बताया गया कि हम 1984 के गैस हादसे में हुई मौतों और चोटों के आँकड़ों पर राज्य और केंद्र सरकारों की चुप्पी की निंदा करते हैं। यदि उन्हें 26 दिसम्बर तक सुधार याचिका में आँकड़ों के सुधार की जानकारी नहीं मिली, तो वे सरकारों से अपना वादा पूरा करवाने के लिए शान्तिपूर्ण जन आन्दोलन शुरू करेंगे। अमरीकी कम्पनी यूनियन कार्बाइड और उसके मालिक डाव केमिकल से अतिरिक्त मुआवज़े की माँग करते हुए 2010 में केन्द्र सरकार की तरफ से दायर सुधार याचिका को लेकर 10 जनवरी को सुनवाई होगी।

यह भी पढ़ें:   Badwani News: बड़वानी में अवैध हथियार का जखीरा मिला

संगठनों ने यह दावा करके बताया

भोपाल गैस (Bhopal Gas Tragedy) पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी (Rashida BI) ने कहा 17 नवंबर को भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की प्रमुख सचिव ने एक बैठक में हमें आश्वासन दिया था कि मुख्यमंत्री के विचारों के अनुरूप राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सुधार याचिका में हादसे से जुड़ी मौतो का आँकड़ा 5,295 से 15,342 तक संशोधित किया जाए। वहीं सभी 5,21,332 लोगों को लगी चोटों को अस्थाई के बदले स्थायी प्रकृति का माना जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज जमा किए हुए दो हफ़्ते बीत चुके हैं। हम अभी भी यह नहीं जान सके हैं कि राज्य सरकार ने वाकई आँकड़े सुधारे है या नहीं। अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के निर्देशों के मुताबिक़, हादसे से हुए नुकसान के आँकड़ों के सुधार के लिए दस्तावेज जमा कर दिए हैं। हालांकि, हम अभी भी इस बात की पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं कि हमारी जानकारी वास्तव में सुप्रीम कोर्ट को दी गई अथवा नहीं।

यह भी पढ़िएः तीन सौ रूपए का बिल जमा नहीं करने पर बिजली काटने के लिए आने वाला अमला, लेकिन करोड़ों रूपए के लोन पर खामोश सिस्टम और सरकार का कड़वा सच

खबर के लिए ऐसे जुड़े

Bhopal Gas Tragedy
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal News: बेटे की शादी के अगले दिन​ पिता के उड़े प्राणपखेरू
Don`t copy text!