Bhopal Gang Rape: 4 दरिंदों ने बनाया शिकार, थाने—थाने भटकती रही पीड़िता

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हनुमानगंज टीआई पीड़िता को लेकर पहुंचे भोपाल जीआरपी थाने, चारों आरोपी गिरफ्तार

Bhopal Gang Rape
सांकेतिक फोटो

भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी एक बार फिर शर्मसार हो गई। यहां भोपाल रेलवे स्टेशन (Bhopal Station) के नजदीक चार आरोपियों ने एक महिला को अपनी हवस (Bhopal Gang Rape) का शिकार बनाया। उन्होंने महिला की नाबालिग भांजी को अपने काबू में कर रखा था। इस घटना में पुलिस की लापरवाही (Madhya Pradesh Police Negligence)  भी उजागर हुई है। पीड़िता हनुमानगंज थाने गई थी। लेकिन, टीआई ने मुकदमा दर्ज करने की बजाय उसे लेकर भोपाल जीआरपी थाने पहुंचे।

यह है मामला
घटना बुधवार रात की बताई जा रही है। इस दिन दुर्गा विसर्जन (Durga Visarjan) चल समारोह निकलना था। इस समारोह को देखने के आस—पास जिलों से कई लोग आते हैं। यहां सीहोर की रहने वाली एक युवती अपनी भांजी के साथ आई थी। दोनों भोपाल रेलवे स्टेशन के नजदीक वॉशिंग यार्ड (Bhopal Railway Yard) पहुंचे। यहां युवती लघुशंका कर रही थी। तभी चार आरोपी धर्मेंद्र, गट्टू उर्फ राजेश, राकेश और विक्रम ने युवती को दबोच लिया। आरोपियों ने भांजी को मारने की धमकी देकर युवती से बारी—बारी बलात्कार (Bhopal Gang Rape Case) किया। इस दौरान आरोपियों ने युवतियों के हाथ—पैर दबोच रखे थे।

घुमाती रही पुलिस
इस मामले में पुलिस की लापरवाही (Bhopal Police Negligence) उजागर हुई है। दरअसल, पीड़िता थाना क्षेत्र नहीं जानती थी। इसलिए वह सीधे हनुमानगंज थाने पहुंची। यहां थाना प्रभारी पीड़िता को लेकर भोपाल जीआरपी (Bhopal GRP) थाने पहुंचे। हालांकि नियमानुसार हनुमानगंज टीआई को एफआईआर जीरो पर दर्ज करना थी। उसके बाद केस डायरी भोपाल जीआरपी थाने पहुंचाना थी। मामला उजागर होने के बाद भोपाल जीआरपी और भोपाल जिला पुलिस एक—दूसरे का बचाव करते नजर आए। पुलिस ने मामला दर्ज करके चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों को शुक्रवार दोपहर अदालत में पेश किया जाएगा।

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दो साल पुरानी याद ताजा
यह पहला मामला नहीं हैं जिसमें पुलिस ने पीड़िता को न्याय दिलाने की बजाय उसे टाला न हो। दो साल पहले ऐसा ही एक मामला सामने आया था। घटना हबीबगंज आरपीएफ थाने के नजदीक हुई थी। यहां यूपीएससी (UPSC Student) परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा के साथ पांच लोगों ने गैंगरेप किया था। घटना के बाद एमपी नगर, हबीबगंज और जीआरपी हबीबगंज थाने की पुलिस एक—दूसरे का मामला बताकर जिम्मेदारियों से बचती रही। हालांकि बाद में अफसरों ने आधा दर्जन पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को सजा दी थी। इसमें डिमोशन, सस्पेंड जैसी कार्रवाई भी हुई थी।
यह कह रहे हैं अफसर
लापरवाही (Bhopal Police Negligence) का यह मामला उजागर होने के बाद जिला और जीआरपी पुलिस के अफसर एक—दूसरे की जान बचा रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि गैंगरेप के आरोपियों में शामिल राजेश के भाई की कुछ महीने पहले हत्या (Bhopal Murder) हो गई थी। यह हत्या गैंगरेप की शिकार युवती के पति ने की है। इस मामले में आरोपी फिलहाल फरार है। इसी मामले में बदला लेने के लिए युवती के साथ गैंगरेप किया। वहीं जिला पुलिस के अफसर पूरे मामले को संदिग्ध बताते रहे।

पीएचक्यू आदेश की उड़ाई धज्जियां
महिला अपराधों को लेकर दो दिन पहले ही डीजीपी वीके सिंह (MP DGP) ने मैदानी अफसरों को आदेश दिए थे। इस आदेश में कहा गया था कि महिला अपराधों को लेकर निगरानी का दायरा बढ़ाया जा रहा है। इसमें यदि लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसी आदेश के अगले दिन इस घटना ने मैदानी अफसरों की कलई उजागर कर दी। अब अफसर पूरे मामले को डायवर्ट करने में लगे हैं। हालांकि इसमें वे कितने कामयाब होते हैं यह आने वाला वक्त ही बताएगा। सूत्रों ने बताया है कि भोपाल गैंगरेप कांड पर डीजीपी ने अफसरों से रिपोर्ट मांग ली है।

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