Bhopal Court News: तीन साल पहले पति की निर्मम हत्या करने के बाद डिग्गी में लाश रखकर घुमने वाली पत्नी और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास, भोपाल डीजे कोर्ट ने सुनाया फैसला
भोपाल। प्रेम संबंधों में बाधा बन रहे पति की निर्मम तरीके से हत्या करने वाली पत्नी और उसके प्रेमी को दोषी करार दिया गया है। यह चर्चित हत्याकांड भोपाल (Bhopal Court News) शहर के कटारा हिल्स थाना क्षेत्र का था। दरअसल, हत्याकांड के बाद दोषी करार दी गई महिला और उसका प्रेमी लाश डिग्गी में रखकर उसको ठिकाने के लिए शहर में कई जगह घुमे भी थे। जब कोई रास्ता नहीं सुझा तो कार की डिग्गी में रखी लाश को लेकर थाने में सरेंडर करने पहुंच गए थे। इस प्रकरण को भोपाल प्रशासन की तरफ से सनसनीखेज श्रेणी में रखा गया था। भोपाल डीजे अमिताभ मिश्र ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया है।
एक साल के भीतर में हो गया था अंधा प्यार
भोपाल जिला अदालत (Bhopal District Court) से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोषी करार दी गई महिला संगीता मीणा और उसका प्रेमी आशीष पाण्डेय है। विशेष लोक अभियोजक सुधाविजय सिंह भदौरिया ने बताया कि यह निर्णय 7 जून को पारित किया गया। दोषियों ने मिलकर धनराज मीणा (Dhanraj Meena) की निर्मम तरीके से हत्या की थी। संगीता मीणा और आशीष पाण्डेय को धारा 302 हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास और एक—एक हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा दी गई है। वहीं धारा 201 सबूत मिटाने के मामले में तीन—तीन वर्ष का सश्रम कारावास और पांच—पांच सौ रुपए का अर्थदण्ड दिया गया है। अदालत के सामने सबूत, विशेषज्ञ साक्ष्य, इलेक्ट्रानिक साक्ष्य, डीएनए रिपोर्ट भी पेश की गई थी। प्रकरण में सुधाविजय सिंह भदौरिया ने दलीले पेश की थी। हत्याकांड की वारदात 07 दिसंबर, 2021 को हुई थी। संगीता मीणा (Sangeeta Meena) पति स्व. धनराज मीणा उम्र 38 साल यहां कटारा हिल्स (Katara Hills) स्थित सागर गोल्डनपाम (Sagar Golenpalm) में रहती थी। उसकी शादी धनराज मीणा के साथ 2006 में हुई थी। पति किसान था जो कि सीहोर (Sehore) जिले के बुधनी तहसील में स्थित ग्राम होलीपुरा (Holipura) का रहने वाला था। उसके दो बच्चे भी है जिसमें वारदात के वक्त 14 साल का बेटा और 11 साल की बेटी थी। परिवार यहां 2014 से रह रहा था। संगीता मीणा का परिचय 2015 में पड़ोसी आशीष पाण्डेय (Ashish andey) से हो गया था। दोनों के बीच पहले बातचीत होती थी। पति के नहीं होने पर वह उससे मुलाकात भी करती थी। इस बात की जानकारी पति को लग गई थी।
नींद की गोलियां खिलाई फिर हत्या की गई
धनराज मीणा को पत्नी के चरित्र पर शक हो गया था। जिस कारण घर में पारिवारिक कलह (Bhopal Court News) होती थी। इसी कारण 6 दिसंबर को उसने हत्या करने की योजना बनाई थी। आशीष पाण्डेय ने नींद की गोली दी जिसको पत्नी ने काढ़े में मिलाकर पिला दी। वह जब गहरी नींद में सो गया तब आशीष पांडेय कमरे में घुसा। वह कमरे में आ जाए इसके लिए आरोपी संगीता मीणा ने दरवाजा खुला रखा था। रात करीब दो बजे आशीष पाण्डेय एक बोरी तथा हाथ में लठ्ठ लेकर आया। उसने धनराज मीणा के सिर पर लठ्ठ मारा तो वह जागकर खड़ा होने लगा। यह देख संगीता मीणा ने हथौड़ी से उसके पति के सिर में मारना शुरू कर दिया। आशीष ने अपने साथ लाए रस्सी से गला दबा दिया। इसके बाद कमरे में फैले खून को चादर से साफ किया। सारे सामान को बोरी में रखा। लाश को कम्बल में लपेटकर आशीष पांडेय ने अपनी स्विफ्ट डिजायर कार (Car) की डिग्गी में छिपा दी। सुबह नौ बजे से दोषी करार दिए गए आशीष पांडे और संगीता मीणा लाश को ठिकाने लगाने बाबडिया तरफ से कोलार डेम तक गए। लाश ठिकाने लगाने की सही जगह नहीं मिली तो पुलिस थाने जाकर सरेंडर कर दिया। कटारा हिल्स थाना पुलिस ने 346/2021 धारा 302/201 का प्रकरण दर्ज किया था। इस हत्याकांड की जांच तत्कालीन थाना प्रभारी एसके मीणा (TI SK Meena) ने की थी।
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