Bhopal Court News: निशातपुरा थाने में चार साल पहले दर्ज हुआ था मुकदमा, ग्यारह आरोपियों के खिलाफ प्रस्तुत की गई थी चार्जशीट
भोपाल। धान उपज की खरीदी घोटाले के एक मामले में भोपाल जिला अदालत (Bhopal Court News) ने आधा दर्जन व्यक्तियों को दोषी करार दिया है। यह घोटाला करीब पौने छह करोड़ रूपए का था। इस संबंध में भोपाल शहर के निशातपुरा थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था। जिला अदालत ने दोषियों को 7 वर्ष की जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश संदीप कुमार श्रीवास्तव ने दिया है।
ऐसे किया गया था फर्जीवाड़ा
जिला अदालत से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोषी करार दिए गए व्यक्तियों में धान व्यापारी सत्य ज्ञान नगर निवासी आशीष गुप्ता (Ashish Gupta) , मंडी सचिव और कादम्बिनी परिसर बागसेवनिया निवासी विनय प्रकाश पटेरिया (Vinay Prakash Pateriya) , रायसेन के चौपड़ा मोहल्ला निवासी राजेश राय (Rajesh rai) , उमरावगंज ग्राम खरबई निवासी रामस्वरूप राय,(Ramswaroop Rai) शिर्डीपुरम कोलार निवासी महेश अग्रवाल (Mahesh Agrawal) और सुनील गुप्ता (Sunil Gupta) है। दोषियों के खिलाफ धारा 420 और 120बी में प्रत्येक आरोपीगण को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं प्रत्येक को 25-25 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक आशीष त्यागी और डीके आर्य ने दलीले पेश की थी। घटना अनाज मण्डी करोंद की थी। यहां व्यापारी आशीष गुप्ता जो कि मेसर्स सियाराम ट्रेडर्स (Siyaram Traders) नाम से कारोबार करता था, उसने गांव में जाकर किसानों से धान की खरीदी की थी।
किसानों की गवाही पर दी गई सजा
उनसे खरीदी गई धान का भुगतान न करते हुऐ चेक दिये थे। यह चेक बाउंस हो गए थे। पुलिस ने मण्डी सचिव प्रदीप मलिक (Pradeep Malik) की शिकायत पर 411/19 धारा 406/420 (गबन और जालसाजी में प्रकरण) दर्ज किया था। विवेचना के दौरान प्रकरण (Bhopal Court News) में अन्य आरोपीगण विनय प्रकाश पटेरिया (मण्डी सचिव), राजेश राय, रामस्वरूप राय, महेश अग्रवाल, सुनील गुप्ता, अरविंद परिहार, जीवन सिंह राजपूत,(Jeevan Singh Rajput) नारायण प्रसाद राजौरिया, रंजीत गौस्वामी, धमेन्द्र गुप्ता (Dharmendra Gupta) की अपराध में संलिप्त्ता पाये जाने से एवं शासकीय कर्मचारी द्वारा भ्रष्टाचार संबंधी साक्ष्य आने से कुल 11 आरोपियों के विरूद्ध अभियोग पत्र पेश किए गए थे। न्यायालय ने कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान 121 गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। इसमें से 95 किसान थे।
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