BHOPAL CRIME : शहर की फिजा बिगाड़ना चाहते हैं कुख्यात बदमाश, पुलिस के पास सारी जानकारी, फिर भी कार्रवाई के नाम पर लीपापोती

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The crime info exclusiveबड़ी वारदात को छुपाया, फिर गिरफ्तार आरोपी को मिली जमानत, लेकिन नहीं जताया विरोध

भोपाल। झीलों की नगरी इन दिनों ​भीषण गर्मी और बिजली की लुकाछुपी से परेशान है, लेकिन इसी गर्म माहौल में शहर के कुख्यात बदमाश ठंडे दिमाग से एक बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे हैं। इसकी तैयारियां पिछले दो महीने से चल रही हैं। दिलचस्प यह है कि बदमाशों की योजना की भनक इंटेलीजेंस एजेंसियों को भी है, जिसने भोपाल पुलिस को ताकीद भी कर दिया है। दिक्कत इसके आगे बड़ी है। असल में, पुलिस के इंतजामात और अब तक की कार्रवाई को देखकर नहीं लगता कि वह बदमाशों के मंसूबे नाकाम करने की हसरत रखती है। हैरतअंगेज बात यह है कि मामले की शुरुआत से लेकर अब तक के सारे तथ्य पुलिस के सामने से होकर गुजर रहे हैं, जो पूरी कहानी को साफ—साफ बयां कर रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर बस आरोपियों को राहत दी जा रही है।
क्या है मामला
भोपाल पुलिस के तीन जेल वाहन हैं। यह वाहन हर दिन जेल से जिला अदालत तक मुल्जिमों को पेशी कराने निकलते हैं। इसी वाहन में से एक के आसपास 23 अप्रैल की शाम लगभग साढ़े चार बजे हवाई फायर हुआ था। घटना राजा भोज प्रतिमा के नजदीक की थी। इस वाहन में जेल ड्राइवर चर्तुभुज रेगर, हवलदार अशोक, आरक्षक प्रकाश चंद्र, अजीत कुमार और अन्य थे, जो कैदियों को पेशी कराने के बाद सुरक्षित जेल पहुंचाने की अपनी जिम्मेदारी को अंजाम दे रहे थे। इन पुलिसकर्मियों ने घटना देखी और इसकी एफआईआर तलैया थाने में कराई गई। आरोपी एक बाइक पर सवार थे। यह लाल रंग की मॉडिफाई बाइक थी जिस पर पल्सर कंपनी का लोगो था। बाइक पर बीच में बैठे व्यक्ति ने अपना चेहरा ढ़ंक रखा था। हवाई फायर बाइक चला रहे व्यक्ति ने किया था।
नाकामी छुपाने के लिए की गुपचुप गिरफ्तारी
तलैया पुलिस ने इस मामले में जून की शुरुआत में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन आरोपियों से कट्टा भी बरामद हुआ। आरोपियों के खिलाफ हवाई फायर करने का केस दर्ज किया गया। आरोपी उमाशंकर उर्फ गोलू राजपूत, शाहिद अहमद और हमजा शेख को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पुलिस वाहन को टारगेट करके और अपनी धौंस दिखाने के लिए यह घटना की थी। इसे पुलिस ने पूरी तरह से दबा दिया। मीडिया से भी इनकी गिरफ्तारी को छुपाया गया, ताकि मामले पर धूल डालने में आसानी हो। इसीलिए तीनों आरोपियों की गुपचुप गिरफ्तारी की गई और अदालत में पेशी और फिर जेल पहुंचाने की कार्रवाई को भी बेहद खामोशी से अंजाम दिया गया। पुलिस ने अपनी कार्रवाई में इस पूरे मामले को बेहद हल्का बना दिया। जबकि सख्ती दिखाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त मात्रा में परिस्थितिजन्य साक्ष्य मौजूद थे। मामले में लचीला रुख पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में लाता है।
यह है बदमाशों का खेल
दरअसल, जिस दिन गोली चली थी उस दिन जेल वाहन में 42 विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदी थे। इनमें से एक यासिन मजिस्ट्रेट नाम का बंदी भी था। यासिन के खिलाफ भोपाल के कई थानों में मामले दर्ज हैं। यासिन का पिता रईस रेडियो भी कुख्यात बदमाश रहा है। जिस व्यक्ति ने 23 अप्रैल को गोली चलाई थी वह शाहिद था। शाहिद और कोई नहीं, यासिन का छोटा भाई है।
जान बूझकर तो नहीं गया जेल के भीतर
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, यासिन कुख्यात बदमाश है, जिसकी आजकल शहर के ही दूसरे बदमाश जुबैर मौलाना से काफी नजदीकियां हैं। जुबैर के गिरोह से पप्पू चटका की रंजिश चल रही है। पप्पू चटका भी इसी महीने जेल से रिहा हुआ है। उसने कुछ दिन पहले ही कमला नगर इलाके में 50 हजार रुपए के लिए एक व्यक्ति को चाकू मार दिया था। खुफिया एजेंसियां इन घटनाओं की कड़ियों को जोड़ते हुए संदेह की निगाह से देख रही हैं। उनका मत है कि यह गिरोह किसी बड़ी योजना पर काम कर रहा है। जिसका पता लगाया जाना जरूरी है। इस बारे में तस्दीक के लिए भोपाल पुलिस को भी विधिवत रूप से जानकारी भेजी गई है।
ऐसा केस बनाया कि सप्ताह के भीतर मिली जमानत
जेल सूत्रों ने बताया कि यासिन को लेकर एक प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय अनुमति के लिए भेजा गया है। जेल प्रबंधन ने उसे भोपाल जेल से अन्य जेल में शिफ्ट कराने की मांग रखी है। इस मामले में अभी फैसला नहीं लिया जा सका है। इधर, तलैया थाना पुलिस ने यासिन के छोटे भाई शाहिद को गुपचुप गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ पुलिस कितनी सख्त है इसका पता इस बात से चलता है कि वह एक सप्ताह भी जेल में नहीं रहा। वह कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आ गया है। इसलिए भी सुरक्षा एजेंसी सकते में हैं कि आखिर शाहिद जेल के भीतर गया या फिर पहुंचाया गया।
यह है कुख्यात बदमाशों की कुंडली
इस मामले से जुड़े अपराधियों की कुंडली से भोपाल पुलिस अच्छी तरह से वाकिफ है। इसके बावजूद बदमाशों के प्रति सॉफ्ट नजरिया पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में लाता है। आप भी जान लीजिए पुलिस के रिकॉर्ड में इनके क्या मामले हैं।
यासिन: नाबालिग था तभी मार दी थी पड़ोसी को गोली
कुख्यात बदमाश रईस रेडियो टीलाजमालपुरा इलाके का रहने वाला है। उसकी पत्नी सीमा पर भी मामले दर्ज हैं। रईस के तीन बेटे हैं। एक बेटे मोहसिन की संदिग्ध मौत हो चुकी है। रईस का मंझला बेटा है यासिन मजिस्ट्रेट। यासिन की इससे पहले जब गिरफ्तारी हुई थी, तब वह हिमाचल प्रदेश के कई शहरों में रहकर आया था। यासिन के खिलाफ कोहेफिजा थाना पुलिस ने मार्च, 2018 में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। यासिन ने पंचवटी में रमेश चंद्र गुप्ता की टी स्टाल के सामने चाय जल्द न लाने पर तीन गोलियां चलाई थीं। इसमें से एक गोली पास खड़े कंडक्टर मुकेश को लगी थी। इस मामले में 20 दिन बाद बुर्का पहनकर यासिन जिला अदालत में सरेंडर करने पहुंचा था। यासिन टीलाजमालपुरा थाने का निगरानी बदमाश भी है। फिलहाल यह परिवार कोहेफिजा के खानू गांव इलाके में रहने लगा है।
यासिन ने टीलाजमालपुरा में ही पड़ोसी को भी गोली मारी थी। तब वह नाबालिग था। इसके बाद उसने ऐशबाग के बदमाश शादाब उर्फ गेट को जिला अदालत के पास गोली मारी। यह गोली शादाब को न लगकर एक वकील को लगी थी।
जुबैर: फार्म हाउस में दबोचा गया था हथियारों समेत
जुबैर मौलाना भी कुख्यात बदमाश है। वह ऐशबाग इलाके का रहने वाला है और इसी थाने में उसकी निगरानी खुली हुई है। जुबैर मौलाना को क्राइम ब्रांच ने अचारपुरा के फार्म हाउस से हथियारों के साथ उसके साथी शहनवाज उर्फ सन्नू और मोहसिन के साथ अप्रैल, 2019 में दबोचा था।
यासिन और जुबैर इस वक्त मिलकर काम कर रहे हैं। इसकी खबर भोपाल पुलिस को भी है।
आपने घटना को लेकर जो जानकारी दी है मैं उसकी तस्दीक कराता हूँ। यदि तथ्य में यह पाया गया कि जांच में लापरवाही हुई हैं तो जरुर एक्शन लिया जायेगा।
शैलेंद्र चौहान, एसपी, नार्थ भोपाल एरिया
द क्राइम इन्फो के पांच बड़े सवाल
1- ऐसा लगता है कि इस मामले में पुलिस दबाव में काम कर रही है, अगर ऐसा है तो शाहिद और यासिन की पर्दे के पीछे कौन मदद कर रहा है?
2- यासिन जिस जेल वाहन में सवार था, उसी के पास उसका भाई हवाई फायर करता है और इस घटना को इतने हल्के में क्यों लिया गया?
3- यासिन को भोपाल जेल से अन्यंत्र शिफ्ट करने की कार्रवाई क्यों जरूरी है, और इस पर फैसला क्यों नहीं लिया जा रहा है?
4- आखिर बदमाशों के बीच नई ट्यूनिंग क्या चल रही है और वे किस घटना को अंजाम देने के बारे में प्लानिंग कर रहे हैं?
5- गोलीकांड के बाद जेल से अदालत आने—जाने के रास्ते में पुलिस ने अपनी चौकसी को मजबूत करने और सुरक्षा को चाक—चौबंद करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?
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