Bhopal Land Mafia: अदालत ने जालसाजी का प्रकरण दर्ज करने के दिए थे आदेश, एक पखवाड़े तक फाइल को दबाकर रखा, पुलिस कमिश्नर से की शिकायत तो थाने ने दर्ज की एफआईआर
भोपाल। भूमाफिया के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। हालांकि इसमें भी थाना पुलिस ने अपने मन की चलाई। जबकि कोर्ट ने इस मामले में नौ व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। यह घटना भोपाल (Bhopal Land Mafia) शहर के शाहपुरा थाना क्षेत्र की है। अदालत ने एक सप्ताह के भीतर में प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए थे। लेकिन, एक महीने तक आदेश को थाना पुलिस ने दबाए रखा। जब इस बात की शिकायत पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र से की तो पुलिस ने मामला दर्ज किया।
तीन थानों को लगाई गई थी फटकार
शाहपुरा (Shahpura) थाना पुलिस ने लगभग 11 धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। यह प्रकरण 01 मई की रात लगभग नौ बजे दर्ज किया गया। जिसमें आरोपी हरीश शर्मा उर्फ हरिकिशन विश्वकर्मा (Harish Sharma@Harikishan Vishwakarma) को बनाया है। बाकी आरोपियों के नामों का खुलासा नहीं किया है। इस मामले की शिकायत राजेश सुखवानी (Rajesh Sukhwani) पिता जेडी सुखवानी ने दर्ज कराई है। वे कोहेफिजा (Kohefiza) थाना क्षेत्र में रहते हैं। उनका महाकाली सोसायटी (Mahakali Society) में एक प्लॉट है। जिस पर हरीश शर्मा ने 2015 से कब्जा कर रखा है। उसने पहले राजेश सुखवानी से किराए पर मकान लिया था। उसके बाद उसी मकान को खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया। एग्रीमेंट को कुछ दिन बाद विवाद की स्थिति बनने पर रद्द कर दिया। इसके अलावा उसने एग्रीमेंट के वक्त लिया बयाना भी वापस ले लिया। हरीश शर्मा ने इसके बाद मकान को खाली नहीं किया। राजेश सुखवानी ने यह मकान मुंबई की निजी बैंक फुलटॉर्न (Fulltorn) से लोन लेकर खरीदा था। जिसकी किस्त उन्होंने कई साल तक जमा नहीं की। जब मकान पर आरोपी हरीश शर्मा ने कब्जा कर लिया तो वे बैंक में भी डिफॉल्टर हो गए। राजेश सुखवानी पिछले एक साल से लगातार पुलिस अधिकारियों को इस घटना की शिकायत कर रहे थे। लेकिन, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन उन्हें कोर्ट में जाकर निजी परिवाद लगाना पड़ा। जिसके बाद अदालत ने 3 अप्रैल को धारा 420/425/441/442/463/464/468/471/474/34/120—बी में प्रकरण दर्ज करने के शाहपुरा थाना पुलिस को भी आदेश दिए थे। अदालत ने आदेश में शाहपुरा थाना पुलिस के अलावा कोलार और कोहेफिजा थाना पुलिस को भी फटकार लगाई थी।
कई थानों में दर्ज है प्रकरण
अदालत ने हरीश शर्मा के अलावा आठ अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए थे। लेकिन, पुलिस ने एफआईआर में हरीश शर्मा के अलावा अन्य किसी व्यक्ति का नाम शामिल नहीं किया गया। सूत्रों के अनुसार आदेश में हरीश शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा(Sunita Sharma) , बेटे सौरभ शर्मा(Saurabh Sharma) , संतोष ग्वालानी, अमित पहलाजानी, अशोक बजाज (Ashok Bajaj) , सौरभ चौधरी, विष्णु यादव और वाहिद खान के नाम है। हरीश शर्मा काफी कुख्यात भूमाफिया है। उसके पुलिस रिकॉर्ड में दो अलग—अलग नाम पता चले हैं। पिपलानी थाना क्षेत्र में जनसहयोग सोसायटी (Jansahyog Society) में भी मकान फर्जी तरीके से बेचने के आरोप उस पर है। उन मकानों को कुछ साल पहले नगर निगम ने जमींदोज किया था। इसके अलावा गोविंदपुरा और शाहपुरा थाने में भी उसके चैक बाउंस के मामले दर्ज है। कई मामलों में वह अभी भी फरार चल रहा है। हालांकि शाहपुरा थाना पुलिस ने 156/24 में प्रकरण दर्ज कर जांच करने का दावा किया है। हरीश शर्मा के खिलाफ कुछ महीने पहले दर्जनों पीड़ितों ने एमपी नगर स्थित 9मसाला रेस्टोरेंट में भी पत्रकार वार्ता की थी। उसने कई लोगों को मकान और प्लॉट बेचने के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया है। इसके बावजूद वह अधिकांश मामलों में जमानत लेने के बाद फरार चल रहा है।
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