Bhopal crime : वर्दी की आड़ में हनी ट्रेप करने वाला रैकेट पकड़ाया

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Bhopal crimeमुख्य आरोपी की है तलाश, दो महिला और एक पुरूष गिरफ्तार, फोटो खींचकर करते थे वसूली

भोपाल। भोपाल क्राइम ब्रांच (Bhopal crime) ने एक तीन सदस्यीय रैकेट का भंड़ाफोड़ किया है। यह गिरोह नकली वर्दी की आड़ में हनी ट्रेप का शिकार बनाता था। गिरोह वृद्ध पुरूषों जो संभ्रात परिवार के होते हैं उन्हें टारगेट करता था। क्राइम ब्रांच को इस मामले में एक व्यक्ति की तलाश है।
मांग रहे थे पांच लाख रुपए
यह जानकारी देते हुए एएसपी क्राइम ब्रांच निश्चल झारिया ने बताया कि 69 वर्षीय रिटायर्ड इंजीनियर इस गिरोह का शिकार बने थे। उन्होंने करीब एक महीने पहले यह जानकारी वरिष्ठ अफसरों को लिखित में दी थी। एक दिन उनके मोबाइल पर एक महिला का फोन आया था। उसने अपना नाम जरीना (परिवर्तित नाम) बताया। बातचीत के दौरान उसने उनके घर का पता और उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद मिलने के लिए डीबी मॉल के पास बुलाया। वे महिला से मिलने पहुंचे तो उसने लुभावनी बातें कर तलैया इलाके में स्थित एक खाली मकान पर ले गई। महिला उन्हें एक कमरे में लेकर पहुंची, जहां पहले से एक अन्य युवती मौजूद थी। वृद्ध का कहना था कि वे लोग बातें कर रहे थे, तभी दो अन्य लोग कमरे में पहुंचे। उन्हें यह अहसास ही नहीं था कि वे ((Bhopal crime) रैकेट में फंस गए। इनमें से एक सादे कपड़ों में था, जबकि दूसरा पुलिस की वर्दी पहने हुआ था।
कपड़े उतारकर फोटो खींचे
दोनों ने चकलाघर (Bhopal crime) चलाने का आरोप लगाकर पुलिसिया केस में धमकाते हुए पैंसे मांगे। उन्होंने जबरिया बुजुर्ग के कपड़े उतरवा लिए। उन्हें युवतियों के साथ खड़े करके अश्लील फोटो लिए गए। इसके बाद दोनों युवक उनसे पांच लाख रुपये मांगने लगे। मौके पर उन्होंने छह हजार रुपए दे दिए। बाकी की रकम बाद में देने का कहकर वे अफसरों के पास शिकायत करने पहुंच गए। मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी।
तकनीक से पकड़ में आए
एएसपी ने बताया कि गिरोह (Bhopal crime) को पकडऩे टीम बनाई गई थी। सुराग जुटाने के लिए एक प्लान तैयार कर तकनीक का सहारा लिया गया। क्राइम ब्रांच की टीम ने फरियादी को हर संभावित ठिकानों पर ले जाकर तलाश की। आरटीओ कार्यालय के पास एक संदेही मिल गया जिसे फरियादी ने पहचान लिया। पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने घटना की पुष्टि करते हुए अपना जुर्म कबूल लिया।
सगी बहनें चलाती है गिरोह
क्राइम ब्रांच ने पकड़े गए आरोपी की पहचान ई-8/98 अरेरा कॉलोनी निवासी भूपेश राणा पुत्र शालिगराम(44) के रूप में की है। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर दोनों युवतियों को भी दबोच लिया गया। पुराने शहर में रहने वाली दोनों युवतियां आपस में सगी बहनें हैं। दोनों की उम्र 24 और 28 साल है। पुलिस पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस गिरोह ने अब तक कितने लोगों को ब्लैकमेल कर रकम ऐंठी है। हालांकि एएसपी ने बताया कि कुछ लोगों ने फोन पर इस प्रकार की शिकायत की थी, जिसकी तस्दीक की जा रही है। गिरोह में शामिल वर्दी वाले पुलिसकर्मी की शिनाख्त परेड कराने के बाद उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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