Bhopal Cyber Fraud: केरल और राजस्थान से चार आरोपियों को दबोचने के बाद खुलासा तो किया लेकिन जिसके साफ जालसाजी हुई उसके नाम को गोपनीय रखा
भोपाल। पीएमएलए केस में फंसाने की धमकी देकर करीब साढ़े अड़सठ लाख रुपए की जालसाजी हुई। अमूमन पीएमएलए केस की जांच ईडी करती है। यह वारदात भोपाल (Bhopal Cyber Fraud) शहर की है। जिसके साथ हुई उसका नाम गोपनीय है। लेकिन, आरोपियों को दबोचने के बाद जांच कर रही भोपाल क्राइम ब्रांच ने इस मामले का खुलासा जरुर किया है। पुलिस ने केरल और राजस्थान के दो शहरों में दबिश देकर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने विज्ञप्ति जारी करके यह दी है जानकारी
भोपाल पुलिस ने बताया कि आरोपी MDMA ड्रग का पार्सल भेजने और मनी लॉड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर 68 लाख 49 हजार रुपए ऐंठ चुके थे। पुलिस ने इसे FedEx Fraud बताया है। आरोपियों को राजस्थान के जयपुर और केरला के कासरगोड इलाके से दबोचा है। पुलिस ने यह भी बताया है कि आरोपियों के खाते में करोडों रूपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। पुलिस के दावे सही है तो आईटी और दूसरी बड़ी एजेंसियों को इस गिरोह की भनक ही नहीं लगने पर एजेंसियों की कार्यप्रणाली कठघरे में आती है। आरोपियोंने फेडेक्स कम्पनी का कर्मचारी बताकर पहली बार कॉल किया था। उसे बताया गया था कि उनका पार्सल मुम्बई से ताईवान जा रहा था। यह कॉल स्काइप से किया गया था। पार्सल में एम कैट ड्रग होने की जानकारी दिखाकर उन्हें डराया गया। आरोपियों ने उन्हें घर में ही नजरबंद कर लिया था। उन्होंने धमकाया था कि यदि वह बाहर निकले तो सर्विलांस के जरिए वे निगरानी में रहेंगे। इस मामले की जांच में व्हाट्सएप नम्बर, मोबाइल नंबर और स्काइप आईडी से जानकारी जुटा गई। इससे पहले पुलिस ने 31/24 धारा 419/420/34 का प्रकरण दर्ज कर लिया था।
यह बता रही है पुलिस
भोपाल पुलिस की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पुलिस ने जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई उसका पता लगाया। जिसमें पता चला कि यह खाता राजेंद्र मीणा (Rajendra Meena) के नाम पर है। वह राजस्थिान जिले के सवाई माधोपुर का रहने वाला है। यह खाता AU स्मॉल फाइनेंस बैंक (AU Bank) में खोला गया था। जिसके लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए थे। बैंक कर्मचारी लोकेश सैनी (Lokesh Saini) ने उक्त बैंक खाता को गलत तरीके से वेरीफाई किया था। खाता धारक राजेन्द्र मीणा ने उसी खाते से नमो नारायण (Namo Narayan) नामक व्यक्ति को डेढ़ लाख रुपए में बेच दिया था। इसी मामले में दूसरा आरोपी कासरगोड का रहने वाला अब्दुल कादर (Abdul Qadar) है। उसके रिश्तेदार आरोपी अब्दुल रहमान (Abdul Rehman) से कमीशन लेकर फ्रॉड की राशि को अपने बैंक खाते में रकम लेकर तथा बैंक से केश कराकर अब्दुल रहमान को देता था। आरोपी अब्दुल रहमान निवासी कासरगोड केरल ने बताया कि शाफी निवासी कासरगोड केरला जो दुबई से फ्रॉड का काम करता है। उसके कहने पर अब्दुल कादर व अन्य परिचित बशीर से बैंक खाते लेकर शाफी को देता है। शाफी उन खातो में फ्रॉड की राशि ट्रांसफर कराता है, बाद में अब्दुल रहमान खाता धारक अब्दुल कादर से राशि केश कराकर शाफी तक पहुंचाता है। जिसके लिये अब्दुल रहमान का अच्छा खासा कमीशन मिलता है।
इन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया
तकनीकी जांच के बाद 15 मार्च को पुलिस ने बैंक खाता धारक राजेंद्र मीणा और AU स्मॉल फाइनेंस बैंक (Bhopal Cyber Fraud) के कर्मचारी लोकेश सैनी को जयपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी राजेन्द्र मीणा से एक एण्ड्रोईड मोबाईल फोन जप्त हुआ है। जिसके बाद 22 मार्च को बैंक खाता धारक अब्दुल कादर एवं अब्दुल रहमान को कासरगोड केरला से गिरफ्तार किया गया है। उससे भी एण्ड्रोईड मोबाईल फोन व एक बैंक एटीएम कार्ड जप्त किया गया है। पुलिस ने अब इस मामले में धारा 467/468/471/ 201/120(बी) (दस्तावेजों की कूटरचना, कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल, सबूत छुपाना और साजिश) रचना बढ़ा दी है। आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।
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