MP Political News: पूर्व विधायक और प्रवक्ता त्रिपाठी दोषी करार

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MP Political News: एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाई दो—दो साल की सजा, कांग्रेस सरकार रहते हुए जन आंदोलन वाले प्रदर्शन के प्रकरण को वापस करने में नाकाम रही, अब सजा भोग रहे कार्यकर्ता, व्यापमं घोटाले के खिलाफ सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे थे कांग्रेसी नेता

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व्यापमं घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन की फ़ाइल तस्वीर जो एनएसयूआई की तरफ से जारी की गई।

भोपाल। कांग्रेस के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े और कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी और अन्य को दो—दो साल की सजा हुई है। यह आदेश भोपाल कोर्ट (MP Political News) में स्थित एमपी-एमएलए मामलों की विशेष कोर्ट ने जारी किए हैं। सजा के अलावा दोषियों पर 11-11 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह प्रकरण पुलिस ने उस वक्त दर्ज किया था जब वे व्यापमं घोटाले को लेकर 2016 में सीएम हाउस का घेराव करने जा रहे थे।

मामले के तूल पकड़ने के पूरे आसार

कोर्ट ने पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े, कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी (Vivek Tripathi), आशुतोष चौकसे (Ashutosh Chauksey), आकाश चौहान (Akash Chauhan) और धनजी गिरी (Dhanji Giri) को दो—दो साल की सजा सुनाई है। शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश स्वयं प्रकाश दुबे ने फैसला सुनाया। यह जानकारी रवि परमार (Ravi Parmar) की तरफ से मुहैया कराई गई है। एनएसयूआई (NSUI) में रहते हुए साल 2016 में सभी नेताओं ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ व्यापमं घोटाले (Vyapam Scam) को लेकर सीएम हाउस का घेराव किया था। उसके बाद हबीबगंज (Habibganj) पुलिस ने आईपीसी की धारा 353/326/333/147 में मामला दर्ज किया था। न्यायालय ने इस मामले में सभी आरोपियों को 30-30 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी है। मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने कहा कि हम माननीय न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं। यह भाजपा सरकार के प्रतिशोध वाली घटिया राजनीति का एक उदाहरण है। छात्र हितों में लड़ाई लड़ने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा किया जाता है। हम इससे हताश नहीं हैं। हम आमजनों की लड़ाई दोगुनी ताकत से लड़ते रहेंगे। हम गांधी-नेहरू की विचारधारा को मानने वाले लोग हैं। इसलिए जेल जाने से नहीं डरते। सत्य के लिए लड़ाई जारी रहेगी।

कांग्रेस सरकार ने सुध ही नहीं ली

उल्लेखनीय है कि 2018 में कांग्रेस में कमलनाथ की अगुवाई में सरकार बनी थी। उस वक्त कैबिनेट ने फैसला लिया था कि ऐसे मुकदमे जो जनहित में उठाए गए मुद्दे के चलते दर्ज हैं सरकार उन्हें वापस लेगी। उस वक्त इस प्रकरण को ध्यान में नहीं दिया गया। ज​बकि यह घोटाले और छात्र हितों से जुड़ा मामला था। इससे पहले अदालत ने कुनाल चौधरी (Kunal Chaudhry) को भी प्रदर्शन को लेकर कोर्ट उठने तक की सजा सुनाई थी। अब इस ताजा फैसले से राजनीतिक भूचाल आना तय है। क्योंकि केंद्र सरकार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ईडी छापे के बयान को लेकर वैसे ही सिरदर्द बन गए हैंं। इस सजा के फैसले के बाद कांग्रेस कई मोर्चो में जो बिखरी हुई है वह एकजुट होकर और अत्याधिक मुखर होकर सड़क पर आ सकती है। इससे सत्तारुढ़ सरकार के लिए मुश्किलें आना तय है।

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